ETV Bharat / bharat

पंजाब में केंद्रीय नियमों पर सांसदों में रोष, कहा- चंडीगढ़ भावनात्मक मुद्दा, फैसला वापस ले गृह मंत्रालय

कभी पीएम मोदी की सहयोगी रहीं हरसिमरत कौर बादल ने केंद्र सरकार के फैसले पर ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ हमारे लिए भावनात्मक मुद्दा है, और इसे गृह मंत्रालय पंजाब के अधीन करे. उन्होंने शून्यकाल में यह विषय उठाते हुए आरोप लगाया कि 'पंजाब के अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है.'

harsimrat kaur
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर
author img

By

Published : Mar 29, 2022, 3:32 PM IST

Updated : Mar 29, 2022, 4:10 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चंडीगढ़ के सभी कर्मचारियों को केंद्रीय सेवा नियमों के दायरे में लाने की हालिया घोषणा की पृष्ठभूमि में शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने लोक सभा में कहा कि चंडीगढ़ पंजाब के लिए भावनात्मक मुद्दा है और बतौर राजधानी इसे पंजाब के तहत किया जाना चाहिए.

मंगलवार को लोक सभा सदस्य हरसिमरत कौर ने कहा, 'चंडीगढ़ लंबे समय से पंजाब और हरियाणा की साझा राजधानी है...समय-समय पर केंद्र सरकारों ने चंडीगढ़ पर हमारे दावे को कमजोर करने का प्रयास किया है. अब तो चंडीगढ़ में दूसरे केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर के कर्मचारी जा सकते हैं. यह हमारे अधिकार पर डाका है.' उन्होंने दावा किया, 'यह हमारे लिए भावनात्मक मुद्दा है. इस सब पर हमारा अधिकार कम किया जा रहा है.'

लोक सभा में सांसद हरसिमरत कौर बादल

पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने 1980 के दशक के 'राजीव-लोंगोवाल समझौते' का हवाला देते हुए कहा, ''मेरा आग्रह है कि चंडीगढ़ को पंजाब के सुपुर्द जल्द करवाइए. हमारी राजधानी हमें वापस दिलवाइए.' बता दें कि लोक सभा में 28 मार्च को भी यह मुद्दा उठा था. पंजाब के कई सांसदों ने केंद्र सरकार के फैसले पर ऐतराज जताते हुए नियम लागू होने के संबंध में जारी आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है.

पंजाब में केंद्रीय नियमों को लागू करने पर पंजाब के सांसदों की आपत्ति

यह भी पढ़ें-

(इनपुट- पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चंडीगढ़ के सभी कर्मचारियों को केंद्रीय सेवा नियमों के दायरे में लाने की हालिया घोषणा की पृष्ठभूमि में शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने लोक सभा में कहा कि चंडीगढ़ पंजाब के लिए भावनात्मक मुद्दा है और बतौर राजधानी इसे पंजाब के तहत किया जाना चाहिए.

मंगलवार को लोक सभा सदस्य हरसिमरत कौर ने कहा, 'चंडीगढ़ लंबे समय से पंजाब और हरियाणा की साझा राजधानी है...समय-समय पर केंद्र सरकारों ने चंडीगढ़ पर हमारे दावे को कमजोर करने का प्रयास किया है. अब तो चंडीगढ़ में दूसरे केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर के कर्मचारी जा सकते हैं. यह हमारे अधिकार पर डाका है.' उन्होंने दावा किया, 'यह हमारे लिए भावनात्मक मुद्दा है. इस सब पर हमारा अधिकार कम किया जा रहा है.'

लोक सभा में सांसद हरसिमरत कौर बादल

पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने 1980 के दशक के 'राजीव-लोंगोवाल समझौते' का हवाला देते हुए कहा, ''मेरा आग्रह है कि चंडीगढ़ को पंजाब के सुपुर्द जल्द करवाइए. हमारी राजधानी हमें वापस दिलवाइए.' बता दें कि लोक सभा में 28 मार्च को भी यह मुद्दा उठा था. पंजाब के कई सांसदों ने केंद्र सरकार के फैसले पर ऐतराज जताते हुए नियम लागू होने के संबंध में जारी आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है.

पंजाब में केंद्रीय नियमों को लागू करने पर पंजाब के सांसदों की आपत्ति

यह भी पढ़ें-

(इनपुट- पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 29, 2022, 4:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.