नई दिल्ली : बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' (documentary 'India: The Modi Question') के पहले एपिसोड को साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो को सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार ब्लॉक कर दिया गया है. सूत्रों ने यह जानकारी शनिवार को दी. साथ ही केंद्र ने ट्विटर संबंधित को YouTube वीडियो के लिंक वाले 50 से अधिक ट्वीट्स को ब्लॉक करने का भी निर्देश दिया है. इसी मसले पर सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, सेवानिवृत्त नौकरशाहों और सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों के दिग्गजों ने बीबीसी वृत्तचित्र का खंडन करते हुए एक बयान पर हस्ताक्षर किए हैं. बयान में कहा है गया है बीबीसी सीरीज न केवल भ्रामक रिपोर्टिंग पर आधारित है.
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Retired judges, retired bureaucrats and retired armed forces veterans co-sign a statement rebutting the BBC documentary ‘Delusions of British Imperial Resurrection?’ pic.twitter.com/XCFROpYzPl
— ANI (@ANI) January 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) January 21, 2023
सूचना और प्रसारण सचिव द्वारा शुक्रवार को आईटी नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए निर्देश जारी किए जाने के बाद YouTube और Twitter दोनों ने सरकार के निर्देश का पालन किया. बता दें कि यूके के नेशनल ब्रॉडकास्टर ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में पीएम मोदी के कार्यकाल पर हमला करते हुए दो-भाग की श्रृंखला प्रसारित की. वहीं डॉक्यूमेंट्री पर नाराजगी जताए जाने के बाद उसे चुनिंदा प्लेटफार्मों से हटा दिया गया.
वहीं गुरुवार को, भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादास्पद बीबीसी वृत्तचित्र श्रृंखला की निंदा करते हुए इसे एक प्रचार के माध्यम के रूप में वर्णित किया था. इसी क्रम में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा था, 'हमें लगता है कि यह एक विशेष बदनाम कहानी को आगे बढ़ाने के लिए बनाया गया एक प्रचार लेख है. पूर्वाग्रह और निष्पक्षता की कमी और स्पष्ट रूप से जारी औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है.' भले ही भारत में बीबीसी द्वारा वृत्तचित्र भारत में उपलब्ध नहीं कराया गया था, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ YouTube चैनलों ने भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए इसे अपलोड किया है.
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सूत्रों ने बताया कि यूट्यूब को यह भी निर्देश दिया गया है कि अगर वीडियो को फिर से उसके प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाता है तो उसे ब्लॉक कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि ट्विटर को अन्य प्लेटफॉर्म पर वीडियो के लिंक वाले ट्वीट्स की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए भी निर्देशित किया गया है. यह निर्णय कई मंत्रालयों के शीर्ष सरकारी अधिकारियों द्वारा वृत्तचित्र की जांच करने के बाद किया गया और पाया गया कि यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार और विश्वसनीयता पर आक्षेप लगाने और विभिन्न भारतीय समुदायों के बीच विभाजन बोने का प्रयास है. सूत्रों ने कहा कि तदनुसार वृत्तचित्र को भारत की संप्रभुता और अखंडता को कमजोर करते हुए पाया गया, और इसमें विदेशी राज्यों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की क्षमता थी.
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( इनपुट- एएनआई)