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GST ने घटाई कर की दर, चार साल में 66 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल : वित्त मंत्रालय

वित्त मंत्रालय के मुताबिक जीएसटी ने सभी करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल बना दिया है. जीएसटी के तहत, 40 लाख रुपये तक के वार्षिक कारोबार वाले व्यवसायों को कर से छूट दी गई है. अब तक 66 करोड़ से अधिक जीएसटी रिटर्न दाखिल किए गए हैं.

वित्त मंत्रालय
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Published : Jun 30, 2021, 3:08 PM IST

Updated : Jun 30, 2021, 3:18 PM IST

नई दिल्ली : गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू होने के चार साल पूरे हो रहे हैं. यह व्यवस्था एक जुलाई 2017 को लागू की गई थी. इस संबंध में बुधवार को वित्त मंत्रालय (फिनमिन) ने कहा कि अब तक 66 करोड़ से अधिक जीएसटी रिटर्न दाखिल किए गए हैं और कम कर दरों ने अनुपालन बढ़ाने में मदद की है. जीएसटी राष्ट्रवादी कर है, जिसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट और 13 उपकर जैसे 17 स्थानीय लेवी शामिल थे किए गए हैं.

मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी ने सभी करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल बना दिया है. जीएसटी परिषद ने COVID-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए कई व्यापार लाभकारी स्पष्टीकरणों की भी सिफारिश की है.

  • Tax rates reduced from 29.3% in the pre-GST era to 18% under GST on daily use items - hair oil, toothpaste, and soap. For home appliances- washing machines, vacuum cleaners, TV, tax rates lowered from 31.3% to 18% due to GST: Ministry of Finance

    — ANI (@ANI) June 30, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जीएसटी के तहत, 40 लाख रुपये तक के वार्षिक कारोबार वाले व्यवसायों को कर से छूट दी गई है. इसके अतिरिक्त, 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले लोग कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं और केवल 1 प्रतिशत कर का भुगतान कर सकते हैं. वित्त मंत्रालय के मुताबिक 400 वस्तुओं और 80 सेवाओं पर कुल मिलाकर जीएसटी दरों में कमी की गई है. प्री-जीएसटी शासन में अधिकांश वस्तुओं पर संयुक्त केंद्र और राज्यों की दरें 31% से अधिक थीं.

20 लाख तक के कारोबार वाले व्यवसायों को जीएसटी से छूट

मंत्रालय ने कहा कि सेवाओं के लिए एक वर्ष में 20 लाख रुपये तक के कारोबार वाले व्यवसायों को जीएसटी से छूट प्राप्त है. एक वर्ष में 50 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाला सेवा प्रदाता सेवाओं के लिए कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकता है और केवल 6 प्रतिशत कर का भुगतान कर सकता है.

उपभोक्ता-करदाता दोनों के अनुकूल है जीएसटी

मंत्रालय ने ट्वीट किया कि 'अब यह व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है कि जीएसटी, उपभोक्ता और करदाता दोनों के अनुकूल है. जबकि पूर्व-जीएसटी युग की उच्च कर दरों ने कर का भुगतान करने के लिए एक निरुत्साह के रूप में काम किया, जीएसटी के तहत कम दरों ने कर अनुपालन को बढ़ाने में मदद की. 66 करोड़ से अधिक जीएसटी अब तक रिटर्न दाखिल किए गए हैं.'

वर्तमान में जीएसटी दर केवल 11.6 प्रतिशत

देश भर में कई बाजारों में प्रत्येक राज्य में कर की एक अलग दर वसूलने के कारण बड़ी अक्षमताएं और अनुपालन की लागतें बढ़ीं. मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी के तहत लगभग 1.3 करोड़ करदाताओं के पंजीकृत होने के साथ अनुपालन में लगातार सुधार हो रहा है. मंत्रालय ने हैशटैग '4yearsofGST' के साथ ट्वीट करते हुए कहा कि GST ने उस दर को कम कर दिया है जिस पर लोगों को टैक्स देना होता है.' आरएनआर समिति द्वारा अनुशंसित राजस्व तटस्थ दर 15.3 प्रतिशत थी. आरबीआई के अनुसार इसकी तुलना में वर्तमान में जीएसटी दर केवल 11.6 प्रतिशत है.

