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Gujarat Paper Leak Case : कोर्ट ने 15 आरोपियों को 12 दिन की ATS की रिमांड पर भेजा - Sent 15 accused on ATS remand for 12 days

गुजरात में जूनियर क्लर्क परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए 15 आरोपियों को 12 दिन की एटीएस की रिमांड में भेज दिया गया. पढ़ें पूरी खबर...

Gujarat Paper Leak Case
गुजरात पेपर लीक मामला
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Published : Jan 30, 2023, 6:31 PM IST

Updated : Jan 30, 2023, 9:33 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात में जूनियर क्लर्क परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए 15 आरोपियों को गुजरात एटीएस ने आज वडोदरा ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया. इस दौरान एटीएस ने आरोपियों को 14 दिन की रिमांड पर देने की मांग की. वहीं कोर्ट ने आरोपियों को 12 दिन की एटीएस की रिमांड पर भेज दिया. मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन एक आरोपी जीत नायक उर्फ ​​श्रद्धाकर लुहा को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है. जीत के हैदराबाद से नहीं पहुंच पाने के कारण 15 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया.

बता दें कि राज्य भर में रविवार को जूनियर क्लर्क की परीक्षा होनी थी. इसके लिए 9.53 लाख अभ्यर्थियों ने फार्म भरा था. हालांकि, परीक्षा देने से पहले ही पेपर लीक हो जाने से लाखों परीक्षार्थी मायूस हो गए थे. साथ ही पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा भी देखा गया था. गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड (जीपीएसएसबी) द्वारा जूनियर क्लर्क परीक्षा का पेपर वडोदरा की एक निजी कोचिंग सेंटर से लीक हो गया था. इसके बाद एटीएस ने जांच शुरू कर दी थी. दूसरी ओर, सरकार ने अंतिम समय में परीक्षा रद्द कर देने के साथ उम्मीदवारों को उनकी वापसी यात्रा के लिए मुफ्त एसटी बस सेवा प्रदान की गई थी.

इस संबंध में सूरत क्राइम ब्रांच की विशेष मदद से गुजरात एटीएस की टीम ने वडोदरा में एसओजी टीम के साथ मुख्य आरोपी प्रदीप कुमार बिजय नायक (ओडिशा), केतन बलदेवभाई बारोट (अहमदाबाद) और भास्कर गुलबचंद चौधरी (वड़ोदरा, मूल निवासी बिहार) को 29 जनवरी की रात छात्रों को पेपर बेचने से पहले पकड़ा था. आरोपी के पास से मिले प्रश्न पत्र के संबंध में गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से सत्यापन में प्रश्न पत्र 29 जनवरी को होने वाली परीक्षा के प्रश्न पत्र के समान पाया गया था.

इसी मामले में मोरारी, कमलेश, फिरोज, सर्वेश, मिंटूकुमार, प्रभात और मुकेश कुमार को भी हिरासत में लिया गया है. मामले में भास्कर और केतन ने गुजरात में अपने अन्य एजेंटों हार्दिक शर्मा, प्रणव शर्मा, अनिकेत भट्ट और राज बारोट को वड़ोदरा बुलाया था. सभी आरोपी भास्कर चौधरी के वडोदरा स्थित स्टैकवाइज टेक्नोलॉजी ऑफिस में जमा हुए थे. इसी दौरान गुजरात एटीएस, सूरत क्राइम ब्रांच और वडोदरा एसओजी की टीमों के साथ मिलकर कंपनी के ऑफिस पर छापा मारा था. जिसमें लीक पेपर के साथ सभी आरोपी पकड़े गए. इस संबंध में गुजरात एटीएस ने धारा 406, 409, 420 और 120(बी) के तहत मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की गई है.

जीत नायक ने पांच लाख रुपये में किया था सौदा- गुजरात एटीएस की टीम ने जूनियर क्लर्क के पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी जीत नायक को गिरफ्तार किया है. बताया गया है कि जीत नायक ने अपने रिश्तेदार प्रदीप नायक से जूनियर क्लर्क परीक्षा के पेपर के लिए 5 लाख रुपये में सौदा किया था और 30 हजार रुपये एडवान्स भी लिए थे. जीत नायक मूल रूप से ओडिशा का है और हैदराबाद में केएल प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था.

वहीं गिरफ्तार आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ और आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच के दौरान पता चला है कि भास्कर चौधरी और केतन बारोट के खिलाफ सीबीआई में वर्ष 2019 में मामला भी दर्ज किया गया था. वहीं आरोपी केतन बारोट और भास्कर चौधरी दिल्ली की तिहाड़ जेल में भी बंद रह चुके हैं. हालांकि अलग-अलग राज्यों में इस बात की भी जांच की जा रही है कि गिरफ्तार अन्य आरोपियों में किसका आपराधिक इतिहास है. फिलहाल इस वारदात में तीन आरोपी वोन्टेड हैं. एटीएस की टीम उन्हें पकड़ने के लिए काम कर रही है.

