नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत से अधिक है और छह से 17 साल उम्र समूह में करीब 10 प्रतिशत बच्चे आर्थिक दिक्कतों के कारण प्राथमिक स्कूल नहीं जा पाते. दिल्ली सरकार के एक सर्वेक्षण में यह कहा गया है.
'दिल्ली के निवासियों का सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल' नामक सर्वेक्षण नवंबर 2018 और नवंबर 2019 के बीच हुआ और इसमें शहर के 1.02 करोड़ लोगों को शामिल किया गया.
नवंबर 2020 में इस रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया गया. इसमें धर्म, जाति, आमदनी, शिक्षा, गंभीर बीमारी, टीकाकरण की स्थिति, बेरोजगारी और परिवहन के पसंदीदा माध्यम जैसे विषयों पर जानकारी ली गई.
सर्वेक्षण के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में बेरोजगारी दर 16.25 प्रतिशत है. इसमें कहा गया कि 6-17 साल के उम्र समूह के बच्चों में 9.76 प्रतिशत बच्चों ने पढ़ाई बीच में छोड़ दी या कभी स्कूल नहीं जा पाए. इस उम्र समूह के बच्चे मुख्य रूप से आर्थिक कठिनाइयों के कारण स्कूल जाने से वंचित रह गए.
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में 18 साल या उससे अधिक उम्र की 47.15 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को आंगनवाड़ी केंद्रों के जरिए स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं मिल रही है.
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दिल्ली की महिला आबादी में 68.34 प्रतिशत बसों के जरिए आवाजाही करती हैं. इसके अलावा 14.69 प्रतिशत महिलाएं ऑटो-रिक्शा, ई-रिक्शा, टैक्सियों से सफर करती हैं तथा 6.78 प्रतिशत महिलाएं दोपहिया वाहनों से यात्रा करती हैं. केवल 6.74 प्रतिशत महिलाएं ही मेट्रो से यात्रा करती हैं.
10,000 रुपये से कम खर्च करते हैं 42.5 प्रतिशत परिवार
सर्वेक्षण से पता चला कि 47.31 प्रतिशत परिवार हर महीने 10,000-25,000 रुपये खर्च करते हैं, जबकि 42.5 प्रतिशत परिवार 10,000 रुपये या इससे कम खर्च करते हैं.
दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय 2019-20 में 3.89 लाख रुपये (हर महीने 32000 रुपये से ज्यादा) थी. राष्ट्रीय औसत का यह तीन गुणा ज्यादा है. सर्वेक्षण के मुताबिक, 20.05 लाख परिवारों में से 21 प्रतिशत के पास लैपटॉप या डेस्कटॉप है. इनमें से 80.15 प्रतिशत के पास इंटरनेट कनेक्शन है.