जयपुर. राजस्थान में H3N2 इन्फ्लूएंजा के मामलों में तेजी से बढोतरी हो रही है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में सर्दी जुकाम से पीड़ित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है और एसएमएस मेडिकल कॉलेज ने अब तक H3N2 इन्फ्लूएंजा के 54 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, लेकिन रोजाना महज 15 से 20 लोगों की ही सैम्पलिंग की जा रही है.
चिकित्सकों के अनुसार, ओपीडी में आने वाला हर तीसरा-चौथा मरीज इस वायरस या फिर इससे जुड़े लक्षण वाले पहुंच रहे हैं. एसएमएस अस्पताल के चिकित्सक डॉ. पुनित सक्सेना ने बताया कि मरीज नाक बंद, जुखाम, गले में दर्द और बुखार के शिकायत को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि H3N2 इन्फ्लूएंजा के मरीजों में तेज बुखार के बाद लंबे समय तक खांसी चलने की शिकायत होती है. उन्होंने बताया कि अभी ज्यादातर माइल्ड केस आ रहे हैं.
फ्लू श्रेणी का वायरस : डॉक्टर्स के अनुसार ये वायरस फ्लू श्रेणी का है. मौसम में बदलाव के साथ इसके मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. इसमें बुखार सामान्यत: 3 से 4 दिन रहता है, लेकिन कुछ केस में 6 से 7 दिन में भी बुखार ठीक नहीं हो रहा है. इस वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों में बुखार टूटने के बाद खांसी शुरू होती है और ये लंबे समय तक रहती है. कुछ मामलों में निमोनिया होने की भी कंडीशन बन रही है.
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बताया जा रहा है कि प्रदेश के अस्पतालों में जिस तुलना में इस वायरस के सिम्पटम्स के मरीज पहुंच रहे हैं उस तुलना में जांच नहीं हो रही है. एसएमएस अस्पताल में रोजाना सिर्फ 15 से 20 मरीजों की ही सैम्पलिंग की जा रही है. एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अनुसार फरवरी से लेकर अब तक H3N2 इन्फ्लूएंजा के 54 मामले सामने आ चुके हैं. एसएमएस अस्पताल के चिकित्सक डॉ. पुनित सक्सेना ने बताया कि एहतियात बरत के इस वायरस के बचा जा सकता है.