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Gujarat football betting scam: एप के जरिए चीनी नागरिक ने नौ दिनों में उड़ाए 1,400 करोड़

एक एप के जरिए चीनी नागरिक ने नौ दिन के भीतर करीब 14 सौ करोड़ रुपये की ठगी की है. गुजरात पुलिस ने अगस्त 2022 में पाटन में धोखाधड़ी और आईटी अधिनियम के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन तब तक मास्टरमाइंड फरार हो चुका था.

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Published : Aug 18, 2023, 3:28 PM IST

अहमदाबाद : एक चीनी नागरिक ने स्थानीय साझेदारों के साथ मिलकर एक फुटबॉल सट्टेबाजी एप तैयार किया, जिसने उत्तरी गुजरात के लगभग 1,200 लोगों को फंसाया. इससे पीड़ितों को नौ दिनों के भीतर 1,400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. पुलिस ने यह जानकारी दी.

मामले की गंभीरता को देख गुजरात पुलिस ने धोखाधड़ी के पीछे के मास्टरमाइंड का खुलासा करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. इस खोज ने अंततः चीन के शेनझेन क्षेत्र के निवासी वू उयानबे को मास्‍टर माइंड के रूप में चिन्हित किया.

उयनबे ने गुजरात के पाटन और बनासकांठा क्षेत्रों में घोटाले को अंजाम दिया. आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को पहली बार जून 2022 में इस धोखाधड़ी का पता चला.

यह खोज 'दानी डेटा' नाम के एप के तहत काम करने वालों के एक समूह द्वारा शुरू किया गया था, जो गुजरात और उत्तर प्रदेश में लोगों को टारगेट कर रहे थे.

जवाब में, उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक जांच शुरू की, इससे उत्तरी गुजरात के व्यक्तियों के साथ संबंध का पता चला. बाद की जांच से पता चला कि चीनी नागरिक 2020 और 2022 के बीच भारत में मौजूद था और पाटन और बनासकांठा में स्थानीय लोगों के साथ बातचीत कर रहा था.

वित्तीय लाभ के वादे से आकर्षित होकर, उयानबे और उनके गुजरात स्थित सहयोगियों ने मई 2022 में भ्रामक एप लॉन्च किया. एप्लिकेशन ने उपयोगकर्ताओं को एप के भीतर लगाए गए दांव पर पर्याप्त रिटर्न का लालच दिया. उयानबे ने प्रतिदिन औसतन 200 करोड़ रुपये जमा करने में कामयाबी हासिल की.

युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक ने लगाया दांव : दांव लगाने वालों में 15 से 75 वर्ष की आयु के व्यक्ति शामिल थे. फुटबॉल मैचों के उत्साह का लाभ उठाते हुए, धोखाधड़ी वाले एप ने मुख्य रूप से शोषण के लिए इस खेल पर ध्यान केंद्रित किया. लेकिन केवल नौ दिनों के संचालन के बाद, एप ने काम करना बंद कर दिया, इससे पीड़ितों को एहसास हुआ कि उनका पैसा डूब गया है.

जांच के बाद, सीआईडी की साइबर सेल ने नौ लोगों को पकड़ा. ये हवाला नेटवर्क के माध्यम से पैसे भेजने में उयानबे की सहायता कर रहे थे. मुखौटा कंपनियों का उपयोग करके, उन्होंने धोखाधड़ी के एक जटिल जाल में धन की आवाजाही को सुविधाजनक बनाया. गुजरात पुलिस ने अगस्त 2022 में पाटन में धोखाधड़ी और आईटी अधिनियम के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू की, लेकिन तब तक योजना के पीछे का मास्टरमाइंड गायब हो चुका था. उयानबे अपने खिलाफ किसी भी संभावित कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए चीन लौटने में कामयाब रहा था.

सीआईडी ने अभी तक उयानबे के खिलाफ पर्याप्त सबूत इकट्ठा नहीं किया है, इससे प्रत्यर्पण प्रक्रिया रुकी हुई है. पुलिस विभाग के सूत्रों ने संकेत दिया है कि मास्टरमाइंड सक्रिय और चीन के शेनझेन, चीन, हांगकांग के साथ-साथ सिंगापुर जैसे क्षेत्रों में नेटवर्क चला रहा है. मार्च में, सीआईडी ने इस जटिल मामले से संबंधित एक आरोप पत्र दायर किया था.

