चेन्नई : जो लोग सोशल मीडिया चलाते हैं, उनमें से कई लोगों ने कभी न कभी ऐसे किसी व्यक्ति को जरूर देखा होगा, जो सोने के गहनों से लदा था. उन्ही लोगों में से एक हैं, हरि नादर (Hari Nadar). इनको देख के जाहिर तौर पर मन में कई सवाल उठते हैं, जैसे, कौन है ये? क्या काम है इनका? आदि.
हरि नादर वही हैं, जिन्होंने दो वर्ष पहले पनंगट्टु पडै काची (Panangattu Padai Katchi) नाम की एक पार्टी शुरू की थी. 4.5 किलो से ज्यादा सोने के गहने पहनने वाले नादर ने एक बार फिर राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया है. जी हां, नादर पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं.
हरि नादर उन अनेक लोगों में से एक हैं, जो आखों में सपने और दिल में उम्मीद लिए तमिलनाडु के चेन्नई पहुंचे थे. गरीब परिवार में जन्मे हरि नादर दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने के लिए चेन्नई पहुंचे थे. एड़ी चोटी का जोर लगाने के बाद किसी तरह उन्हें एक ट्रैवल कंपनी में नौकरी मिली.
बस स्टैंड पर खड़े होकर यात्रियों को आवाज देते उनका पूरा दिन बीतता था. जितने ज्यादा यात्री उनकी बस में आते, हरि की उतनी ज्यादा कमाई होती. इस काम का एक फायदा यह भी था कि हरि की कई व्यापारियों के साथ दोस्ती हो गई. इसी तरह फाइनेंसिंग के व्यवसाय में नादर ने अपनी जगह बनाई, जिसके चलते उन्होंने नई ऊंचाइयों को छुआ.
समय के साथ उनका व्यवसाय इतना बढ़ गया कि वह बड़े-बड़े उद्योगपतियों और वीआईपी लोगों को पैसे उधार देने लगे. आज के समय में वह जाने माने फिल्म प्रोड्यूसर हैं.
अथाह धन अर्जित करने के बाद हरि नादर ने कुछ और बड़ा करने की ठानी, जिससे उनकी लोकप्रियता और बढ़ जाए. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्होंने उस विरासत का इस्तेमाल किया, जो बचपन से उनके साथ थी. हरि, नादर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. और इसी के चलते वह 2009 में 'रॉकेट' राजा के संपर्क में आए. 'रॉकेट' राजा दक्षिणी जिलों का कुख्यात गुंडा है. दोनों के बीच सबसे बड़ी समानता उनके खिलाफ लंबित मामलों का ढेर है.
इसी पृष्ठभूमि पर नादर ने 'रॉकेट' राजा के संगठन 'नादर मक्कल शक्ति आंदोलन' में समन्वयक का पद संभाला. हरि नादर तब से सक्रिय रूप से नादर समुदाय के सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं को हल करने में लगे हुए हैं.
जब भी उनके समुदाय के लोगों को किसी भी तरह की समस्या होती था, वह उनके साथ खड़े रहते थे. जब एआईएडीएमके की पूर्व सांसद शशिकला पुष्पराज और डीएमके तिरुचि के सांसद शिवा के बीच विवाद हुआ था, हरि नादर ने शशिकला समर्थन किया था, जो उनके समुदाय से संबंध रखती हैं.
हरि द्वारा अर्जित की गई तथाकथित प्रसिद्धि और नाम से वह पूरी तरह से संतुष्ट नहीं थे. नादर को समाज का ध्यान अपने ओर आकर्षित की आकांक्षा थी. हालांकि, उन्हें यह इल्म था कि उनकी सांप्रदायिक पहचान लोकप्रियता अर्जित करने के लिए पर्याप्त नहीं थी. इसलिए उन्होंने कुछ ऐसा करने के बारे में सोचा, जिससे वह आकर्षण-बिन्दु बन गए.
बचपन से ही हरि नादर को सोने गहनों का शौक था. बाद में उन्होंने सोने के गहने पहनने शुरी किए और धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ती गई. 4.5 किलो से ज्यादा सोने आभूषण पहने जब नादर सड़क पर निकलते हैं, तो लोगों की नजरें अपने आप उनपर टिक जाती हैं.
हाल ही में उन्होंने हवाई यात्रा की और एयपोर्ट के अधिकारियों ने सोने से लदे इस व्यक्ति की खबर आयकर विभाग को देदी. इसके बाद उनसे गहन पूछताछ की गई. 1.5 करोड़ रुपये आयकर भरने के बाद हरि को छोड़ा गया.
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वह जहां जाते आकर्षण का केंद्र बने रहते और उनकी ख्याति को सोशल मीडिया ने भी खूब हवा दी. कुछ समय बाद उन्होंने नादर मक्कल शक्ति आंदोलन का नाम बदलकर पनंगट्टु पडै काची कर दिया. 2019 में हरि ने अपने संगठन की ओर से तिरुनेलवेली जिले में नंगुनेरी निर्वाचन क्षेत्र के लिए उप-चुनाव लड़ा और हार गए.
उन्हें कुल 4,243 वोट मिले और नादर समुदाय से मिले समर्थन से वह चौक गए. इससे उनको प्रोत्साहन मिला और अब उनकी नजर तिरुनेलवेली जिले में अलंगुलम पर है. यह एक ऐसा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र है, जिसमें नादर समुदाय के लोग बहुसंख्यक हैं. चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही हरि निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं के साथ बातचीत करके उनको लुभाने की कोशिश कर रहे थे.
सामान्यत: उम्मीदवार मतदाताओं के बीच सादा और विनम्र आचरण अपनाते हैं. हालांकि, सादगी से हरि नादर का कोई लेना देना नहीं है. वह सोने से लदे महंगी गाड़ियों में अपने निर्वाचन क्षेत्र में घूमते हैं.
उन्होंने यह भी घोषणा की है कि उनकी पार्टी 56 निर्वाचन क्षेत्रो में चुनाव लड़ेगी. इसमें से तमिलनाडु में 49, केरल में 2 और पांडिचेरी में 5 सीट हैं. गौर करने वाली बात यह है कि इन सभी निर्वाचन क्षेत्रों में नादर मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है.
जब हरि नादर से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी निश्चित रूप से जीतेगी. उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने केवल राजनीतिक मान्यता प्राप्त करने के उद्देश्य से नादर मक्कल सक्ती आंदोलन को पानगट्टू पडाई काची के रूप में फिर से शुरू किया. हालांकि, 'रॉकेट' राजा को पार्टी का नेता माना जाता है, लेकिन वह राजनीति में इतने सक्रिय नहीं हैं, क्योंकि उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले लंबित हैं. हरि नादरा ही पार्टी के वास्तविक प्रमुख हैं.