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'चीता' और 'चेतक' की जगह लेगा एचएएल का यह हेलीकॉप्टर, दुश्मनों की टोह लेने में है माहिर

सेना के लिए एचएएल के लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर को प्रारंभिक परिचालन की मंजूरी मिल गई है. बेंगलुरु में 13वें द्विवार्षिक एयरो इंडिया 2021 एक्सपो के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में कैमिला से आईओसी मिला.

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Published : Feb 6, 2021, 8:01 AM IST

बेंगलुरु : भारतीय सेना के लिए केंद्र संचालित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से बनाए गए लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) को शुक्रवार को सैन्य विमानन नियामक कैमिला से प्रारंभिक परिचालन मंजूरी (आईओसी) मिल गई है. एलयूएच के सेना वेरिएंट को शहर के येलहंका एयर बेस पर 13वें द्विवार्षिक एयरो इंडिया 2021 एक्सपो के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में कैमिला से आईओसी प्राप्त हुआ.

3-टन क्लास सिंगल-इंजन चॉपर, जो शहर स्थित डिफेंस बेहेमोथ के रोटरी विंग द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, तीनों रक्षा सेवाओं के संचालन में पुराने हो चुके चीता और चेतक के बेड़े की जगह लेगा.

एचएएल के निदेशक अरूप चटर्जी ने कार्यक्रम के दौरान कहा, हम एलयूएच पर एकीकृत और उड़ान-परीक्षण (फ्लाइट टेस्टिंग) मिशन के चरण में हैं, जिनका सभी क्षेत्रों और सभी मौसमों में प्रदर्शन संतोषजनक रहा है.

फ्रांसीसी एयरोस्पेस प्रमुख सफरान के टर्बो शाफ्ट इंजन (अर्दीदन 1 यू) द्वारा संचालित, एलयूएच हिमालय में उच्च ऊंचाई वाले मिशनों के लिए एक स्मार्ट कॉकपिट डिस्प्ले सिस्टम, स्वास्थ्य एवं उपयोग निगरानी प्रणाली से लैस है.

बता दें कि इस हेलीकॉप्टर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसका इस्तेमाल टोह लेने, परिवहन, माल ढ़ुलाई और बचाव कार्य जैसे कामों में किया जा सकता है. इसमें ऐसी क्षमता है कि वो हिमालय की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है.

पढ़ेंः आत्मनिर्भर भारत के तहत जहाज निर्माण बहुत सारे रोजगार पैदा करेगा : जीआरएसई

यह विभिन्न इलाकों और जलवायु परिस्थितियों जैसे ठंड के मौसम, गर्म मौसम, समुद्र-स्तर और बेहद ऊंचाई वाले स्थानों पर भी कारगर है.

बेंगलुरु : भारतीय सेना के लिए केंद्र संचालित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से बनाए गए लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) को शुक्रवार को सैन्य विमानन नियामक कैमिला से प्रारंभिक परिचालन मंजूरी (आईओसी) मिल गई है. एलयूएच के सेना वेरिएंट को शहर के येलहंका एयर बेस पर 13वें द्विवार्षिक एयरो इंडिया 2021 एक्सपो के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में कैमिला से आईओसी प्राप्त हुआ.

3-टन क्लास सिंगल-इंजन चॉपर, जो शहर स्थित डिफेंस बेहेमोथ के रोटरी विंग द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, तीनों रक्षा सेवाओं के संचालन में पुराने हो चुके चीता और चेतक के बेड़े की जगह लेगा.

एचएएल के निदेशक अरूप चटर्जी ने कार्यक्रम के दौरान कहा, हम एलयूएच पर एकीकृत और उड़ान-परीक्षण (फ्लाइट टेस्टिंग) मिशन के चरण में हैं, जिनका सभी क्षेत्रों और सभी मौसमों में प्रदर्शन संतोषजनक रहा है.

फ्रांसीसी एयरोस्पेस प्रमुख सफरान के टर्बो शाफ्ट इंजन (अर्दीदन 1 यू) द्वारा संचालित, एलयूएच हिमालय में उच्च ऊंचाई वाले मिशनों के लिए एक स्मार्ट कॉकपिट डिस्प्ले सिस्टम, स्वास्थ्य एवं उपयोग निगरानी प्रणाली से लैस है.

बता दें कि इस हेलीकॉप्टर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसका इस्तेमाल टोह लेने, परिवहन, माल ढ़ुलाई और बचाव कार्य जैसे कामों में किया जा सकता है. इसमें ऐसी क्षमता है कि वो हिमालय की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है.

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यह विभिन्न इलाकों और जलवायु परिस्थितियों जैसे ठंड के मौसम, गर्म मौसम, समुद्र-स्तर और बेहद ऊंचाई वाले स्थानों पर भी कारगर है.

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