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उच्च न्यायालय ने जमानत की शर्त हटाने का हार्दिक पटेल का अनुरोध खारिज किया - हार्दिक ने राहत की गुहार लगाई

गुजरात उच्च न्यायालय ने हार्दिक पटेल आवेदन को खारिज कर दिया. आवेदन में पटेल ने उनके खिलाफ निचली अदालत द्वारा लगायी गयी शर्त हटाने का अनुरोध किया था.

gujarat hc rejects hardik patels plea
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Published : Mar 10, 2021, 9:01 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात उच्च न्यायालय ने बुधवार को कांग्रेस के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष हार्दिक पटेल के उस आवेदन को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने बिना अनुमति के बगैर गुजरात से बाहर नहीं जाने की उनपर निचली अदालत द्वारा लगायी गयी शर्त हटाने का अनुरोध किया है.

न्यायमूर्ति ए वाई कोगजे ने पटेल की अर्जी खारिज कर दी.

पटेल के वकील आनंद याज्ञनिक ने कहा, 'अदालत ने यह शर्त हटाने के अनुरोध संबंधी पटेल का आवेदन खारिज कर दिया कि उसकी पूर्वानुमति के बगैर वह गुजरात से बाहर नहीं जा सकते हैं.'

पटेल को राजद्रोह के मामले में सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने पर गिरफ्तार किया गया था. निचली अदालत ने जनवरी 2020 में उन्हें सशर्त जमानत दी थी. उन्होंने इसी शर्त को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.

कांग्रेस नेता को उसी अदालत ने पार्टी के काम से तथा अपने वकीलों से संपर्क करने के लिए 15 दिनों के लिए दिल्ली एवं अन्यत्र जाने के लिए अनुमति दी थी.

पढ़ें-गुजरात कांग्रेस ने चुनावों में मुझे कोई काम नहीं दिया, एक भी सीट पर राय नहीं ली : हार्दिक पटेल

अगस्त, 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद अहमदाबाद अपराध शाखा ने पटेल पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया था. यह आंदोलन हिंसक हो गया था.

एक निचली अदालत ने नवंबर, 2018 में पटेल के विरूद्ध आरोप तय किये थे.

अहमदाबाद : गुजरात उच्च न्यायालय ने बुधवार को कांग्रेस के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष हार्दिक पटेल के उस आवेदन को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने बिना अनुमति के बगैर गुजरात से बाहर नहीं जाने की उनपर निचली अदालत द्वारा लगायी गयी शर्त हटाने का अनुरोध किया है.

न्यायमूर्ति ए वाई कोगजे ने पटेल की अर्जी खारिज कर दी.

पटेल के वकील आनंद याज्ञनिक ने कहा, 'अदालत ने यह शर्त हटाने के अनुरोध संबंधी पटेल का आवेदन खारिज कर दिया कि उसकी पूर्वानुमति के बगैर वह गुजरात से बाहर नहीं जा सकते हैं.'

पटेल को राजद्रोह के मामले में सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने पर गिरफ्तार किया गया था. निचली अदालत ने जनवरी 2020 में उन्हें सशर्त जमानत दी थी. उन्होंने इसी शर्त को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.

कांग्रेस नेता को उसी अदालत ने पार्टी के काम से तथा अपने वकीलों से संपर्क करने के लिए 15 दिनों के लिए दिल्ली एवं अन्यत्र जाने के लिए अनुमति दी थी.

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अगस्त, 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद अहमदाबाद अपराध शाखा ने पटेल पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया था. यह आंदोलन हिंसक हो गया था.

एक निचली अदालत ने नवंबर, 2018 में पटेल के विरूद्ध आरोप तय किये थे.

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