बेंगलुरु: भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के नेता और सांसद तेजस्वी सूर्या (MP Tejasvi Surya) ने बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की हत्या (Bajrang Dal Activist Murder Case) मामले में कहा कि यह 'आतंक का केरल मॉडल' है. सूर्या ने मांग की है कि इस हत्या को किसी एक व्यक्ति के मामले की तरह नहीं लिया जाना चाहिए, बल्कि इसे आतंक का कृत्य समझा जाना चाहिए.
सूर्या हर्षा के माता-पिता से मुलाकात करने पहुंचे थे. परिवार से मिलने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की. सूर्या ने कहा कि हर्षा बजरंग दल के एक समर्पित कार्यकर्ता थे. कर्नाटक में बढ़ते इस्लामी कट्टरवाद (Growing Islamic Fundamentalism In Karnataka) ने हर्षा की बली ले ली. हर्षा हिंदुत्व के लिए जिए एवं मरे.
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1. Harsha’s isn't isolated murder but act of terror. Need to prosecute u/s 16 of UAPA
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) February 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
2. Set up exclusive agency to monitor, investigate & preempt terror
3. Amend KCOCA to declare these outfits as organised crime syndicate
4. Submit detailed dossier to GOI to ban PFI, SDPI pic.twitter.com/NgwhULHjZS
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— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) February 22, 2022
2. Set up exclusive agency to monitor, investigate & preempt terror
3. Amend KCOCA to declare these outfits as organised crime syndicate
4. Submit detailed dossier to GOI to ban PFI, SDPI pic.twitter.com/NgwhULHjZS1. Harsha’s isn't isolated murder but act of terror. Need to prosecute u/s 16 of UAPA
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) February 22, 2022
2. Set up exclusive agency to monitor, investigate & preempt terror
3. Amend KCOCA to declare these outfits as organised crime syndicate
4. Submit detailed dossier to GOI to ban PFI, SDPI pic.twitter.com/NgwhULHjZS
तेजस्वी सूर्या ने कहा कि हम कर्नाटक में जिस तरह की हत्याएं देख रहे हैं. यह आतंकवाद का केरल मॉडल है. उनके अनुसार, कर्नाटक और देश के अन्य हिस्सों में इस तरह की घटनाओं के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI), सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI), और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) जैसे संगठन थे.
बीजेपी सांसद ने कहा कि सरकार से मेरी अपील है कि यह हत्या नहीं बल्कि आतंक का काम है. इसे हत्या मानकर आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 302 के तहत इसकी जांच न करें. अपराधियों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज करें. हमें देश को बचाने की जरूरत है.
सूर्या ने सरकार से कहा कि वह किसी को भी हत्याओं की पृष्ठभूमि की खोज करने जैसी कहानियों के चक्कर में न पड़े क्योंकि इससे जांच की दिशा बदल जाएगी. ये हत्याएं व्यक्तिगत कारणों से नहीं की गई हैं. यह केवल इसलिए किया गया क्योंकि हर्ष हिंदुत्व के लिए काम कर रहे थे. इसलिए, यह हत्या नहीं बल्कि आतंक का कार्य है.
'मास्टरमाइंड पर्दे के पीछे करते हैं काम'
सांसद ने कहा कि इन सभी संगठनों का दूसरे राज्यों से नेटवर्क है. पीएफआई, केएफडी, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, एसडीपीआई और इस तरह के सभी संगठनों का केरल, उत्तर प्रदेश, गोवा, राजस्थान से नेटवर्क है. उनके अनुसार, जिन्होंने हर्ष और अन्य दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं की हत्या की है, वे केवल सुपारी किलर थे, जबकि उनके मास्टरमाइंड पर्दे के पीछे काम करते हैं.
हर्षा की हत्या कम से कम छह लोगों के एक गिरोह ने की थी, जबकि पुलिस को कई और लोगों के शामिल होने का संदेह है. इस घटना के कारण शिवमोग्गा के कुछ हिस्सों में आगजनी, हिंसा और तोड़फोड़ हुई, जिसके कारण सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई और स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई.