नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में कोयला ब्लॉक के 12 नए क्षेत्रों और देश के बाकी हिस्सों में 19 कोयला ब्लॉकों की पहचान की है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में 10 नए कोयला खनन क्षेत्रों के अलावा मध्य प्रदेश और ओडिशा में चार-चार और झारखंड में एक कोयला ब्लॉक की पहचान की गई है. यह जानकारी कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी (coal minister pralhad joshi) ने बुधवार को लोकसभा में दी. उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में, अरुणाचल प्रदेश में चार नए कोयला ब्लॉक, असम और मिजोरम में तीन-तीन और नगालैंड में एक की पहचान की गई है.
उन्होंने एक लिखित सवाल के जवाब में बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 में सीएमपीडीआई ने नए क्षेत्रों में कोयले की खोज के लिए उत्तर पूर्व क्षेत्र में 19 कोयला ब्लॉक (एनईआर को छोड़कर) और 12 ब्लॉकों की पहचान की है. उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की 28 और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) की 10 खदानें या तो बंद कर दी गई हैं या बंद कर दी गई हैं. इसी तरह, सीआईएल की 28 और एससीसीएल की 11 खदानें चालू और अगले तीन वर्षों में बंद होने की संभावना है. कोयले के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए जोशी ने कहा कि राजस्व बंटवारे के आधार पर कोयला ब्लॉकों की व्यावसायिक नीलामी की व्यवस्था की गई है.
जोशी ने कहा कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं है और चालू वित्त वर्ष की जून 2022 तक की तिमाही में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 31 प्रतिशत अधिक कोयले का उत्पादन हुआ है. जोशी ने कहा कि वर्ष 2020-21 में 71.60 करोड़ टन कोयला उत्पादन की तुलना में देश में वर्ष 2021-22 में 77.81 करोड़ टन कोयले का उत्पादन हुआ था. मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में जून तक की तिमाही में देश में पिछली वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 31 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2.048 करोड़ टन कोयले का उत्पादन हुआ है.
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अप्रैल 2022 से जून 2022 के दौरान विद्युत मंत्रालय के अनुसार, ऊर्जा की आवश्यकता और ऊर्जा आपूर्ति के बीच अखिल भारतीय औसत अंतर मात्र 1 प्रतिशत था. उन्होंने कहा कि ऊर्जा की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर आम तौर पर देश में विद्युत उपलब्धता की अपर्याप्तता एवं वितरण नेटवर्क एवं वित्तीय बाधाएं, उत्पादन इकाइयों को बंद करने की बाध्यता आदि कारणों से होती है.
कोयला मंत्री ने कहा कि इस साल घरेलू कोयला उत्पादन 90 करोड़ टन करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कई खदानों में उत्पादन बंद था, ऐसी खदानों को निजी क्षेत्र को देकर उत्पादन शुरू करने की पहल की जा रही है.
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