नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने शनिवार को जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में शांति बहाली की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए और विभिन्न समुदायों के बीच बातचीत शुरू कराने के लिए राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति समिति का गठन किया है. शांति समिति के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और नागरिक समाज संगठनों के सदस्य शामिल होंगे.
-
The government of India has constituted Peace Committee in Manipur under the Chairpersonship of the Manipur Governor. The members of the committee include Chief Minister, a few Ministers of the State Government, MP, MLAs and leaders from different political parties. The Committee… pic.twitter.com/UU8DgFt6K9
— ANI (@ANI) June 10, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">The government of India has constituted Peace Committee in Manipur under the Chairpersonship of the Manipur Governor. The members of the committee include Chief Minister, a few Ministers of the State Government, MP, MLAs and leaders from different political parties. The Committee… pic.twitter.com/UU8DgFt6K9
— ANI (@ANI) June 10, 2023The government of India has constituted Peace Committee in Manipur under the Chairpersonship of the Manipur Governor. The members of the committee include Chief Minister, a few Ministers of the State Government, MP, MLAs and leaders from different political parties. The Committee… pic.twitter.com/UU8DgFt6K9
— ANI (@ANI) June 10, 2023
इस संबंध में बताया गया है कि भारत सरकार ने मणिपुर के राज्यपाल की अध्यक्षता में राज्य में शांति समिति का गठन किया है. समिति के सदस्यों में मुख्यमंत्री, राज्य सरकार के कुछ मंत्री, सांसद, विधायक और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल होंगे. शांति समिति को राज्य के विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति स्थापना की प्रक्रिया में मदद करने और विरोधी गुटों व समूहों के बीच शांतिपूर्ण बातचीत शुरू कराने का काम सौंपा गया है.
बताया गया है कि समिति सामाजिक एकजुटता और आपसी समझ को मजबूत करेगी तथा विभिन्न जातीय समूहों के बीच सौहार्दपूर्ण संवाद की पहल करेगी. इसमें कहा गया कि शांति समिति में पूर्व नौकरशाह, शिक्षाविद, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. इतना ही नहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 मई से एक जून तक मणिपुर का दौरा किया था और जमीनी हालात का जायजा लेने के बाद शांति समिति के गठन की घोषणा की थी.
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद राज्यभर में हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं. इन झड़पों में कम से कम 100 लोग मारे जा चुके हैं और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
बता दें कि गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को मणिपुर में हिंसा के पांच मामलों की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) अजय लांबा, जो न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष हैं, जारी हिंसा की जांच करने के लिए शनिवार को इम्फाल पहुंचे. न्यायमूर्ति लांबा के साथ हिमांशु शेखर दास (सेवानिवृत्त आईएएस) हैं जो आयोग के एक अन्य सदस्य हैं.
(इनपुट-एजेंसी)