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सोशल मीडिया के लिए सख्त नियम बनाने को सरकार तैयार: आईटी मंत्री - Websites like Bully Bai

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (IT Minister Ashwini Vaishnav) ने राज्यसभा में कहा कि सोशल मीडिया को और अधिक जवाबदेह बनाने की जरूरत है और यदि इस मामले में राजनीतिक सहमति हो तो इस संबंध में सख्त नियम लाए जा सकते हैं.

IT Minister Ashwini Vaishnav
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव
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Published : Feb 4, 2022, 5:32 PM IST

Updated : Feb 4, 2022, 7:45 PM IST

नई दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (IT Minister Ashwini Vaishnav) ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि जब भी सरकार ने सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने के लिए कोई कदम उठाया है, विपक्ष ने उस पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का आरोप लगाया है, लेकिन ऐसा नहीं है.

उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने वाली बुली बाई जैसी वेबसाइटों (Websites like Bully Bai) के खिलाफ क्या कार्रवाई शुरू की गई है, का जवाब देते हुए कहा कि यदि इस मामले में राजनीतिक सहमति हो तो सोशल मीडिया के संबंध में सख्त नियम लाए जा सकते हैं. बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उल्लंघन के संज्ञान में आने पर सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है.

मंत्री ने कहा कि हमें अपनी महिलाओं और हमारी आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने के लिए एक संतुलन और आम सहमति बनानी होगी. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के नियमों को मजबूत करना होगा और अगर विपक्ष, सरकार पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का आरोप लगाता है, तो यह गलत है. हमें एक साथ नई दिशा की ओर बढ़ना है.

कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा (Congress MP Anand Sharma) द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या सोशल मीडिया के कामकाज को प्रभावी ढंग से जांचने के लिए कोई सत्यापन प्रक्रिया की गई है, मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर सख्त जवाबदेही है. उन्होंने कहा कि अगर सदन में आम सहमति होती है, तो हम सोशल मीडिया के लिए और भी कड़े नियम बनाने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि मेरा निजी तौर पर मानना ​​है कि अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हमें नियमों को और सख्त बनाना चाहिए.

सोशल मीडिया के लिए सख्त नियम बनाने को सरकार तैयार

मंत्री ने यह भी कहा कि मैं आपसे सहमत हूं कि हमें एक समाज के रूप में आगे आना होगा और सोशल मीडिया को और अधिक जवाबदेही तय करनी होगी. उन्होंने कहा कि इस समय सरकार संवैधानिक ढांचे के भीतर काम कर रही है और राज्यों और केंद्र दोनों की भूमिका को परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​या मेरी टीम मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि पूरे देश में होने वाले किसी भी साइबर अपराध के लिए एक ढांचा तैयार किया गया है और इसे केंद्रीय पोर्टल पर रिपोर्ट किया जा सकता है. यह संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसी को जाता है. बुली बाई जैसी वेबसाइटों के खिलाफ कार्रवाई पर वैष्णव ने कहा कि यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला है. महिलाओं की गरिमा की रक्षा करना हमारी सरकार का एक मौलिक कर्तव्य है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. यह हमारी प्रतिबद्धता है और कोई बात नहीं है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले पर तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है, कार्रवाई न केवल सतह पर है, बल्कि आईटी मंत्रालय मूल कारणों की गहराई तक गया है. वैष्णव ने कहा कि सोशल मीडिया काफी प्रचलित है और आज हमारे जीवन में इसका बहुत महत्व है. सरकार सोशल मीडिया के दुरुपयोग से बचने के लिए सोशल मीडिया को सुरक्षित और जवाबदेह बनाने के लिए 2021 में व्यापक मध्यस्थ नियम और दिशा-निर्देश लेकर आई है.

उन्होंने कहा कि इसके तहत पांच संस्थागत ढांचे हैं और सभी सोशल मीडिया मध्यस्थ अपनी मासिक अनुपालन रिपोर्ट ऑनलाइन प्रकाशित करने के लिए बाध्य हैं. मंत्री ने अपने लिखित उत्तर में कहा कि ट्वीटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 के अनुसार मध्यस्थों के रूप में योग्य हैं. सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि भारत में इंटरनेट सभी उपयोगकर्ताओं के लिए खुला, सुरक्षित और विश्वसनीय और जवाबदेह है.

