अहमदाबाद : एक तरफ राज्य सरकार विनाशकारी चक्रवात तौकते के पीड़ितों को राहत पहुंचा रही है, तो दूसरी तरफ गुजरात की इस्लामिक राहत समिति ने भी प्रभावित जिलों का सर्वेक्षण कर पीड़ितों को राहत पहुंचाना शुरू कर दिया है.
इस संबंध में इस्लामिक रिलीफ कमेटी गुजरात के सचिव मुहम्मद उमर वहरा ने कहा कि इस्लामिक रिलीफ कमेटी गुजरात पहला पंजीकृत मुस्लिम एनजीओ है. 1992 में बाबरी मस्जिद की शहादत के बाद इस संगठन ने बिना किसी भेदभाव के सभी धर्मों के लोगों के लिए राहत कार्य किया है.
उन्होंने कहा कि संगठन ने मुसीबत के वक्त हर समय काम किया है चाहे वह मानव आपदा हो या प्राकृतिक आपदाएं, खासकर 2001 का भूकंप और 2002 के दंगों में हमारे संगठन ने लोगों की मदद करने के लिए हर संभव प्रयास किया .
उन्होंने आगे कहा है कि लोग एक तरफ कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहें हैं, तो दूसरी तरफ तौकते तूफान ने गुजरात के तटीय क्षेत्रों में तबाही मचाई. वहीं, सरकार द्वारा जो सहायता दी जा रही है वो बहुत कम है.
उन्होंने कहा, 'वास्तव में हमारे संगठन ने ओना, अमरेली, सलाया और धारोल क्षेत्रों में एक सर्वेक्षण किया. इसके बाद यहां तत्काल राहत कार्य शुरू हो गया है. इन क्षेत्रों में अब तक 600 से अधिक राशन किट बांटे जा चुके हैं.'
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इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह पीड़ितों की मदद के लिए जल्द से जल्द अपना पैसा भेजें.