ETV Bharat / bharat

14 साल से जेल में बंद फौजी को HC ने किया दोषमुक्त, उम्रकैद की हुई थी सजा

ग्वालियर हाईकोर्ट ने फौजी बलवीर सिंह यादव को रिहा कर दिया है. लोवर कोर्ट ने बलवीर सिंह यादव को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. तभी से वो जेल में था. इंसाफ पाने में 14 साल का वक्त लग गया.

ग्वालियर हाईकोर्ट
ग्वालियर हाईकोर्ट
author img

By

Published : Jan 16, 2021, 8:24 PM IST

ग्वालियर : हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने हत्या के मामले में एक फौजी को 14 साल जेल की सजा काटने के बाद अब बरी किया है. सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में फौजी ने अपील दायर की थी. खास बात यह है कि 26 जनवरी को बलवीर सिंह यादव की अच्छे चाल-चलन की वजह से रिहाई होनी थी, लेकिन 11 दिन पहले ही हाई कोर्ट ने उसे दोषमुक्त करार दे दिया.

मामला मुरैना जिले के बानमोर थाना क्षेत्र के भर्राड गांव का है. जहां 2 जुलाई 2005 को विशंभर सिंह नामक व्यक्ति की हत्या हो गई थी. उसके पिता अंतराम का कहना था कि आखरी समय उसने अपने बेटे को बलवीर सिंह यादव और राधेश्याम के साथ देखा था. इन्हीं लोगों ने उसकी गोली मारकर हत्या की है.

ग्वालियर हाईकोर्ट का फैसला

इस मामले में मृत्यु पूर्व बयान भी दर्ज कराए गए थे. लेकिन कोर्ट ने माना कि यह बयान मृतक विशंभर सिंह के जीवित रहते हुए लिए गए थे, इसमें संदेह है. सिर्फ आखिरी समय किसी के साथ देखे जाने से यह नहीं कहा जा सकता कि उसने ही मृतक की हत्या की है.

लोवर कोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा

मामले में सेना में पदस्थ बलवीर सिंह को 2006 में गिरफ्तार किया गया. तब से ही वह जेल में था. मुरैना जिला एवं सत्र न्यायालय ने उसे 2009 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. दूसरे आरोपी राधेश्याम को बरी कर दिया था.

पढ़ें-एमपी : पहली बार 'कोरोना' ने बांटी खुशियां, जमकर थिरके डाॅक्टर

अब हाईकोर्ट ने राधेश्याम को बरी किए जाने को सही ठहराया और बलवीर सिंह को भी संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया है. यह मामला पिछले साल 3 दिसंबर को हाईकोर्ट में फिजिकल हियरिंग के दौरान सुनवाई में आया था. जिस पर शुक्रवार शाम को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.

ग्वालियर : हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने हत्या के मामले में एक फौजी को 14 साल जेल की सजा काटने के बाद अब बरी किया है. सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में फौजी ने अपील दायर की थी. खास बात यह है कि 26 जनवरी को बलवीर सिंह यादव की अच्छे चाल-चलन की वजह से रिहाई होनी थी, लेकिन 11 दिन पहले ही हाई कोर्ट ने उसे दोषमुक्त करार दे दिया.

मामला मुरैना जिले के बानमोर थाना क्षेत्र के भर्राड गांव का है. जहां 2 जुलाई 2005 को विशंभर सिंह नामक व्यक्ति की हत्या हो गई थी. उसके पिता अंतराम का कहना था कि आखरी समय उसने अपने बेटे को बलवीर सिंह यादव और राधेश्याम के साथ देखा था. इन्हीं लोगों ने उसकी गोली मारकर हत्या की है.

ग्वालियर हाईकोर्ट का फैसला

इस मामले में मृत्यु पूर्व बयान भी दर्ज कराए गए थे. लेकिन कोर्ट ने माना कि यह बयान मृतक विशंभर सिंह के जीवित रहते हुए लिए गए थे, इसमें संदेह है. सिर्फ आखिरी समय किसी के साथ देखे जाने से यह नहीं कहा जा सकता कि उसने ही मृतक की हत्या की है.

लोवर कोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद की सजा

मामले में सेना में पदस्थ बलवीर सिंह को 2006 में गिरफ्तार किया गया. तब से ही वह जेल में था. मुरैना जिला एवं सत्र न्यायालय ने उसे 2009 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. दूसरे आरोपी राधेश्याम को बरी कर दिया था.

पढ़ें-एमपी : पहली बार 'कोरोना' ने बांटी खुशियां, जमकर थिरके डाॅक्टर

अब हाईकोर्ट ने राधेश्याम को बरी किए जाने को सही ठहराया और बलवीर सिंह को भी संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया है. यह मामला पिछले साल 3 दिसंबर को हाईकोर्ट में फिजिकल हियरिंग के दौरान सुनवाई में आया था. जिस पर शुक्रवार शाम को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.