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सरकार ने जलमार्ग के माध्यम से पटना से असम के लिए 200 टन खाद्यान्न भेजा - जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

देश में अंतर्देशीय जलमार्गों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शनिवार को बिहार के पटना से गुवाहाटी के पांडु के लिए एक जहाज को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

Govt dispatches 200 ton foodgrain from Patna to Assam through waterways
सरकार ने जलमार्ग के माध्यम से पटना से असम के लिए 200 टन खाद्यान्न भेजा
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Published : Feb 6, 2022, 4:50 AM IST

नई दिल्ली : देश में अंतर्देशीय जलमार्गों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शनिवार को बिहार के पटना से गुवाहाटी के पांडु के लिए एक जहाज को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. पायलट पोत 200 टन खाद्यान्न ले जा रहा है. जलमार्ग के माध्यम से लगभग 25 दिनों की लंबी यात्रा के बाद खाद्यान्न को असम में पहुंचाया जाएगा. अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बांग्लादेश से भी यात्रा करेगा. पोत को अंतर्देशीय जल टर्मिनल गायघाट पटना से झंडी दिखाकर रवाना किया गया. बांग्लादेश के जहाजरानी मंत्री खालिद मो. चौधरी ने इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से भाग लिया.

अधिकारियों के अनुसार, एमवी लाल बहादुर शास्त्री पोत सेवा शुरू की गयी है. यह आज से 2,350 किलोमीटर लंबी यात्रा शुरू की है. यह सेवा असम के लिए एक नया द्वार खोलेगा जिसे अक्सर भारत की दो प्रमुख नदियों - गंगा और ब्रह्मपुत्र के माध्यम से निर्बाध जलमार्ग कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए उत्तर-पूर्व का प्रवेश द्वार कहा जाता है.

अधिकारियों ने कहा कि 78 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ बिहार के कालूघाट में नियोजित इंटरमॉडल टर्मिनल क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और रोजगार के कई अवसर पैदा करेगा. इससे उत्तर बिहार की सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने में मदद मिलेगी और इस क्षेत्र में कार्गो के परिवहन के लिए एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा.

आयोजित कार्यक्रम में खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री पीयूष गोयल वर्चुअल रूप से शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि पटना से उत्तर-पूर्व क्षेत्र की ओर जाने वाला यह जलमार्ग लोगों की आवाजाही के पारंपरिक तरीके का एक व्यवहार्य विकल्प साबित हो सकता है.

भारत-बांग्लादेश-भारत जलमार्ग

श्री गोयल ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में जहाजों की निर्बाध आवाजाही के लिए, बांग्लादेश के साथ 305 करोड़ रुपये की लागत से भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल (आईबीपी) रूट के 2 हिस्सों को विकसित किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- लालू के सुपुत्र तेजप्रताप अब चावल भी बेचेंगे

25-30 दिनों की यात्रा राष्ट्रीय जलमार्ग -1 (गंगा नदी), एनडब्ल्यू-97 (सुंदरबन), भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल (आईबीपी) मार्ग और एनडब्ल्यू-2 (ब्रह्मपुत्र नदी) के माध्यम से एक एकीकृत आईडब्ल्यूटी आवाजाही होगी. पटना से पांडु (गुवाहाटी) की यात्रा के दौरान लाल बहादुर शास्त्री जहाज भागलपुर, मनिहारी, साहिबगंज, फरक्का, त्रिबेनी, कोलकाता, हल्दिया, हेमनगर, खुलना, नारायणगंज सिराजगंज, चिलमारी, धुबरी और जोगीघोपा से होकर गुजरेगा.

बिहार में कालूघाट जलमार्ग टर्मिनल

यह साइट बिहार के सारण जिले में गंगा नदी पर स्थित है. पटना मुख्य शहर से सड़क मार्ग से लगभग 25किमी की दूरी पर स्थित है. यह टर्मिनल सीधे एनएच 19 से जुड़ा है. एक बर्थ वाले टर्मिनल की क्षमता 77,000 टीईयू प्रति वर्ष होगी और टर्मिनल को कंटेनर ट्रैफिक को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है. बर्थ को ट्रकों, वाहनों, संचालन और रखरखाव उपकरणों की आवाजाही के लिए अप्रोच ट्रेस्टल द्वारा जोड़ा जाएगा. सड़क, जल निकासी, सीवरेज, जलापूर्ति, संचार प्रणाली जैसी ऑन-शोर सुविधाओं को टर्मिनल के विकास के हिस्से के रूप में तैयार किया जाएगा.

