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महाराष्ट्र सरकार ने ईंधन से 79,412 करोड़ रुपये कमाए : हरदीप पुरी

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोगों को राहत देने के लिए ईंधन पर VAT को कम नहीं करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया. कहा कि महाराष्ट्र सरकार अब तक लगभग 79, 412 करोड़ की आय केवल ईंधन टेक्स से अर्जित कर चुकी है तो क्या राज्य की जिम्मेदारी नहीं बनती है कि वे तेल के दाम कम करें.

हरदीप पुरी
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Published : Apr 28, 2022, 1:19 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार सुबह लोगों को राहत देने के लिए ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (वैट) को कम नहीं करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया. पुरी ने कहा कि इस वित्त वर्ष में महाराष्ट्र सरकार ईंधन कर से 33,000 करोड़ रुपये की आमदनी होने की उम्मीद है. केंद्रीय मंत्री ने आज ट्वीट किया "सच्चाई आहत करती है, लेकिन तथ्य स्वयं बोलते हैं. महाराष्ट्र सरकार ने 2018 से ईंधन कर के रूप में 79,412 करोड़ रुपये कमाए हैं और इस साल 33,000 करोड़ रुपये की कमाई की उम्मीद है. इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार की ईंधन से कमाई 1.12 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी. क्या लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट कम नहीं करना चाहिए?"

  • The truth hurts, but facts speak for themselves.
    Maharshtra Govt has collected ₹79,412 crore as fuel taxes since 2018 & is expected to collect 33,000 cr this year. (Adding up to a whopping ₹1,12,757 cr). Why did it not reduce VAT on petrol & diesel to provide relief to people?

    — Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) April 28, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यह एक दिन बाद आता है जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र को यह कहते हुए फटकार लगाई कि राज्य सरकार को ईंधन की कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. बता दें कि मुख्यमंत्री ठाकरे ने बुधवार को प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आज मुंबई में एक लीटर डीजल की कीमत में केंद्र के लिए 24.38 रुपये और राज्य के लिए 22.37 रुपये है. पेट्रोल की कीमत में 31.58 पैसे है और केंद्रीय कर 32.55 रुपये का है. इसलिए यह सच नहीं है कि राज्य के कारण पेट्रोल और डीजल अधिक महंगा हो गया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, महाराष्ट्र देश में सबसे अधिक 15 प्रतिशत जीएसटी एकत्र करता है. प्रत्यक्ष कर और जीएसटी दोनों को मिलाकर, महाराष्ट्र देश का नंबर एक राज्य है.

बुधवार को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक COVID-19 समीक्षा बैठक की. बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल थे. बैठक में पीएम मोदी ने गैर-भाजपा दलों द्वारा शासित राज्यों से ईंधन पर वैट कम करने की अपील की. उन्होंने कहा कि कई विपक्षी शासित राज्यों में ईंधन की कीमतें अधिक है और आम आदमी को लाभ पहुंचाने के लिए "राष्ट्रीय हित" और "सहकारी संघवाद" के एक हिस्से के रूप में मूल्य वर्धित कर को कम करने का आग्रह किया.

यह भी पढ़ें-ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर पीएम की टिप्पणी पर बिफरीं ममता

एएनआई

नई दिल्ली: केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार सुबह लोगों को राहत देने के लिए ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (वैट) को कम नहीं करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया. पुरी ने कहा कि इस वित्त वर्ष में महाराष्ट्र सरकार ईंधन कर से 33,000 करोड़ रुपये की आमदनी होने की उम्मीद है. केंद्रीय मंत्री ने आज ट्वीट किया "सच्चाई आहत करती है, लेकिन तथ्य स्वयं बोलते हैं. महाराष्ट्र सरकार ने 2018 से ईंधन कर के रूप में 79,412 करोड़ रुपये कमाए हैं और इस साल 33,000 करोड़ रुपये की कमाई की उम्मीद है. इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार की ईंधन से कमाई 1.12 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी. क्या लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट कम नहीं करना चाहिए?"

  • The truth hurts, but facts speak for themselves.
    Maharshtra Govt has collected ₹79,412 crore as fuel taxes since 2018 & is expected to collect 33,000 cr this year. (Adding up to a whopping ₹1,12,757 cr). Why did it not reduce VAT on petrol & diesel to provide relief to people?

    — Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) April 28, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यह एक दिन बाद आता है जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र को यह कहते हुए फटकार लगाई कि राज्य सरकार को ईंधन की कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. बता दें कि मुख्यमंत्री ठाकरे ने बुधवार को प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आज मुंबई में एक लीटर डीजल की कीमत में केंद्र के लिए 24.38 रुपये और राज्य के लिए 22.37 रुपये है. पेट्रोल की कीमत में 31.58 पैसे है और केंद्रीय कर 32.55 रुपये का है. इसलिए यह सच नहीं है कि राज्य के कारण पेट्रोल और डीजल अधिक महंगा हो गया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, महाराष्ट्र देश में सबसे अधिक 15 प्रतिशत जीएसटी एकत्र करता है. प्रत्यक्ष कर और जीएसटी दोनों को मिलाकर, महाराष्ट्र देश का नंबर एक राज्य है.

बुधवार को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक COVID-19 समीक्षा बैठक की. बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल थे. बैठक में पीएम मोदी ने गैर-भाजपा दलों द्वारा शासित राज्यों से ईंधन पर वैट कम करने की अपील की. उन्होंने कहा कि कई विपक्षी शासित राज्यों में ईंधन की कीमतें अधिक है और आम आदमी को लाभ पहुंचाने के लिए "राष्ट्रीय हित" और "सहकारी संघवाद" के एक हिस्से के रूप में मूल्य वर्धित कर को कम करने का आग्रह किया.

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एएनआई

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