ये भी पढ़ें-

गुजरात में फर्जी टी20 क्रिकेट लीग : रूस के सट्टेबाजों से सट्टा लगवाने के लिए कराए मैच, चार गिरफ्तार

(आईएएनएस)

अहमदाबाद : एक चीनी नागरिक ने स्थानीय साझेदारों के साथ मिलकर एक फुटबॉल सट्टेबाजी एप तैयार किया, जिसने उत्तरी गुजरात के लगभग 1,200 लोगों को फंसाया. इससे पीड़ितों को नौ दिनों के भीतर 1,400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. पुलिस ने यह जानकारी दी.

मामले की गंभीरता को देख गुजरात पुलिस ने धोखाधड़ी के पीछे के मास्टरमाइंड का खुलासा करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. इस खोज ने अंततः चीन के शेनझेन क्षेत्र के निवासी वू उयानबे को मास्‍टर माइंड के रूप में चिन्हित किया.

उयनबे ने गुजरात के पाटन और बनासकांठा क्षेत्रों में घोटाले को अंजाम दिया. आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को पहली बार जून 2022 में इस धोखाधड़ी का पता चला.

यह खोज 'दानी डेटा' नाम के एप के तहत काम करने वालों के एक समूह द्वारा शुरू किया गया था, जो गुजरात और उत्तर प्रदेश में लोगों को टारगेट कर रहे थे.

जवाब में, उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक जांच शुरू की, इससे उत्तरी गुजरात के व्यक्तियों के साथ संबंध का पता चला. बाद की जांच से पता चला कि चीनी नागरिक 2020 और 2022 के बीच भारत में मौजूद था और पाटन और बनासकांठा में स्थानीय लोगों के साथ बातचीत कर रहा था.

वित्तीय लाभ के वादे से आकर्षित होकर, उयानबे और उनके गुजरात स्थित सहयोगियों ने मई 2022 में भ्रामक एप लॉन्च किया. एप्लिकेशन ने उपयोगकर्ताओं को एप के भीतर लगाए गए दांव पर पर्याप्त रिटर्न का लालच दिया. उयानबे ने प्रतिदिन औसतन 200 करोड़ रुपये जमा करने में कामयाबी हासिल की.

युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक ने लगाया दांव : दांव लगाने वालों में 15 से 75 वर्ष की आयु के व्यक्ति शामिल थे. फुटबॉल मैचों के उत्साह का लाभ उठाते हुए, धोखाधड़ी वाले एप ने मुख्य रूप से शोषण के लिए इस खेल पर ध्यान केंद्रित किया. लेकिन केवल नौ दिनों के संचालन के बाद, एप ने काम करना बंद कर दिया, इससे पीड़ितों को एहसास हुआ कि उनका पैसा डूब गया है.

जांच के बाद, सीआईडी की साइबर सेल ने नौ लोगों को पकड़ा. ये हवाला नेटवर्क के माध्यम से पैसे भेजने में उयानबे की सहायता कर रहे थे. मुखौटा कंपनियों का उपयोग करके, उन्होंने धोखाधड़ी के एक जटिल जाल में धन की आवाजाही को सुविधाजनक बनाया. गुजरात पुलिस ने अगस्त 2022 में पाटन में धोखाधड़ी और आईटी अधिनियम के उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू की, लेकिन तब तक योजना के पीछे का मास्टरमाइंड गायब हो चुका था. उयानबे अपने खिलाफ किसी भी संभावित कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए चीन लौटने में कामयाब रहा था.

सीआईडी ने अभी तक उयानबे के खिलाफ पर्याप्त सबूत इकट्ठा नहीं किया है, इससे प्रत्यर्पण प्रक्रिया रुकी हुई है. पुलिस विभाग के सूत्रों ने संकेत दिया है कि मास्टरमाइंड सक्रिय और चीन के शेनझेन, चीन, हांगकांग के साथ-साथ सिंगापुर जैसे क्षेत्रों में नेटवर्क चला रहा है. मार्च में, सीआईडी ने इस जटिल मामले से संबंधित एक आरोप पत्र दायर किया था.

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(आईएएनएस)

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