नई दिल्ली : देश में अंतर्देशीय जलमार्गों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शनिवार को बिहार के पटना से गुवाहाटी के पांडु के लिए एक जहाज को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. पायलट पोत 200 टन खाद्यान्न ले जा रहा है. जलमार्ग के माध्यम से लगभग 25 दिनों की लंबी यात्रा के बाद खाद्यान्न को असम में पहुंचाया जाएगा. अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बांग्लादेश से भी यात्रा करेगा. पोत को अंतर्देशीय जल टर्मिनल गायघाट पटना से झंडी दिखाकर रवाना किया गया. बांग्लादेश के जहाजरानी मंत्री खालिद मो. चौधरी ने इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से भाग लिया.

अधिकारियों के अनुसार, एमवी लाल बहादुर शास्त्री पोत सेवा शुरू की गयी है. यह आज से 2,350 किलोमीटर लंबी यात्रा शुरू की है. यह सेवा असम के लिए एक नया द्वार खोलेगा जिसे अक्सर भारत की दो प्रमुख नदियों - गंगा और ब्रह्मपुत्र के माध्यम से निर्बाध जलमार्ग कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए उत्तर-पूर्व का प्रवेश द्वार कहा जाता है.

अधिकारियों ने कहा कि 78 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ बिहार के कालूघाट में नियोजित इंटरमॉडल टर्मिनल क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और रोजगार के कई अवसर पैदा करेगा. इससे उत्तर बिहार की सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने में मदद मिलेगी और इस क्षेत्र में कार्गो के परिवहन के लिए एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा.

आयोजित कार्यक्रम में खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री पीयूष गोयल वर्चुअल रूप से शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि पटना से उत्तर-पूर्व क्षेत्र की ओर जाने वाला यह जलमार्ग लोगों की आवाजाही के पारंपरिक तरीके का एक व्यवहार्य विकल्प साबित हो सकता है.

भारत-बांग्लादेश-भारत जलमार्ग

श्री गोयल ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में जहाजों की निर्बाध आवाजाही के लिए, बांग्लादेश के साथ 305 करोड़ रुपये की लागत से भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल (आईबीपी) रूट के 2 हिस्सों को विकसित किया जा रहा है.

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25-30 दिनों की यात्रा राष्ट्रीय जलमार्ग -1 (गंगा नदी), एनडब्ल्यू-97 (सुंदरबन), भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल (आईबीपी) मार्ग और एनडब्ल्यू-2 (ब्रह्मपुत्र नदी) के माध्यम से एक एकीकृत आईडब्ल्यूटी आवाजाही होगी. पटना से पांडु (गुवाहाटी) की यात्रा के दौरान लाल बहादुर शास्त्री जहाज भागलपुर, मनिहारी, साहिबगंज, फरक्का, त्रिबेनी, कोलकाता, हल्दिया, हेमनगर, खुलना, नारायणगंज सिराजगंज, चिलमारी, धुबरी और जोगीघोपा से होकर गुजरेगा.

बिहार में कालूघाट जलमार्ग टर्मिनल

यह साइट बिहार के सारण जिले में गंगा नदी पर स्थित है. पटना मुख्य शहर से सड़क मार्ग से लगभग 25किमी की दूरी पर स्थित है. यह टर्मिनल सीधे एनएच 19 से जुड़ा है. एक बर्थ वाले टर्मिनल की क्षमता 77,000 टीईयू प्रति वर्ष होगी और टर्मिनल को कंटेनर ट्रैफिक को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है. बर्थ को ट्रकों, वाहनों, संचालन और रखरखाव उपकरणों की आवाजाही के लिए अप्रोच ट्रेस्टल द्वारा जोड़ा जाएगा. सड़क, जल निकासी, सीवरेज, जलापूर्ति, संचार प्रणाली जैसी ऑन-शोर सुविधाओं को टर्मिनल के विकास के हिस्से के रूप में तैयार किया जाएगा.

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