नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को कहा कि सरकार की नीतियों और उसके द्वारा उठाए गए सक्रिय कदमों से देश को कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुई स्थिति से उबरने में मदद मिली. उन्होंने कहा कि इन कदमों में कॉरपोरेट कर में कटौती और अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण जैसे उपाय शामिल हैं. उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत विशेष सप्ताह समारोह में आयोजित कार्यक्रम - 'भारत की आर्थिक यात्रा @75' में कहा कि भारत ने अपने मजबूत बुनियादी ढांचे के साथ चुनौतियों का सामना किया और सफलता पाई. इस कार्यक्रम का आयोजन आर्थिक मामलों के विभाग और सेबी ने मिलकर किया था.
वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 से सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों ने अर्थव्यवस्था और लोगों को मुश्किल समय का मुकाबला करने में सक्षम बनाया. महामारी के दौरान सरकार के लक्षित दृष्टिकोण ने नागरिकों की मदद की. सीतारमण ने कहा, 'अर्थव्यवस्था को उबारने तथा (2014 के बाद से) वृद्धि की सभी बाधाओं को दूर करने के बावजूद चुनौतियां थीं, और ऐसे में जो बड़े कदम उठाए गए- कॉरपोरेट कर को कम करना, अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण, आईबीसी कोड, जीएसटी - उसने हमें ऐसे हालात का सामना करने के लिए तैयार किया, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी.'
उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोविड के बावजूद भारतीय खुदरा निवेशकों ने शेयर बाजार तक पहुंचने के लिए ऑनलाइन साधन खोजे हैं और निवेशक शिक्षा में सेबी की भूमिका रही है. उन्होंने प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) पर एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि इससे पता चला है कि देश भर में उपभोग उपयोगिताओं में कटौती करने वाले लोगों की संभावना में 75 प्रतिशत की कमी आई है. अध्ययन से यह भी पता चला है कि पीएमजीकेवाई ने सभी उत्तरदाताओं के 67 प्रतिशत से पैसे उधार लेने की संभावना को कम कर दिया है.
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