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Gwalior Drone Fair: सीएम शिवराज का एलान, मध्य प्रदेश में खुलेंगे पांच ड्रोन स्कूल

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Published : Dec 12, 2021, 7:53 AM IST

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शनिवार से शुरू हुए ड्रोन मेले (Gwalior Drone Fair) में कई ड्रोन निर्माता कंपनियां भाग ले रही हैं. ड्रोन मेले का शुभारंभ करने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ड्रोन तकनीक को नई क्रांति बताते हुए प्रदेश में पांच ड्रोन स्कूल खोले जाने का एलान किया है.

Gwalior Drone Fair
ग्वालियर ड्रोन मेला

ग्वालियर : मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शनिवार से शुरू हुए ड्रोन मेले (Gwalior Drone Fair) में कई ड्रोन निर्माता कंपनियां भाग ले रही हैं. मेले के आयोजन का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में ड्रोन के साथ तकनीक का प्रयोग को बढ़ावा देना है. ड्रोन किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण (drones becoming farmers friends) साबित हो रहा है. इसी उद्देश्य को लेकर मध्य प्रदेश में पहली बार ग्वालियर में ड्रोन मेले का आयोजन किया जा रहा है. मेले का शुभारंभ करने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ड्रोन तकनीक को नई क्रांति बताते हुए प्रदेश में 5 ड्रोन स्कूल खोले जाने का एलान किया है. यह ड्रोन स्कूल ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सागर में खोले जाएंगे.

ग्वालियर ड्रोन मेला

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ड्रोन गांव की मैपिंग, बॉर्डर पर रक्षा, किसान का मददगार पहाड़ी इलाकों में दवाइयों का ट्रांसपोर्ट सहित अलग-अलग क्षेत्र में कारगर साबित होंगे. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देशभर में नए नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं और इनमें से ड्रोन टेक्नोलॉजी एक नया आयाम स्थापित करेगी.

इस मेले में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र कृषि पर आधारित ड्रोन चर्चा का विषय बनी हुई थी आधे से ज्यादा कई ड्रोन ऐसी शामिल किए गए जो कृषि के क्षेत्र में किए जाने वाले अन्य कार्यों जैसे बीज डालने या खेत में दवाई छिड़कने में कारगर साबित हो सकते हैं.

मेले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ-साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित तमाम मंत्री और अधिकारी शामिल हुए. सिंधिया ने कहा कि आज से हमारे देश में नई क्रांति की शुरुआत हुई है. यह ड्रोन हमारे देश में ट्रांसपोर्ट के लिए रीड की हड्डी साबित होगा, जो मनुष्य नहीं कर सकता वहां अब पहुंचेगा.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ड्रोन कृषि के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करेगा. इसे ड्रोन के माध्यम से देश भर के किसान आदमी की खेती की ओर जाएंगे.

किसानों के लिए कारगर साबित हो सकते हैं ड्रोन

परंपरागत खेती के तरीकों को आसान बनाने के लिए 30 लीटर की क्षमता वाले ड्रोन का मेले में प्रजेंटेशन भी दिया जाएगा. यह ड्रोन एक बार टंकी फुल करने पर एक एकड़ भूमि में बड़ी आसानी और सटीकता से कीटनाशक और पेस्टीसाइड का छिड़काव कर सकते हैं. इसके अलावा मेले में ऐसे कई ड्रोन भी शामिल किए गए हैं जो कृषि के क्षेत्र में किए जाने वाले अन्य कार्यों जैसे बीज डालने या दूसरी कई चीजों में किसान मित्र साबित हो सकते हैं.

अभी किसानों के लिए ड्रोन खरीदना एक बड़ी चुनौती

ड्रोन न्यू टेक्नोलॉजी के गैजेट्स हैं. यही कारण है कि अभी ड्रोन खरीदना आम किसान के लिए संभव नहीं है, क्योंकि टेक्नोलॉजी नई होने की वजह से ये काफी महंगे हैं. देश का आम किसान इन्हें आसानी से नहीं खरीद सकता. लेकिन मेले में किसानों की यह परेशानी दूर करने के लिए ड्रोन कंपनियां किसानों को किराए पर लोन उपलब्ध कराने की स्कीम भी लॉन्च करेंगी. इसके साथ ही बड़े किसानों को ड्रोन खरीदकर खेती के कामों में इसके इस्तेमाल को लेकर भी प्रोत्साहित किया जाएगा.

