लखनऊ : स्ट्रेस से भरी लाइफ में अब कोई भी चीज व्यवस्थित नहीं रह गई है. चाहे वह खुद के बाल ही क्यों न हों. काम का प्रेशर और स्ट्रेस के कारण लड़का हो या लड़की हर कोई बाल झड़ने की समस्या से परेशान है. ऐसे में सभी लोग हर संभव प्रयास करते हैं कि किसी तरह से बालों को बचाया जा सके. यथासंभव कोशिश करने के बाद भी जब बालों को बचाने में लोग नाकामयाब होते हैं तो आखिरी में हेयर ट्रांसप्लांट कराने के लिए तैयार होते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि हेयर ट्रांसप्लांट कौन करता है और कहां हेयर ट्रांसप्लांट करवाना चाहिए.
केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्लास्टिक सर्जन डॉ. ब्रजेश मिश्रा ने बताया कि अगर सही जगह से हेयर ट्रांसप्लांट कराया जा रहा है तो उसका परिणाम भी अच्छा होगा. लोगों को यह बात समझने की जरूरत है कि किसी भी पार्लर, सैलून या क्लीनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराने की चीज नहीं है. यह भी एक प्रकार की सर्जरी है. इसमें जान का खतरा नहीं होता है लेकिन कई केस में ट्रांस्प्लांट विधा में एक्सपर्ट नहीं होने के कारण टेक्नीशियन लोगों को खतरे में डाल देते हैं. हेयर ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट टेक्नीशियन ही करता है, लेकिन पूरी टीम के साथ करता है जिसको एक प्लास्टिक सर्जन या डर्मेटोलॉजिस्ट लीड करता है. हेयर ट्रांसप्लांट खोए हुए बालों को दोबारा पाने का सबसे कारगर उपाय है. हेयर ट्रांसप्लांट 99 प्रतिशत सफलता दर के साथ पॉजिटिव परिणाम की गारंटी देता है. क्योंकि यह प्रक्रिया फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन (FUT) के माध्यम से बालों को जड़ों में ट्रांसप्लांट करती है इसलिए इसमें बालों के तेज गति से बढ़ने की संभावना अधिक होती है.
इमरजेंसी संभालने में हो एक्सपर्ट
डॉ. ब्रजेश ने बताया कि जगह-जगह शहरों में हेयर ट्रांसप्लांट के लिए क्लीनिक और सैलून पार्लर खुले हुए हैं. ऐसी जगह पर हेयर ट्रांसप्लांट कराना किसी खतरे से कम नहीं है. यह किसी भी तरह से सुरक्षित नहीं है. हेयर ट्रांसप्लांट किसी तरह से नुकसानदायक नहीं है, लेकिन कभी-कभी स्थिति को न संभाल पाने के कारण मरीज की जान जरूर जा सकती है. इसलिए हेयर ट्रांसप्लांट के लिए व्यक्ति को वहीं जाना चाहिए जहां पर इमरजेंसी में सभी सेवाएं उपलब्ध हों. साथ में प्लास्टिक सर्जन के तौर पर कोई लीड कर रहा हो जो पूरी स्थिति को संभाल सकता हो. कई बार ऐसा होता है कि ट्रांसप्लांट के दौरान मरीज की तबीयत खराब हो जाती है. ऐसे में टेक्नीशियन के समझ से परे होता है. इस स्थिति में उस क्लीनिक से मरीज को अस्पताल में रेफर किया जाता है जब तक वहां पर अस्पताल में विशेषज्ञ पूरा मामला समझ पाते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती हैं.
विभाग में सालभर में 25-30 हेयर ट्रांसप्लांट
डॉ. ब्रजेश के मुताबिक केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में साल में 25 से 30 ही हेयर ट्रांसप्लांट होते हैं. हेयर ट्रांसप्लांट के लिए 30 हजार रुपये केजीएमयू में लगते हैं. जबकि निजी अस्पतालों में हेयर ट्रांसप्लांट की कीमत एक लाख रुपये से अधिक होती है. केजीएमयू में साल भर में 25 से 30 हेयर ट्रांसप्लांट सिर्फ इसलिए ही हो पाते हैं, क्योंकि इसके लिए कोई अलग से सर्जन की नियुक्ति नहीं हुई है. हेयर ट्रांसप्लांट कॉस्मेटिक सर्जरी में आता हैं. अगर किसी मरीज का हेयर ट्रांसप्लांट नहीं हुआ तो उसकी मौत नहीं होगी, लेकिन विभाग में बहुत सारे ऐसे मरीज आते हैं जो अन्य सर्जरी के लिए आते हैं. अगर उनकी सर्जरी समय पर नहीं हुई तो उनकी जान जोखिम में आ सकती है. इसलिए मरीजों की प्राथमिकता को देखते हुए उनको ट्रीटमेंट दिया जाता है.
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