नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सोने के गहनों को लेकर भरोसा, ग्राहकों के संतोष को बढ़ाने के लिये शुद्धता, गुणवत्ता को लेकर आभूषणों व कलाकृतियों की हॉलमार्किंग जरुरी है. इससे दुनिया भर में भारत को एक प्रमुख स्वर्ण बाजार केंद्र के रुप में तब्दील करने में सहायता मिलेगी.
बता दें सोने के गहनों व कलाकृतियों पर 15 जून से हॉलमार्किंग अनिवार्य हो जायेगी. केंद्रीय उपभोक्ता मामले के विभाग ने यह निर्णय लिया है. जौहरियों को सिर्फ 14,1822 कैरेट के सोने के आभूषण बेचने की इजाजत होगी. गोल्ड हॉलमार्किंग शुद्धता की गांरटी देता है.
पढ़ें- भारत के इन शहरों में 26 को दिखाई देगा चंद्रग्रहण
इस निर्णय से सोने की खरीद में ग्राहकों से धोखाधड़ी रुकेगी. चोरी के गहने न कोई बेच पायेगा न खरीद पायेगा. गहनों पर BIS, कैरेट-फाइनेंस, हॉलमार्किंग सेंटर का नंबर, ज्वेलर्स का आइडेंटिफिकेशन नंबर होगा. ज्वेलरी, गोल्ड आइटम पर हॉलमार्क के लिये 35 रुपये टैक्स अतिरिक्त है, लेकिन ज्यादा गहनों की शुद्धता के लिए न्यूनतम 200 रुपये और टैक्स लगेगा. इससे सोने की कीमत अधिक नहीं बढ़ेगी.
15 जून से ज्वेलरी बेचने की नयी व्यवस्था के लिये एक समिति बनी है. यह समिति हॉलमार्किंग से जुड़े मसलों का समाधान करेगी. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) के महानिदेशक प्रमोद तिवारी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है. इसमें केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ज्वेलरी एसोसिएशन हॉलमार्किंग निकायों के प्रतिनिधि रहेंगे.
पढ़ें- नए सीबीआई प्रमुख के लिए तीन नाम किए गए शॉर्टलिस्ट, जानें कौन हैं वो
बता दें कि पूरे देशभर में एक जून से हॉलमार्किंग के नियम लागू होने थे, लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए तारीख बढ़ा दी गयी है. हॉलमार्किंग की प्रक्रिया देश भर में हॉलमार्किंग केंद्रों पर की जाएगी. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) इसकी निगरानी करेगा.
वर्तमान में 40 प्रतिशत सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग की जाती है. वर्ष 2000 से ही सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग की योजना BIS चला रहा है. अब 15 जून से देश में सिर्फ हॉलमार्क वाली ज्वेलरी बिकेगी.