ये भी पढ़ें - Gujarat Junior Clerk Exam Paper Leak : गुजरात में पेपर लीक होने के बाद Junior Clerk Exam रद्द, 16 गिरफ्तार

अहमदाबाद : गुजरात में जूनियर क्लर्क परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए 15 आरोपियों को गुजरात एटीएस ने आज वडोदरा ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया. इस दौरान एटीएस ने आरोपियों को 14 दिन की रिमांड पर देने की मांग की. वहीं कोर्ट ने आरोपियों को 12 दिन की एटीएस की रिमांड पर भेज दिया. मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है लेकिन एक आरोपी जीत नायक उर्फ ​​श्रद्धाकर लुहा को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है. जीत के हैदराबाद से नहीं पहुंच पाने के कारण 15 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया.

बता दें कि राज्य भर में रविवार को जूनियर क्लर्क की परीक्षा होनी थी. इसके लिए 9.53 लाख अभ्यर्थियों ने फार्म भरा था. हालांकि, परीक्षा देने से पहले ही पेपर लीक हो जाने से लाखों परीक्षार्थी मायूस हो गए थे. साथ ही पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा भी देखा गया था. गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड (जीपीएसएसबी) द्वारा जूनियर क्लर्क परीक्षा का पेपर वडोदरा की एक निजी कोचिंग सेंटर से लीक हो गया था. इसके बाद एटीएस ने जांच शुरू कर दी थी. दूसरी ओर, सरकार ने अंतिम समय में परीक्षा रद्द कर देने के साथ उम्मीदवारों को उनकी वापसी यात्रा के लिए मुफ्त एसटी बस सेवा प्रदान की गई थी.

इस संबंध में सूरत क्राइम ब्रांच की विशेष मदद से गुजरात एटीएस की टीम ने वडोदरा में एसओजी टीम के साथ मुख्य आरोपी प्रदीप कुमार बिजय नायक (ओडिशा), केतन बलदेवभाई बारोट (अहमदाबाद) और भास्कर गुलबचंद चौधरी (वड़ोदरा, मूल निवासी बिहार) को 29 जनवरी की रात छात्रों को पेपर बेचने से पहले पकड़ा था. आरोपी के पास से मिले प्रश्न पत्र के संबंध में गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से सत्यापन में प्रश्न पत्र 29 जनवरी को होने वाली परीक्षा के प्रश्न पत्र के समान पाया गया था.

इसी मामले में मोरारी, कमलेश, फिरोज, सर्वेश, मिंटूकुमार, प्रभात और मुकेश कुमार को भी हिरासत में लिया गया है. मामले में भास्कर और केतन ने गुजरात में अपने अन्य एजेंटों हार्दिक शर्मा, प्रणव शर्मा, अनिकेत भट्ट और राज बारोट को वड़ोदरा बुलाया था. सभी आरोपी भास्कर चौधरी के वडोदरा स्थित स्टैकवाइज टेक्नोलॉजी ऑफिस में जमा हुए थे. इसी दौरान गुजरात एटीएस, सूरत क्राइम ब्रांच और वडोदरा एसओजी की टीमों के साथ मिलकर कंपनी के ऑफिस पर छापा मारा था. जिसमें लीक पेपर के साथ सभी आरोपी पकड़े गए. इस संबंध में गुजरात एटीएस ने धारा 406, 409, 420 और 120(बी) के तहत मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की गई है.

जीत नायक ने पांच लाख रुपये में किया था सौदा- गुजरात एटीएस की टीम ने जूनियर क्लर्क के पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी जीत नायक को गिरफ्तार किया है. बताया गया है कि जीत नायक ने अपने रिश्तेदार प्रदीप नायक से जूनियर क्लर्क परीक्षा के पेपर के लिए 5 लाख रुपये में सौदा किया था और 30 हजार रुपये एडवान्स भी लिए थे. जीत नायक मूल रूप से ओडिशा का है और हैदराबाद में केएल प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था.

वहीं गिरफ्तार आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ और आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच के दौरान पता चला है कि भास्कर चौधरी और केतन बारोट के खिलाफ सीबीआई में वर्ष 2019 में मामला भी दर्ज किया गया था. वहीं आरोपी केतन बारोट और भास्कर चौधरी दिल्ली की तिहाड़ जेल में भी बंद रह चुके हैं. हालांकि अलग-अलग राज्यों में इस बात की भी जांच की जा रही है कि गिरफ्तार अन्य आरोपियों में किसका आपराधिक इतिहास है. फिलहाल इस वारदात में तीन आरोपी वोन्टेड हैं. एटीएस की टीम उन्हें पकड़ने के लिए काम कर रही है.

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Last Updated : Jan 30, 2023, 9:33 PM IST
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