वाराणसी: यूं तो पूरे देश में ज्ञानवापी विवाद चर्चा में है. लेकिन, इस क्रम में एक और चर्चा सामने आ रही है और वह है काशी विश्वनाथ धाम के मॉडल की. जी हां आपने सही सुना, इन दिनों ज्ञानवापी विवाद के बीच में काशी विश्वनाथ धाम के मॉडल की चर्चा देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी हो रही है. बड़ी बात यह है कि इस चर्चा से जहां एक ओर लोगों की भगवान शिव के प्रति आस्था दिखाई दे रही हैं, वहीं दूसरी ओर काष्ठ कला से जुड़े कारीगरों को मुनाफा भी हो रहा है. आप सोच रहे होंगे कि भला ज्ञानवापी विवाद में विश्वनाथ मॉडल की चर्चा कैसे तो ये जानने के लिए देखिए हमारी यह रिपोर्ट.
विश्वनाथ कॉरिडोर जब तैयार हुआ था तब विश्वनाथ धाम मॉडल की चर्चा पूरे विश्व में हो रही थी. यही वजह थी कि काष्ठ कला के कारीगरों में इसे लकड़ी पर उकेरने का प्रयास किया और लोलार्क कुंड स्थित बिहारी लाल अग्रवाल ने सबसे पहले इस मॉडल को लकड़ी पर उकेरने में सफलता हासिल की. उनकी मेहनत को देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के लोगों ने पसंद किया और जमकर विश्वनाथ धाम के लकड़ी मॉडल की खरीदारी हुई. लोगों ने अलग-अलग जगह से आर्डर दिया. लेकिन, 6 महीने बाद फिर से इस मॉडल की मांग में उछाल देखने को मिल रहा है. फिर से लोगों की रुचि काशी विश्वनाथ मॉडल की ओर देखने को मिल रही है. बड़ी बात यह है कि इसको लेकर बाकायदा अलग-अलग जगहों पर आर्डर भी आ रहे हैं.
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10 दिन में 40 से 60 फीसदी तक आया उछाल
इस बारे में काष्ठ कला से जुड़ी हुईं युवा व्यापारी शुभी अग्रवाल ने बताया कि जब से विश्वनाथ धाम में शिवलिंग मिलने की बात सामने आई है, तब से इस मॉडल की डिमांड ज्यादा देखने को मिल रही है. बीते 10 दिनों की बात करें तो लगभग 40 से 60 फीसदी मॉडल के मांगों में उछाल देखने को मिल रहा है. इस उछाल का फायदा व्यापारी व कारीगरों को हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस मॉडल की कीमत 14 सौ से शुरू हो रही है और इसकी नक्काशी के अनुसार कीमत बढ़ती है. उन्होंने बताया कि अभी जो तस्वीर दिख रही है, उससे यही लग रहा है कि आगामी आने वाले दिनों में इसकी और ज्यादा बिक्री होगी.
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