मेले में कई ऐसा ड्रोन का प्रदर्शन किया जाएगा जो किसानों के लिए काफी काम के साबित हो सकते हैं. ड्रोन निर्माता कंपनियों के मालिकों का कहना है कि अभी यह टेक्नोलॉजी नई होने के कारण काफी महंगी है लेकिन किसानों को यह पसंद आने के बाद किसानों के लिए यह लोन, या सरकार के द्वारा सब्सिडी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा.

यह भी पढ़ें- आर्थिक विकास के लिए सरकार ने बनाई नई नीति, मौजूदा में किया बदलाव: शाह

ग्वालियर : मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शनिवार से शुरू हुए ड्रोन मेले (Gwalior Drone Fair) में कई ड्रोन निर्माता कंपनियां भाग ले रही हैं. मेले के आयोजन का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में ड्रोन के साथ तकनीक का प्रयोग को बढ़ावा देना है. ड्रोन किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण (drones becoming farmers friends) साबित हो रहा है. इसी उद्देश्य को लेकर मध्य प्रदेश में पहली बार ग्वालियर में ड्रोन मेले का आयोजन किया जा रहा है. मेले का शुभारंभ करने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ड्रोन तकनीक को नई क्रांति बताते हुए प्रदेश में 5 ड्रोन स्कूल खोले जाने का एलान किया है. यह ड्रोन स्कूल ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सागर में खोले जाएंगे.

ग्वालियर ड्रोन मेला

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ड्रोन गांव की मैपिंग, बॉर्डर पर रक्षा, किसान का मददगार पहाड़ी इलाकों में दवाइयों का ट्रांसपोर्ट सहित अलग-अलग क्षेत्र में कारगर साबित होंगे. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देशभर में नए नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं और इनमें से ड्रोन टेक्नोलॉजी एक नया आयाम स्थापित करेगी.

इस मेले में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र कृषि पर आधारित ड्रोन चर्चा का विषय बनी हुई थी आधे से ज्यादा कई ड्रोन ऐसी शामिल किए गए जो कृषि के क्षेत्र में किए जाने वाले अन्य कार्यों जैसे बीज डालने या खेत में दवाई छिड़कने में कारगर साबित हो सकते हैं.

मेले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ-साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित तमाम मंत्री और अधिकारी शामिल हुए. सिंधिया ने कहा कि आज से हमारे देश में नई क्रांति की शुरुआत हुई है. यह ड्रोन हमारे देश में ट्रांसपोर्ट के लिए रीड की हड्डी साबित होगा, जो मनुष्य नहीं कर सकता वहां अब पहुंचेगा.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ड्रोन कृषि के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करेगा. इसे ड्रोन के माध्यम से देश भर के किसान आदमी की खेती की ओर जाएंगे.

किसानों के लिए कारगर साबित हो सकते हैं ड्रोन

परंपरागत खेती के तरीकों को आसान बनाने के लिए 30 लीटर की क्षमता वाले ड्रोन का मेले में प्रजेंटेशन भी दिया जाएगा. यह ड्रोन एक बार टंकी फुल करने पर एक एकड़ भूमि में बड़ी आसानी और सटीकता से कीटनाशक और पेस्टीसाइड का छिड़काव कर सकते हैं. इसके अलावा मेले में ऐसे कई ड्रोन भी शामिल किए गए हैं जो कृषि के क्षेत्र में किए जाने वाले अन्य कार्यों जैसे बीज डालने या दूसरी कई चीजों में किसान मित्र साबित हो सकते हैं.

अभी किसानों के लिए ड्रोन खरीदना एक बड़ी चुनौती

ड्रोन न्यू टेक्नोलॉजी के गैजेट्स हैं. यही कारण है कि अभी ड्रोन खरीदना आम किसान के लिए संभव नहीं है, क्योंकि टेक्नोलॉजी नई होने की वजह से ये काफी महंगे हैं. देश का आम किसान इन्हें आसानी से नहीं खरीद सकता. लेकिन मेले में किसानों की यह परेशानी दूर करने के लिए ड्रोन कंपनियां किसानों को किराए पर लोन उपलब्ध कराने की स्कीम भी लॉन्च करेंगी. इसके साथ ही बड़े किसानों को ड्रोन खरीदकर खेती के कामों में इसके इस्तेमाल को लेकर भी प्रोत्साहित किया जाएगा.

मेले में कई ऐसा ड्रोन का प्रदर्शन किया जाएगा जो किसानों के लिए काफी काम के साबित हो सकते हैं. ड्रोन निर्माता कंपनियों के मालिकों का कहना है कि अभी यह टेक्नोलॉजी नई होने के कारण काफी महंगी है लेकिन किसानों को यह पसंद आने के बाद किसानों के लिए यह लोन, या सरकार के द्वारा सब्सिडी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा.

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