ETV Bharat / bharat

Gujarat ATS: संदिग्ध आतंकियों की जांच के लिए पश्चिम बंगाल पहुंची गुजरात ATS

राजकोट से पकड़े गए संदिग्ध आतंकी मामले की जांच के लिए गुजरात एटीएस की एक टीम पश्चिम बंगाल पहुंच गई है. गुजरात एटीएस को सूचना मिली है कि गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकियों के पश्चिम बंगाल में कई युवाओं से कनेक्शन है.

terrorists caught from rajkot
terrorists caught from rajkot
author img

By

Published : Aug 4, 2023, 1:21 PM IST

अहमदाबाद: गुजरात एटीएस द्वारा राजकोट से पकड़े गए संदिग्धों की जांच के लिए गुजरात एटीएस की एक टीम पश्चिम बंगाल पहुंची है. पूछताछ में पता चला कि गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी पश्चिम बंगाल के कई युवाओं के संपर्क में थे. जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार आतंकी पश्चिम बंगाल में युवाओं को कट्टरपंथियों से जुड़ने के लिए उकसा रहे थे. आतंकियों और उनके परिवारों के बैंक खातों की जांच की जा रही है. इसके अलावा यह भी खुलासा हुआ कि आतंकी और हथियार खरीदने की फिराक में थे. अल-कायदा की विचारधारा से जुड़े 3 संदिग्ध आतंकियों को लेकर अलग-अलग दिशाओं में जांच शुरू हो गई है.

पूछताछ में खुलासा हुआ कि तीनों आतंकी सोशल मीडिया के जरिए एके-47 चलाने की ट्रेनिंग ले रहे थे. इतना ही नहीं, आशंका है कि इन आतंकियों ने पिस्तौल समेत अन्य हथियार भी खरीदे. आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए जन्माष्टमी की भीड़ का इस्तेमाल करने की योजना थी लेकिन गुजरात एटीएस ने इस साजिश को नाकाम कर दिया है. पूछताछ में पता चला है कि अमन मलिक नाम का आतंकी पिछले एक साल से टेलीग्राम एप्लीकेशन के जरिए अपने विदेशी हैंडल अबू तल्हा उर्फ ​​फुरसान नाम से मशहूर इसाम के संपर्क में था. साथ ही अमन उसकी वजह से ही अल-कायदा में शामिल हुआ था.

एएसटी ने आतंकियों के पास से एक पिस्तौल, 10 जिंदा कारतूस और पांच मोबाइल फोन बरामद किए हैं. फिलहाल, मोबाइल फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है. गिरफ्तार तीनों संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ एटीएस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के और आर्म्स एक्ट की धारा 25 (1 बी) ए के तहत केस दर्ज किया गया है.

ये भी पढ़ें-

दरअसल, गुजरात एटीएस ने 1 अगस्त को राजकोट से आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. एटीएस ने उसके पास से अलकायदा के पर्चे और अन्य सामग्री भी बरामद की थी. गिरफ्तार किए गए तीन संदिग्धों के नाम अमन मलिक, शुकूर अली और सैफ नवाज हैं. एटीएस ने इनके पास से हथियार भी बरामद किए थे. एटीएस के मुताबिक ये तीनों लंबे समय से अल-कायदा के संपर्क में हैं. गिरफ्तार संदिग्ध पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं.

अहमदाबाद: गुजरात एटीएस द्वारा राजकोट से पकड़े गए संदिग्धों की जांच के लिए गुजरात एटीएस की एक टीम पश्चिम बंगाल पहुंची है. पूछताछ में पता चला कि गिरफ्तार संदिग्ध आतंकी पश्चिम बंगाल के कई युवाओं के संपर्क में थे. जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार आतंकी पश्चिम बंगाल में युवाओं को कट्टरपंथियों से जुड़ने के लिए उकसा रहे थे. आतंकियों और उनके परिवारों के बैंक खातों की जांच की जा रही है. इसके अलावा यह भी खुलासा हुआ कि आतंकी और हथियार खरीदने की फिराक में थे. अल-कायदा की विचारधारा से जुड़े 3 संदिग्ध आतंकियों को लेकर अलग-अलग दिशाओं में जांच शुरू हो गई है.

पूछताछ में खुलासा हुआ कि तीनों आतंकी सोशल मीडिया के जरिए एके-47 चलाने की ट्रेनिंग ले रहे थे. इतना ही नहीं, आशंका है कि इन आतंकियों ने पिस्तौल समेत अन्य हथियार भी खरीदे. आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए जन्माष्टमी की भीड़ का इस्तेमाल करने की योजना थी लेकिन गुजरात एटीएस ने इस साजिश को नाकाम कर दिया है. पूछताछ में पता चला है कि अमन मलिक नाम का आतंकी पिछले एक साल से टेलीग्राम एप्लीकेशन के जरिए अपने विदेशी हैंडल अबू तल्हा उर्फ ​​फुरसान नाम से मशहूर इसाम के संपर्क में था. साथ ही अमन उसकी वजह से ही अल-कायदा में शामिल हुआ था.

एएसटी ने आतंकियों के पास से एक पिस्तौल, 10 जिंदा कारतूस और पांच मोबाइल फोन बरामद किए हैं. फिलहाल, मोबाइल फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है. गिरफ्तार तीनों संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ एटीएस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के और आर्म्स एक्ट की धारा 25 (1 बी) ए के तहत केस दर्ज किया गया है.

ये भी पढ़ें-

दरअसल, गुजरात एटीएस ने 1 अगस्त को राजकोट से आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. एटीएस ने उसके पास से अलकायदा के पर्चे और अन्य सामग्री भी बरामद की थी. गिरफ्तार किए गए तीन संदिग्धों के नाम अमन मलिक, शुकूर अली और सैफ नवाज हैं. एटीएस ने इनके पास से हथियार भी बरामद किए थे. एटीएस के मुताबिक ये तीनों लंबे समय से अल-कायदा के संपर्क में हैं. गिरफ्तार संदिग्ध पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.