नई दिल्ली : ऑक्सीजन को जन स्वास्थ्य से संबद्ध अहम जरूरत बताते हुए सरकार ने कहा कि सभी स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों से चिकित्सकीय ऑक्सीजन की मांग का पता लगाने के लिए 'ऑक्सीजन डिमांड एग्रीगेशन सिस्टम' (ODAS) विकसित किया गया है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन जन स्वास्थ्य से जुड़ी अहम जरूरत है और और इसकी निर्बाध आपूर्ति खास तौर पर कोविड-19 महामारी जैसी आपात स्थितियों में महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि महामारी ने ऑक्सीजन की मांग को कई गुना बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों से चिकित्सकीय ऑक्सीजन की मांग का पता लगाने के लिए 'ऑक्सीजन डिमांड एग्रीगेशन सिस्टम' (ओडीएएस) विकसित किया गया है. साथ ही, ऑक्सीजन संबंधी सभी उपकरणों की स्थिति के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए एक मंच 'ऑक्सीकेयर' भी तैयार किया गया है.
पवार ने बताया कि 31 मार्च 2020 तक 6759 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन की क्षमता वाले 609 टैंक थे लेकिन अब देश में 15622 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन की क्षमता वाले 1242 टैंक हैं. उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में 4132 पीएसए संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। इनके अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 4,16,857 हाई प्रेशर ऑक्सीजन सिलेंडर और 1,30,000 ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर भी दिए गए हैं.
बता दें कि एच3एन2 एलफ्लूएंजा वायरस के फैलने को देखते हुए विभिन्न सरकारों के द्वारा एहतियात के तौर पर अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पूरी व्यवस्था करने के लिए कहा है. इसके तहत विभिन्न दवाओं के साथ ही वहां पर ऑक्सीजन और आईसीयू समेत अन्य कई पूरी तरह से तैयार करने के लिए कहा है.
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(पीटीआई-भाषा)