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IAS अधिकारी के साथ अमित शाह की तस्वीर साझा करने पर फिल्म निर्माता गिरफ्तार

गुजरात पुलिस ने फिल्म निर्माता अविनाश दास को गिरफ्तार कर लिया है. दास ने गिरफ्तार आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक तस्वीर ट्विटर पर साझा की थी. अपराध शाखा ने दास को बुधवार दोपहर अहमदाबाद में मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एमवी चौहान ने दास को गुरुवार दोपहर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

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Published : Jul 20, 2022, 10:27 PM IST

Avinash Das
अविनाश दास

अहमदाबाद: गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक तस्वीर ट्विटर पर साझा करने के मामले में बुधवार को फिल्म निर्माता अविनाश दास को गिरफ्तार कर लिया. अपराध शाखा की एक टीम ने दास को मंगलवार को मुंबई स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया और बुधवार तड़के उन्हें अहमदाबाद लाया गया.

पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) चैतन्य मांडलिक ने कहा, 'दास को बुधवार सुबह चार बजे आधिकारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया. अब हम उनके सोशल मीडिया अकाउंट की पड़ताल कर रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने कहीं अतीत में भी तो कोई अन्य आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट नहीं की.'

दास को बुधवार दोपहर अहमदाबाद में मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया. अपराध शाखा ने उनकी सात दिन की हिरासत मांगी, लेकिन मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एमवी चौहान ने दास को गुरुवार दोपहर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

अपराध शाखा ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि उसे दास द्वारा पोस्ट किए गए एक और ट्वीट का पता चला है, जो आपत्तिजनक प्रतीत होता है तथा इससे हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है. बयान के अनुसार, हिंदी ट्वीट में दास ने व्यंग्यपूर्ण तरीके से यह कहा है कि वह शराब नहीं छोड़ सकते, क्योंकि ब्रह्मा और राम जैसे भगवान विभिन्न प्रकार की शराब में रहते हैं, जैसे व्हिस्की और ब्रांडी. इसे दास के ट्विटर हैंडल पर एक मई 2016 को अपराह्न 2.19 बजे पोस्ट किया गया था.

दास ने स्वरा भास्कर, संजय मिश्रा और पंकज त्रिपाठी अभिनीत 2017 में आई फिल्म 'अनारकली ऑफ आरा' और 2021 में आई फिल्म 'रात बाकी है' का निर्देशन किया था. उन्होंने 'शी' नाम की एक नेटफ्लिक्स सीरीज़ का भी निर्देशन किया था.

अहमदाबाद अपराध शाखा ने फिल्म निर्माता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 469 (जालसाजी) के साथ-साथ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम तथा फेसबुक पर राष्ट्रीय ध्वज पहने एक महिला की तस्वीर भी पोस्ट की थी. दास (46) के खिलाफ प्राथमिकी जून में दर्ज की गई थी, जब उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धनशोधन के मामले में गिरफ्तार की गई आईएएस अधिकारी सिंघल की एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें वह शाह से फुसफुसाते हुए कुछ कहती दिखती हैं.

प्राथमिकी के अनुसार, फोटो के कैप्शन में दास ने दावा किया था कि तस्वीर सिंघल की गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ली गई थी, जबकि यह वास्तव में 2017 में ली गई थी. अपराध शाखा ने आरोप लगाया था कि शाह की छवि खराब करने के इरादे से ऐसा किया गया. इंस्टाग्राम और फेसबुक अकाउंट पर राष्ट्रीय ध्वज पहने एक महिला की तस्वीर साझा कर राष्ट्रीय गौरव का अपमान करने के आरोप में भी फिल्म निर्माता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

यह भी पढ़ें- गुजरात के आणंद में चेकिंग के दौरान कांस्टेबल पर चढ़ाया ट्रक, मौत

अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने जून में दास की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने जानबूझकर यह दावा किया कि शाह की सिंघल के साथ तस्वीर आईएएस अधिकारी की गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ली गई थी. अदालत ने कहा कि इसका मकसद 'गृह मंत्री की छवि खराब करना' था. अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि राष्ट्रीय ध्वज में लिपटी एक महिला की तस्वीर दास की 'मानसिक विकृति' को दर्शाती है.

