मुंबई : भारतीय रेलवे के इतिहास में सबसे पुरानी और सबसे ऐतिहासिक एक्सप्रेस में से एक पंजाब मेल एक्सप्रेस (Punjab Mail Express) की आज 109वीं वर्षगांठ (109th anniversary) मना रही है. रेलवे के गौरवशाली इतिहास की गवाह यह एक्सप्रेस आज भी उसी वैभव से यात्रियों की सेवा में चल रही है.
मुंबई से पेशावर की यात्रा
मुंबई से पेशावर के लिए चलने वाली पंजाब मेल की शुरुआत कब हुई इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं हैं.1911 के बजट दस्तावेजों में रिकॉर्ड के अनुसार 12 अक्टूबर 1912 को एक यात्री ने शिकायत की कि ट्रेन दिल्ली पहुंचने में कुछ मिनट देरी से चल रही थी. इस रिकॉर्ड से यह अनुमान लगाया जाता है कि पंजाब मेल ने पहली बार 1 जून, 1912 को बलार्ड पियर मॉल स्टेशन (Ballard Pier Mall station) से निकली थी.
ट्रेन मुंबई के बेलार्ड पियर मॉल स्टेशन से पेशावर तक जाती थी, जो अब पाकिस्तान में है. यह उस समय की पहली और सबसे तेज ट्रेन थी, जिसकी रेंज 2,496 किमी थी. इस दूरी को तय करने में उसे 47 घंटे लगते थे.
![पंजाब मेल एक्सप्रेस](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mh-mum-7209757_01062021014151_0106f_1622491911_763_0106newsroom_1622548075_699.jpg)
'पंजाब मेल' नाम कैसे पड़ा?
पंजाब लिमिटेड (Punjab Limited ) विभाजन पूर्व ब्रिटिश भारत में सबसे तेज ट्रेन थी. पंजाब लिमिटेड का रूट बड़े पैमाने पर जीआईपी ट्रैक (GIP tracks) से होकर जा रहा था.
यह मार्ग इटारसी-आगरा-दिल्ली-लाहौर से पेशावर तक जाता है. 1914 से, यह ट्रेन बॉम्बे वीटी (Bombay VT) से आने और जाने लगी. बाद में इस ट्रेन को पंजाब लिमिटेड की जगह पंजाब मेल के नाम से जाना जाने लगा.
पंजाब मेल ब्रिटिश अधिकारियों की सेवा में थी
पंजाब मेल ग्लैमरस फ्रंटियर मेल से 16 साल पुरानी है. प्रारंभ में ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों और उनकी पत्नियों, जो औपनिवेशिक भारत (colonial India) में पहली बार तैनात थे, को इस मेल के माध्यम से लाया गया था.
साउथेम्प्टन और बॉम्बे के बीच स्टीमर की यात्रा तेरह दिनों की थी. इसलिए ब्रिटिश अधिकारी मुंबई से अपने पोस्टिंग स्टेशनों के लिए यात्रा करते थे.
![पंजाब मेल एक्सप्रेस](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mh-mum-7209757_01062021014151_0106f_1622491911_955_0106newsroom_1622548075_131.jpg)
पंजाब मेल का 2496 किमी का सफर
ट्रेन करीब 47 घंटे में 2,496 किमी की दूरी तय करती थी. ट्रेन में छह कोच थे, जिसमें से तीन कोच यात्रियों के लिए और तीन कोच डाक सामान और पोस्ट के लिए थे. तीन डिब्बों की क्षमता 96 यात्रियों की थी. ये कोच कॉरिडोर कार थे.
यह प्रथम श्रेणी, दो-बर्थ डिब्बों के साथ बनाया गया था. चूंकि यह ट्रेन उच्च श्रेणी (high-class passengers) के यात्रियों के लिए है, इसलिए इसमें अच्छी सुविधाएं हैं. इसमें शौचालय, एक बाथरूम, एक रेस्तरां कार, एक सामान रखने का डिब्बा और अधिकारियों के कर्मचारियों के लिए एक डिब्बे था.
1930 में लोक सेवा में आई
1930 के दशक मध्य से पंजाब मेल में तृतीय श्रेणी के कोच दिखाई देने लगे. 1914 में मुंबई से दिल्ली का GIP रूट करीब 1541 किमी का था.
ट्रेन 29 घंटे 30 मिनट में यह दूरी तय कर रही थी. 1920 के दशक की शुरुआत में, लगभग 18 स्टॉप होने के बावजूद, इस मेल का यात्रा समय घटाकर 27 घंटे 10 मिनट कर दिया गया था.
![पंजाब मेल एक्सप्रेस](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mh-mum-7209757_01062021014151_0106f_1622491911_772_0106newsroom_1622548075_486.jpg)
1972 में यात्रा का समय फिर से बढ़ाकर 29 घंटे कर दिया गया. 2011 में पंजाब मेल के 55 स्टॉप थे. 1945 में पंजाब मेल में एक वातानुकूलित कोच ( air-conditioned coach ) जोड़ा गया.
डीजल इंजन से चलने लगी पंजाब मेल
थाल घाट के विद्युतीकरण के बाद (electrification of Thal Ghat) रेलवे ने बॉम्बे वीटी से मनमाड तक इलेक्ट्रिक इंजनों के साथ चलना शुरू कर दिया. वहां से यह WP क्लास के स्टीम इंजन से चल रहा था.
ट्रेन मनमाड से फिरोजपुर के लिए डब्ल्यूपी से चल रही थी. 1968 में झाशी तक ट्रेन डीजल से चलने लगी. साथ ही लोडिंग 12 से बढ़ाकर 15 कोच कर दी गई.
![पंजाब मेल एक्सप्रेस](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mh-mum-7209757_01062021014151_0106f_1622491911_1091_0106newsroom_1622548075_32.jpg)
बाद में इसे 1976 में झाशी से नई दिल्ली और फिर फिरोजपुर तक बढ़ा दिया गया. झाशी में दो कोचों को जोड़कर इसकी संख्या और बढ़ा दी गई.
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पंजाब मेल के एलएचबी कोच
पंजाब मेल ट्रेन अब इलेक्ट्रिक इंजन (electric engine) से चल रही है. रेस्टोरेंट कार की जगह अब पेंट्री कार ने ले ली है.
इस समय स्पेशल पंजाब मेल में एक फर्स्ट और सेकेंड एसी, दो सेकेंड एसी, छह थर्ड एसी, छह स्लीपर, एक पेंट्री कार, पांच साधारण सेकेंड क्लास कोच और एक जेनरेटर वैन है.
आज पंजाब मेल ट्रेन अपने 110वें वर्ष में प्रवेश करने जा रही है. अब पंजाब मेल को विशेष एलएचबी कोच के साथ लॉन्च किया गया है. एलएचबी कोच यात्रियों को अधिक सुरक्षित और सुखद यात्रा अनुभव प्रदान करते हैं.