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Ahmedabad accident: जगुआर कार हादसे के आरोपी की रिपोर्ट निगेटिव, नहीं किया था कोई नशा

20 जुलाई की देर रात हुई भीषण सड़क दुर्घटना में तथ्य पटेल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. अहमदाबाद की ग्रामीण अदालत ने उसे तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया है. इस मामले में एक जांच रिपोर्ट सामने आई है जिससे पता चलता है कि हादसे के वक्त तथ्य ने कोई नशा नहीं किया था.

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Published : Jul 22, 2023, 12:08 PM IST

अहमदाबाद : इस्कॉन ब्रिज (20 जुलाई को) पर अपनी जगुआर कार से नौ लोगों को कुचलने वाले तथ्य पटेल की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हादसे के समय वह नशे में नहीं था. पटेल अहमदाबाद के इस्कॉन ब्रिज पर अपनी तेज रफ्तार लग्जरी कार से नौ लोगों को कुचलकर मार डालने का आरोपी है. हालांकि, इस रिपोर्ट पर भी कई सवाल उठ रहे हैं. कहा जा रहा है कि जांच के लिए सैंपल काफी देर से लिया गया था. इससे पहले शुक्रवार को गुजरात की एक अदालत ने तथ्य पटेल को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया.

पुलिस ने मांगी थी पांच दिन की रिमांड : शुक्रवार को आरोपी को अहमदाबाद की ग्रामीण अदालत में पेश किया गया था. सरकारी वकील ने आरोपी की 5 दिन की रिमांड की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने तीन दिन की रिमांड दी. मामले में अगली सुनवाई अब 24 जुलाई को होगी.

पुलिस की जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप: शुक्रवार को पांच दिन की सरकारी रिमांड की मांग करते हुए कहा कि आरोपी के मोबाइल फोन की भी जांच की जानी है. उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी पुलिस की जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. दुर्घटना के समय तथ्य ही कार चला रहा था.

मुवक्किल का मीडिया ट्रायल हो रहा है : तथ्य के वकील निसार वैद्य ने कहा कि 19 वर्षीय तथ्य सिम्स अस्पताल में आईसीयू में भर्ती था. उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल का मीडिया ट्रायल हो रहा है. उन्होंने कहा कि उसके पिता घटना स्थल से उसे अस्पताल ले गये सिर्फ इस लिए उन्हें भी आरोपी बना लिया है. उन्होंने कोर्ट के समक्ष कहा कि मृतकों के प्रति सहानुभूति है तो जीवित लोगों के प्रति भी दया दिखानी चाहिए.

पुलिस ने हादसे वाली जगह की नहीं थी बैरिकेडिंग : तथ्य के वकील ने कहा कि आरोपी के पिता को फोन आया और वे मौके पर पहुंचे. उन्होंने अपनी दलील में कहा कि घटना रात 12:30 बजे की है. वहां पहले ही एक हादसा हो चुका था. पुलिस ने कोई डायवर्जन या बैरिकेडिंग नहीं की थी. उन्होंने कहा कि सबूत की जांच में खास तौर से कार की जांच में आरोपी की मौजूदगी जरूरी नहीं है.

आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि पुलिस ने डेमोस्ट्रेशन किया है घटना का रिकंस्ट्रक्शन नहीं. उन्होंने कहा कि जगुआर कार जीपीएस से लैस है. कंपनी से जानकारी मांगने पर सबकुछ मिल जायेगा. पुलिस ने सबूतों को प्रभावित करने के आरोप में तथ्य के पिता को जेल भेज दिया है.

हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए देखा गया : बता दें कि पुलिस के मुताबिक, इस हादसे में नौ लोगों की कुचलकर मौत हो गई. इससे पहले गुरुवार को गिरफ्तारी के बाद गुजरात पुलिस आरोपी तथ्य पटेल और उसके पिता को घटनास्थल पर लेकर आई जहां हादसा हुआ था. वीडियो में आरोपी को घटनास्थल पर लाए जाने के बाद हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए देखा गया. इस दर्दनाक हादसे के बाद मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक की.

फास्ट-ट्रैक कोर्ट में होगी सुनवाई : उन्होंने अधिकारियों को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये. उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि मामले की सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर की जायेगी. एक सप्ताह के अंदर आरोप पत्र पेश किया जायेगा. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करके मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में की जाएगी.

