ETV Bharat / bharat

सरकार मीरवाइज उमर फारूक को रिहा करने के फैसले से पीछे हटी : हुर्रियत

एक हुर्रियत प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा, 'हुर्रियत कांफ्रेंस कड़ी नाराजगी और खेद जताता है कि अगस्त 2019 से ही, 20 महीने से नजरबंद उसके अध्यक्ष और मीरवाइज-ए-कश्मीर उमर फारूक की रिहाई की घोषणा के बाद सरकारी अधिकारी अपने फैसले से पीछे हट गए.'

Sarkar
Sarkar
author img

By

Published : Mar 5, 2021, 9:33 PM IST

श्रीनगर : उदारवादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने शुक्रवार को दावा किया कि जम्मू कश्मीर के अधिकारी उसके अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को एहतियाती हिरासत से रिहा करने के अपने फैसले से पीछे हट गए हैं. फारूक के एक करीबी सहयोगी ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि मीरवाइज की आवाजाही पर लगी रोक हटा ली गई है. हालांकि, प्रशासन ने तो न इसकी पुष्टि की और न ही इसका खंडन किया.

हुर्रियत प्रवक्ता ने दावा किया कि पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार देर रात मीरवाइज से उनके निवास पर मुलाकात की. उन्हें बताया कि उनकी नजरबंदी कायम है तथा उन्हें शुक्रवार की नमाज के लिए जामिया मस्जिद जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. प्रवक्ता ने कहा, 'सुबह से ही उनके घर के बाहर अतिरिक्त बल तैनात किया गया है.' उन्होंने कहा कि हुर्रियत इसकी कड़ी निंदा करता है.

प्रवक्ता ने सवाल किया, 'हाल ही में संसद में, गृह राज्य मंत्री ने स्पष्ट कहा था कि जम्मू कश्मीर में कोई भी नजरबंद नहीं है. यदि ऐसा है, तो मीरवाइज को हिरासत में क्यों रखा जा रहा है.' हालांकि प्रवक्ता ने लोगों से अपील की कि वे उम्मीद बनाए रखें और किसी भी तरह की हिंसा का सहारा न लें.

मीरवाइज सहित अलगाववादी और मुख्यधारा के सैकड़ों नेताओं को करीब 19 महीने उस समय हिरासत में ले लिया गया था या घरों में नजरबंद कर दिया था जब केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करते हुए जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था.

यह भी पढ़ें-जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आईईडी ब्लास्ट, जांच जारी

अधिकतर नेताओं को पिछले साल मार्च तक रिहा कर दिया गया था लेकिन मीरवाइज सहित कुछ लोग अब भी हिरासत में हैं.

श्रीनगर : उदारवादी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने शुक्रवार को दावा किया कि जम्मू कश्मीर के अधिकारी उसके अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को एहतियाती हिरासत से रिहा करने के अपने फैसले से पीछे हट गए हैं. फारूक के एक करीबी सहयोगी ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि मीरवाइज की आवाजाही पर लगी रोक हटा ली गई है. हालांकि, प्रशासन ने तो न इसकी पुष्टि की और न ही इसका खंडन किया.

हुर्रियत प्रवक्ता ने दावा किया कि पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार देर रात मीरवाइज से उनके निवास पर मुलाकात की. उन्हें बताया कि उनकी नजरबंदी कायम है तथा उन्हें शुक्रवार की नमाज के लिए जामिया मस्जिद जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. प्रवक्ता ने कहा, 'सुबह से ही उनके घर के बाहर अतिरिक्त बल तैनात किया गया है.' उन्होंने कहा कि हुर्रियत इसकी कड़ी निंदा करता है.

प्रवक्ता ने सवाल किया, 'हाल ही में संसद में, गृह राज्य मंत्री ने स्पष्ट कहा था कि जम्मू कश्मीर में कोई भी नजरबंद नहीं है. यदि ऐसा है, तो मीरवाइज को हिरासत में क्यों रखा जा रहा है.' हालांकि प्रवक्ता ने लोगों से अपील की कि वे उम्मीद बनाए रखें और किसी भी तरह की हिंसा का सहारा न लें.

मीरवाइज सहित अलगाववादी और मुख्यधारा के सैकड़ों नेताओं को करीब 19 महीने उस समय हिरासत में ले लिया गया था या घरों में नजरबंद कर दिया था जब केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करते हुए जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था.

यह भी पढ़ें-जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आईईडी ब्लास्ट, जांच जारी

अधिकतर नेताओं को पिछले साल मार्च तक रिहा कर दिया गया था लेकिन मीरवाइज सहित कुछ लोग अब भी हिरासत में हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.