यह भी पढ़ें- parliament day five : NEET से जुड़े मुद्दे पर विपक्ष का वॉकआउट

उपरोक्त उद्देश्यों के अनुरूप सरकार ने 25 फरवरी 2021 को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 को अधिसूचित किया है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इंटरनेट सुरक्षित और विश्वसनीय है. उन्होंने कहा कि नियम महत्वपूर्ण सोशल मीडिया बिचौलियों द्वारा पालन किए जाने वाले अतिरिक्त उचित परिश्रम का भी प्रावधान करते हैं.

नई दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (IT Minister Ashwini Vaishnav) ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि जब भी सरकार ने सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने के लिए कोई कदम उठाया है, विपक्ष ने उस पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का आरोप लगाया है, लेकिन ऐसा नहीं है.

उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने वाली बुली बाई जैसी वेबसाइटों (Websites like Bully Bai) के खिलाफ क्या कार्रवाई शुरू की गई है, का जवाब देते हुए कहा कि यदि इस मामले में राजनीतिक सहमति हो तो सोशल मीडिया के संबंध में सख्त नियम लाए जा सकते हैं. बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उल्लंघन के संज्ञान में आने पर सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है.

मंत्री ने कहा कि हमें अपनी महिलाओं और हमारी आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाने के लिए एक संतुलन और आम सहमति बनानी होगी. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के नियमों को मजबूत करना होगा और अगर विपक्ष, सरकार पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का आरोप लगाता है, तो यह गलत है. हमें एक साथ नई दिशा की ओर बढ़ना है.

कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा (Congress MP Anand Sharma) द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या सोशल मीडिया के कामकाज को प्रभावी ढंग से जांचने के लिए कोई सत्यापन प्रक्रिया की गई है, मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर सख्त जवाबदेही है. उन्होंने कहा कि अगर सदन में आम सहमति होती है, तो हम सोशल मीडिया के लिए और भी कड़े नियम बनाने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि मेरा निजी तौर पर मानना ​​है कि अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हमें नियमों को और सख्त बनाना चाहिए.

सोशल मीडिया के लिए सख्त नियम बनाने को सरकार तैयार

मंत्री ने यह भी कहा कि मैं आपसे सहमत हूं कि हमें एक समाज के रूप में आगे आना होगा और सोशल मीडिया को और अधिक जवाबदेही तय करनी होगी. उन्होंने कहा कि इस समय सरकार संवैधानिक ढांचे के भीतर काम कर रही है और राज्यों और केंद्र दोनों की भूमिका को परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​या मेरी टीम मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि पूरे देश में होने वाले किसी भी साइबर अपराध के लिए एक ढांचा तैयार किया गया है और इसे केंद्रीय पोर्टल पर रिपोर्ट किया जा सकता है. यह संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसी को जाता है. बुली बाई जैसी वेबसाइटों के खिलाफ कार्रवाई पर वैष्णव ने कहा कि यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला है. महिलाओं की गरिमा की रक्षा करना हमारी सरकार का एक मौलिक कर्तव्य है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. यह हमारी प्रतिबद्धता है और कोई बात नहीं है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले पर तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है, कार्रवाई न केवल सतह पर है, बल्कि आईटी मंत्रालय मूल कारणों की गहराई तक गया है. वैष्णव ने कहा कि सोशल मीडिया काफी प्रचलित है और आज हमारे जीवन में इसका बहुत महत्व है. सरकार सोशल मीडिया के दुरुपयोग से बचने के लिए सोशल मीडिया को सुरक्षित और जवाबदेह बनाने के लिए 2021 में व्यापक मध्यस्थ नियम और दिशा-निर्देश लेकर आई है.

उन्होंने कहा कि इसके तहत पांच संस्थागत ढांचे हैं और सभी सोशल मीडिया मध्यस्थ अपनी मासिक अनुपालन रिपोर्ट ऑनलाइन प्रकाशित करने के लिए बाध्य हैं. मंत्री ने अपने लिखित उत्तर में कहा कि ट्वीटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 के अनुसार मध्यस्थों के रूप में योग्य हैं. सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि भारत में इंटरनेट सभी उपयोगकर्ताओं के लिए खुला, सुरक्षित और विश्वसनीय और जवाबदेह है.

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उपरोक्त उद्देश्यों के अनुरूप सरकार ने 25 फरवरी 2021 को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 को अधिसूचित किया है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इंटरनेट सुरक्षित और विश्वसनीय है. उन्होंने कहा कि नियम महत्वपूर्ण सोशल मीडिया बिचौलियों द्वारा पालन किए जाने वाले अतिरिक्त उचित परिश्रम का भी प्रावधान करते हैं.

Last Updated : Feb 4, 2022, 7:45 PM IST
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