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चमड़ा, फुटवियर उद्योग के लिए प्रोत्साहन योजना को 2025-26 तक बढ़ा सकती है सरकार

सरकार चमड़ा एवं फुटवियर उद्योग के लिए प्रोत्साहन योजना 'भारतीय फुटवियर, चमड़ा और सहायक सामान विकास कार्यक्रम' को 1,700 करोड़ रुपये के खर्च के साथ 2025-26 तक बढ़ा सकती है. पढ़ें पूरी खबर...

चमड़ा और फुटवियर उद्योग
चमड़ा और फुटवियर उद्योग
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Published : Sep 5, 2021, 5:34 PM IST

नई दिल्ली : सरकार चमड़ा एवं फुटवियर उद्योग के लिए प्रोत्साहन योजना 'भारतीय फुटवियर, चमड़ा और सहायक सामान विकास कार्यक्रम' (Indian Footwear Leather and Accessories Development Programme - IFLADP) को 1,700 करोड़ रुपये के खर्च के साथ 2025-26 तक बढ़ा सकती है. एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे विनिर्माण, निर्यात और रोजगार सृजन को और प्रोत्साहन मिल सकेगा.

अधिकारी ने बताया कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Commerce and Industry Ministry) ने 1,700 करोड़ रुपये के खर्च के साथ IFLADP के लागू करने का प्रस्ताव सौंपा है. यह राशि 2021-22 से 2025-26 तक खर्च की जाएगी. इस प्रस्ताव को जल्द केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल सकती है.

इस कार्यक्रम के छह प्रमुख तत्व....सतत प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरणीय संवर्द्धन (प्रस्तावित खर्च 500 करोड़ रुपये), चमड़ा क्षेत्र का एकीकृत विकास (प्रस्तावित खर्च 500 करोड़ रुपये), संस्थागत सुविधाओं की स्थापना (200 करोड़ रुपये), विशाल चमड़ा फुटवियर एवं एक्सेसरीज क्लस्टर विकास (300 करोड़ रुपये), चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र में भारतीय ब्रांडों का प्रसार (100 करोड़ रुपये) और डिजाइन स्टूडियो का विकास (100 करोड़ रुपये) शामिल हैं.

अधिकारी ने बताया कि व्यय वित्त समिति ने पहले ही मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

पढ़ें : UP : शूज कारोबार को मिली 500 करोड़ के ऑर्डर की संजीवनी

इससे पहले IFLADP को 2,600 करोड़ रुपये के खर्च के साथ तीन वित्त वर्षों 2017-18 से 2019-20 के लिए मंजूरी दी गई थी. इस योजना का मकसद बुनियादी ढांचे का विकास और अतिरिक्त निवेश को प्रोत्साहन देना भी है, जिससे क्षेत्र का उत्पादन और रोजगार बढ़ाया जा सके.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सरकार चमड़ा एवं फुटवियर उद्योग के लिए प्रोत्साहन योजना 'भारतीय फुटवियर, चमड़ा और सहायक सामान विकास कार्यक्रम' (Indian Footwear Leather and Accessories Development Programme - IFLADP) को 1,700 करोड़ रुपये के खर्च के साथ 2025-26 तक बढ़ा सकती है. एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे विनिर्माण, निर्यात और रोजगार सृजन को और प्रोत्साहन मिल सकेगा.

अधिकारी ने बताया कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Commerce and Industry Ministry) ने 1,700 करोड़ रुपये के खर्च के साथ IFLADP के लागू करने का प्रस्ताव सौंपा है. यह राशि 2021-22 से 2025-26 तक खर्च की जाएगी. इस प्रस्ताव को जल्द केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल सकती है.

इस कार्यक्रम के छह प्रमुख तत्व....सतत प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरणीय संवर्द्धन (प्रस्तावित खर्च 500 करोड़ रुपये), चमड़ा क्षेत्र का एकीकृत विकास (प्रस्तावित खर्च 500 करोड़ रुपये), संस्थागत सुविधाओं की स्थापना (200 करोड़ रुपये), विशाल चमड़ा फुटवियर एवं एक्सेसरीज क्लस्टर विकास (300 करोड़ रुपये), चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र में भारतीय ब्रांडों का प्रसार (100 करोड़ रुपये) और डिजाइन स्टूडियो का विकास (100 करोड़ रुपये) शामिल हैं.

अधिकारी ने बताया कि व्यय वित्त समिति ने पहले ही मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

पढ़ें : UP : शूज कारोबार को मिली 500 करोड़ के ऑर्डर की संजीवनी

इससे पहले IFLADP को 2,600 करोड़ रुपये के खर्च के साथ तीन वित्त वर्षों 2017-18 से 2019-20 के लिए मंजूरी दी गई थी. इस योजना का मकसद बुनियादी ढांचे का विकास और अतिरिक्त निवेश को प्रोत्साहन देना भी है, जिससे क्षेत्र का उत्पादन और रोजगार बढ़ाया जा सके.

(पीटीआई-भाषा)

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