व्यापार शुरू करने की प्रक्रिया सरल

जीएसटी ने सबसे जटिल अप्रत्यक्ष कर प्रणालियों में से एक को काफी आसान कर दिया है. पहले हर राज्य में व्यापार करने की इच्छा रखने वाली कंपनी को 495 अलग-अलग सबमिशन करना पड़ता था, जीएसटी के तहत यह संख्या घटकर सिर्फ 12 रह गई है. जीएसटी ने जटिल अप्रत्यक्ष कर ढांचे को सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी संचालित कर व्यवस्था के साथ बदल दिया है और इस प्रकार भारत को एक आम बाजार में एकीकृत कर दिया है.

पहले देना होता था 31 फीसदी कर

मंत्रालय ने कहा, प्रक्रियाओं के निरंतर सरल किया जा रहा है ताकि आम आदमी के साथ-साथ व्यापार के लिए जीएसटी अनुपालन को आसान बनाया जा सके. जीएसटी के तहत चार-दर संरचना हैं जो आवश्यक वस्तुओं पर कर की कम दर 5 प्रतिशत और कारों पर 28 प्रतिशत की शीर्ष दर से छूट देती हैं. टैक्स के अन्य स्लैब 12 और 18 फीसदी हैं. जीएसटी से पहले कुल वैट, उत्पाद शुल्क, सीएसटी और उनके व्यापक प्रभाव से उपभोक्ता को औसतन 31 प्रतिशत कर देना होता था. ऐसे में जीएसटी लागू होने से काफी राहत है.

पढ़ें-सेबी ने स्वतंत्र निदेशकों से जुड़े नियम में किया बदलाव

जीएसटी राजकोषीय संघवाद में एक अभूतपूर्व अभ्यास का भी प्रतिनिधित्व करता है. जीएसटी परिषद, जो केंद्र और राज्य सरकारों को एक साथ लाती है, 44 बार बैठक कर चुकी है.

नई दिल्ली : गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू होने के चार साल पूरे हो रहे हैं. यह व्यवस्था एक जुलाई 2017 को लागू की गई थी. इस संबंध में बुधवार को वित्त मंत्रालय (फिनमिन) ने कहा कि अब तक 66 करोड़ से अधिक जीएसटी रिटर्न दाखिल किए गए हैं और कम कर दरों ने अनुपालन बढ़ाने में मदद की है. जीएसटी राष्ट्रवादी कर है, जिसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट और 13 उपकर जैसे 17 स्थानीय लेवी शामिल थे किए गए हैं.

मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी ने सभी करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल बना दिया है. जीएसटी परिषद ने COVID-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए कई व्यापार लाभकारी स्पष्टीकरणों की भी सिफारिश की है.

  • Tax rates reduced from 29.3% in the pre-GST era to 18% under GST on daily use items - hair oil, toothpaste, and soap. For home appliances- washing machines, vacuum cleaners, TV, tax rates lowered from 31.3% to 18% due to GST: Ministry of Finance

    — ANI (@ANI) June 30, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जीएसटी के तहत, 40 लाख रुपये तक के वार्षिक कारोबार वाले व्यवसायों को कर से छूट दी गई है. इसके अतिरिक्त, 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले लोग कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं और केवल 1 प्रतिशत कर का भुगतान कर सकते हैं. वित्त मंत्रालय के मुताबिक 400 वस्तुओं और 80 सेवाओं पर कुल मिलाकर जीएसटी दरों में कमी की गई है. प्री-जीएसटी शासन में अधिकांश वस्तुओं पर संयुक्त केंद्र और राज्यों की दरें 31% से अधिक थीं.

