अहमदाबाद : गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह की उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया, जिसमें दोनों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में गुजरात यूनिवर्सिटी द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में कार्यवाही पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था.
जस्टिस समीर दवे ने दोनों नेताओं के खिलाफ यहां एक मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में चल रही मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगाने से मना करते हुए कहा कि केजरीवाल और सिंह ने पहले सत्र अदालत को आश्वासन दिया था कि वे अपने बयान दर्ज कराने के लिए मेट्रोपॉलिटन कोर्ट के समक्ष मौजूद रहेंगे. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, जस्टिव दवे ने कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने की आप नेताओं की याचिका खारिज कर दी और गुजरात यूनिवर्सिटी को अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया.
इससे पहले, एक मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने दिल्ली के सीएम केजरीवाल और आप के राज्यसभा सदस्य सिंह को प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री के संबंध में उनकी व्यंग्यात्मक और अपमानजनक टिप्पणी पर गुजरात यूनिवर्सिटी द्वारा दायर मानहानि मामले में 11 अगस्त को तलब किया था. वहीं बाद में आप के दोनों नेताओं ने मानहानि मामले में मेट्रोपॉलिटन कोर्ट के समन को चुनौती देते हुए सत्र अदालत में एक समीक्षा पिटीशन दायर की थी.हालांकि, सत्र अदालत ने अंतरिम राहत की उनकी याचिका सात अगस्त को खारिज कर दी गई थी, जिसके बाद उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया था. सत्र अदालत में समीक्षा याचिका पर अब 21 अगस्त को सुनवाई होगी.
शुक्रवार की सुनवाई के दौरान, केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मिहिर जोशी ने सत्र अदालत द्वारा समीक्षा याचिका पर फैसला सुनाए जाने तक मेट्रोपॉलिटन अदालत द्वारा की जा रही सुनवाई पर अंतरिम रोक लगाने का आग्रह किया. आप नेताओं को जारी किए गए समन के मुद्दे पर जोशी ने कहा कि मजिस्ट्रेट का आदेश गलत और अमान्य था. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत मौजूदगी की जरूरत नहीं है, क्योंकि कोई भी याचिका वकीलों के माध्यम से दर्ज कराई जा सकती है.
इस आरोप पर कि ऐसी याचिकाएं मुकदमे में देरी के लिए दायर की गई हैं, जोशी ने कहा, 'पूरी कार्यवाही उचित नहीं है. देरी करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है.' उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि मेट्रोपॉलिटन अदालत ने पहले भी दो बार विभिन्न आधार पर व्यक्तिगत मौजूदगी से छूट दी थी, पिछले महीने तब भी, जब दिल्ली में बाढ़ की स्थिति थी. हालांकि, गुजरात यूनिवर्सिटी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मितेश अमीन ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल और सिंह ने पहले मजिस्ट्रेट को शपथपत्र दिया था कि वे 11 अगस्त को मौजूद रहेंगे.
अमीन ने कहा कि उन्होंने एक हलफनामा दिया था और आज 11 अगस्त है. उस हलफनामे का सम्मान किया जाना चाहिए.' जस्टिस दवे ने कई मौकों पर हलफनामे का मुद्दा भी उठाया और जोशी से पूछा कि आप नेता कब पेश हो रहे हैं. जस्टिस ने कहा, 'आपने आश्वासन दिया था कि आप 11 अगस्त को मौजूद रहेंगे. ऐसे में आपको उपस्थित रहना होगा. (ऐसा लगता है कि) आप कोर्ट में पेश होने से बच रहे हैं, यह उचित नहीं है. नई दिल्ली में हालात अब ठीक हैं. तो, आप कब उपस्थित हो रहे हैं?...क्या आप उपस्थित होने के लिए तैयार हैं? पांच दिन बाद, सात दिन बाद या दस दिन बाद?'
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