बाद में, गुजरात उच्च न्यायालय ने भी उनकी अग्रिम जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि दास ने तिरंगे से बनी पोशाक पहने एक व्यक्ति की पेंटिंग प्रसारित कर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. बंबई उच्च न्यायालय ने भी दास की ट्रांजिट अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.

अहमदाबाद: गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक तस्वीर ट्विटर पर साझा करने के मामले में बुधवार को फिल्म निर्माता अविनाश दास को गिरफ्तार कर लिया. अपराध शाखा की एक टीम ने दास को मंगलवार को मुंबई स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया और बुधवार तड़के उन्हें अहमदाबाद लाया गया.

पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) चैतन्य मांडलिक ने कहा, 'दास को बुधवार सुबह चार बजे आधिकारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया. अब हम उनके सोशल मीडिया अकाउंट की पड़ताल कर रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने कहीं अतीत में भी तो कोई अन्य आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट नहीं की.'

दास को बुधवार दोपहर अहमदाबाद में मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया. अपराध शाखा ने उनकी सात दिन की हिरासत मांगी, लेकिन मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एमवी चौहान ने दास को गुरुवार दोपहर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया.

अपराध शाखा ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि उसे दास द्वारा पोस्ट किए गए एक और ट्वीट का पता चला है, जो आपत्तिजनक प्रतीत होता है तथा इससे हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है. बयान के अनुसार, हिंदी ट्वीट में दास ने व्यंग्यपूर्ण तरीके से यह कहा है कि वह शराब नहीं छोड़ सकते, क्योंकि ब्रह्मा और राम जैसे भगवान विभिन्न प्रकार की शराब में रहते हैं, जैसे व्हिस्की और ब्रांडी. इसे दास के ट्विटर हैंडल पर एक मई 2016 को अपराह्न 2.19 बजे पोस्ट किया गया था.

दास ने स्वरा भास्कर, संजय मिश्रा और पंकज त्रिपाठी अभिनीत 2017 में आई फिल्म 'अनारकली ऑफ आरा' और 2021 में आई फिल्म 'रात बाकी है' का निर्देशन किया था. उन्होंने 'शी' नाम की एक नेटफ्लिक्स सीरीज़ का भी निर्देशन किया था.

अहमदाबाद अपराध शाखा ने फिल्म निर्माता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 469 (जालसाजी) के साथ-साथ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम तथा फेसबुक पर राष्ट्रीय ध्वज पहने एक महिला की तस्वीर भी पोस्ट की थी. दास (46) के खिलाफ प्राथमिकी जून में दर्ज की गई थी, जब उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धनशोधन के मामले में गिरफ्तार की गई आईएएस अधिकारी सिंघल की एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें वह शाह से फुसफुसाते हुए कुछ कहती दिखती हैं.

प्राथमिकी के अनुसार, फोटो के कैप्शन में दास ने दावा किया था कि तस्वीर सिंघल की गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ली गई थी, जबकि यह वास्तव में 2017 में ली गई थी. अपराध शाखा ने आरोप लगाया था कि शाह की छवि खराब करने के इरादे से ऐसा किया गया. इंस्टाग्राम और फेसबुक अकाउंट पर राष्ट्रीय ध्वज पहने एक महिला की तस्वीर साझा कर राष्ट्रीय गौरव का अपमान करने के आरोप में भी फिल्म निर्माता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

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अहमदाबाद की एक सत्र अदालत ने जून में दास की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने जानबूझकर यह दावा किया कि शाह की सिंघल के साथ तस्वीर आईएएस अधिकारी की गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ली गई थी. अदालत ने कहा कि इसका मकसद 'गृह मंत्री की छवि खराब करना' था. अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि राष्ट्रीय ध्वज में लिपटी एक महिला की तस्वीर दास की 'मानसिक विकृति' को दर्शाती है.

बाद में, गुजरात उच्च न्यायालय ने भी उनकी अग्रिम जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि दास ने तिरंगे से बनी पोशाक पहने एक व्यक्ति की पेंटिंग प्रसारित कर राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. बंबई उच्च न्यायालय ने भी दास की ट्रांजिट अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.

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