20 लाख तक के कारोबार वाले व्यवसायों को जीएसटी से छूट

मंत्रालय ने कहा कि सेवाओं के लिए एक वर्ष में 20 लाख रुपये तक के कारोबार वाले व्यवसायों को जीएसटी से छूट प्राप्त है. एक वर्ष में 50 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाला सेवा प्रदाता सेवाओं के लिए कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकता है और केवल 6 प्रतिशत कर का भुगतान कर सकता है.

उपभोक्ता-करदाता दोनों के अनुकूल है जीएसटी

मंत्रालय ने ट्वीट किया कि 'अब यह व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है कि जीएसटी, उपभोक्ता और करदाता दोनों के अनुकूल है. जबकि पूर्व-जीएसटी युग की उच्च कर दरों ने कर का भुगतान करने के लिए एक निरुत्साह के रूप में काम किया, जीएसटी के तहत कम दरों ने कर अनुपालन को बढ़ाने में मदद की. 66 करोड़ से अधिक जीएसटी अब तक रिटर्न दाखिल किए गए हैं.'

वर्तमान में जीएसटी दर केवल 11.6 प्रतिशत

देश भर में कई बाजारों में प्रत्येक राज्य में कर की एक अलग दर वसूलने के कारण बड़ी अक्षमताएं और अनुपालन की लागतें बढ़ीं. मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी के तहत लगभग 1.3 करोड़ करदाताओं के पंजीकृत होने के साथ अनुपालन में लगातार सुधार हो रहा है. मंत्रालय ने हैशटैग '4yearsofGST' के साथ ट्वीट करते हुए कहा कि GST ने उस दर को कम कर दिया है जिस पर लोगों को टैक्स देना होता है.' आरएनआर समिति द्वारा अनुशंसित राजस्व तटस्थ दर 15.3 प्रतिशत थी. आरबीआई के अनुसार इसकी तुलना में वर्तमान में जीएसटी दर केवल 11.6 प्रतिशत है.

व्यापार शुरू करने की प्रक्रिया सरल

जीएसटी ने सबसे जटिल अप्रत्यक्ष कर प्रणालियों में से एक को काफी आसान कर दिया है. पहले हर राज्य में व्यापार करने की इच्छा रखने वाली कंपनी को 495 अलग-अलग सबमिशन करना पड़ता था, जीएसटी के तहत यह संख्या घटकर सिर्फ 12 रह गई है. जीएसटी ने जटिल अप्रत्यक्ष कर ढांचे को सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी संचालित कर व्यवस्था के साथ बदल दिया है और इस प्रकार भारत को एक आम बाजार में एकीकृत कर दिया है.

पहले देना होता था 31 फीसदी कर

मंत्रालय ने कहा, प्रक्रियाओं के निरंतर सरल किया जा रहा है ताकि आम आदमी के साथ-साथ व्यापार के लिए जीएसटी अनुपालन को आसान बनाया जा सके. जीएसटी के तहत चार-दर संरचना हैं जो आवश्यक वस्तुओं पर कर की कम दर 5 प्रतिशत और कारों पर 28 प्रतिशत की शीर्ष दर से छूट देती हैं. टैक्स के अन्य स्लैब 12 और 18 फीसदी हैं. जीएसटी से पहले कुल वैट, उत्पाद शुल्क, सीएसटी और उनके व्यापक प्रभाव से उपभोक्ता को औसतन 31 प्रतिशत कर देना होता था. ऐसे में जीएसटी लागू होने से काफी राहत है.

पढ़ें-सेबी ने स्वतंत्र निदेशकों से जुड़े नियम में किया बदलाव

जीएसटी राजकोषीय संघवाद में एक अभूतपूर्व अभ्यास का भी प्रतिनिधित्व करता है. जीएसटी परिषद, जो केंद्र और राज्य सरकारों को एक साथ लाती है, 44 बार बैठक कर चुकी है.

Last Updated : Jun 30, 2021, 3:18 PM IST
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