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मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजा की घोषणा : मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार इस सड़क दुर्घटना में शामिल दोषियों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई सहित कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और समाज में एक उदाहरण स्थापित हो. हादसे पर संज्ञान लेते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है.

(इनपुट एएनआई)

अहमदाबाद : इस्कॉन ब्रिज (20 जुलाई को) पर अपनी जगुआर कार से नौ लोगों को कुचलने वाले तथ्य पटेल की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हादसे के समय वह नशे में नहीं था. पटेल अहमदाबाद के इस्कॉन ब्रिज पर अपनी तेज रफ्तार लग्जरी कार से नौ लोगों को कुचलकर मार डालने का आरोपी है. हालांकि, इस रिपोर्ट पर भी कई सवाल उठ रहे हैं. कहा जा रहा है कि जांच के लिए सैंपल काफी देर से लिया गया था. इससे पहले शुक्रवार को गुजरात की एक अदालत ने तथ्य पटेल को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया.

पुलिस ने मांगी थी पांच दिन की रिमांड : शुक्रवार को आरोपी को अहमदाबाद की ग्रामीण अदालत में पेश किया गया था. सरकारी वकील ने आरोपी की 5 दिन की रिमांड की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने तीन दिन की रिमांड दी. मामले में अगली सुनवाई अब 24 जुलाई को होगी.

पुलिस की जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप: शुक्रवार को पांच दिन की सरकारी रिमांड की मांग करते हुए कहा कि आरोपी के मोबाइल फोन की भी जांच की जानी है. उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी पुलिस की जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. दुर्घटना के समय तथ्य ही कार चला रहा था.

मुवक्किल का मीडिया ट्रायल हो रहा है : तथ्य के वकील निसार वैद्य ने कहा कि 19 वर्षीय तथ्य सिम्स अस्पताल में आईसीयू में भर्ती था. उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल का मीडिया ट्रायल हो रहा है. उन्होंने कहा कि उसके पिता घटना स्थल से उसे अस्पताल ले गये सिर्फ इस लिए उन्हें भी आरोपी बना लिया है. उन्होंने कोर्ट के समक्ष कहा कि मृतकों के प्रति सहानुभूति है तो जीवित लोगों के प्रति भी दया दिखानी चाहिए.

पुलिस ने हादसे वाली जगह की नहीं थी बैरिकेडिंग : तथ्य के वकील ने कहा कि आरोपी के पिता को फोन आया और वे मौके पर पहुंचे. उन्होंने अपनी दलील में कहा कि घटना रात 12:30 बजे की है. वहां पहले ही एक हादसा हो चुका था. पुलिस ने कोई डायवर्जन या बैरिकेडिंग नहीं की थी. उन्होंने कहा कि सबूत की जांच में खास तौर से कार की जांच में आरोपी की मौजूदगी जरूरी नहीं है.

आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि पुलिस ने डेमोस्ट्रेशन किया है घटना का रिकंस्ट्रक्शन नहीं. उन्होंने कहा कि जगुआर कार जीपीएस से लैस है. कंपनी से जानकारी मांगने पर सबकुछ मिल जायेगा. पुलिस ने सबूतों को प्रभावित करने के आरोप में तथ्य के पिता को जेल भेज दिया है.

हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए देखा गया : बता दें कि पुलिस के मुताबिक, इस हादसे में नौ लोगों की कुचलकर मौत हो गई. इससे पहले गुरुवार को गिरफ्तारी के बाद गुजरात पुलिस आरोपी तथ्य पटेल और उसके पिता को घटनास्थल पर लेकर आई जहां हादसा हुआ था. वीडियो में आरोपी को घटनास्थल पर लाए जाने के बाद हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए देखा गया. इस दर्दनाक हादसे के बाद मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक की.

फास्ट-ट्रैक कोर्ट में होगी सुनवाई : उन्होंने अधिकारियों को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये. उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि मामले की सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर की जायेगी. एक सप्ताह के अंदर आरोप पत्र पेश किया जायेगा. आधिकारिक बयान में कहा गया है कि विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करके मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में की जाएगी.

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(इनपुट एएनआई)

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