ETV Bharat / bharat

सरकार ने बैक्टीरिया, वायरल संक्रमण की निगरानी के लिए 'वन हेल्थ' कार्यक्रम की शुरुआत की

जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने 'वन हेल्थ' कंसोर्टियम शुरू किया है, जिसके तहत देश में पशुजनित रोगों के साथ-साथ वैश्विक रोगों के महत्वपूर्ण जीवाणु, वायरल और परजीवी संक्रमण की निगरानी करने की परिकल्पना की गई है.

बैक्टीरिया
बैक्टीरिया
author img

By

Published : Oct 14, 2021, 5:18 PM IST

नई दिल्ली : जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने 'वन हेल्थ' कंसोर्टियम शुरू किया है, जिसके तहत देश में पशुजनित रोगों के साथ-साथ वैश्विक रोगों के महत्वपूर्ण जीवाणु, वायरल और परजीवी संक्रमण की निगरानी करने की परिकल्पना की गई है.

डीबीटी ने एक बयान में कहा कि इस परियोजना के तहत मौजूदा नैदानिक ​​​​परीक्षणों के उपयोग तथा निगरानी और उभरती हुई बीमारियों के प्रसार को समझने के लिए अतिरिक्त तौर-तरीकों के विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा. जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ रेणु स्वरूप ने बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डीबीटी की पहली 'वन हेल्थ' परियोजना की शुरुआत की.

स्वरूप ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने संक्रामक रोगों विशेष रूप से दुनियाभर में पशुजनित रोगों को रोकने के मामले में 'वन हेल्थ' सिद्धांतों की प्रासंगिकता को दर्शाया है. उन्होंने भविष्य की महामारियों से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए मानव, पशुओं और वन्यजीवों के स्वास्थ्य को समझने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया.

स्वरूप ने कहा कि वन हेल्थ कंसोर्टियम में हैदराबाद में स्थित डीबीटी-राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के नेतृत्व में 27 संगठन शामिल हैं. यह कोविड-19 के बाद के समय में सरकार द्वारा शुरू किए गए सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है.

पढ़ें - गोवा सरकार की CZMP के लिए और छह माह की मांग वाली याचिका खारिज

कंसोर्टियम में एम्स-दिल्ली, एम्स-जोधपुर, आईवीआरआई-बरेली, जीएडीवीएएसयू-लुधियाना, टीएएनयूवीएएस-चेन्नई, एमएएफसयू-नागपुर, असम कृषि एवं पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, आईसीएआर, आईसीएमआर केंद्र तथा कई वन्यजीव एजेंसियां शामिल हैं.

(पीटीआई-भाषा )

नई दिल्ली : जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने 'वन हेल्थ' कंसोर्टियम शुरू किया है, जिसके तहत देश में पशुजनित रोगों के साथ-साथ वैश्विक रोगों के महत्वपूर्ण जीवाणु, वायरल और परजीवी संक्रमण की निगरानी करने की परिकल्पना की गई है.

डीबीटी ने एक बयान में कहा कि इस परियोजना के तहत मौजूदा नैदानिक ​​​​परीक्षणों के उपयोग तथा निगरानी और उभरती हुई बीमारियों के प्रसार को समझने के लिए अतिरिक्त तौर-तरीकों के विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा. जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ रेणु स्वरूप ने बृहस्पतिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डीबीटी की पहली 'वन हेल्थ' परियोजना की शुरुआत की.

स्वरूप ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने संक्रामक रोगों विशेष रूप से दुनियाभर में पशुजनित रोगों को रोकने के मामले में 'वन हेल्थ' सिद्धांतों की प्रासंगिकता को दर्शाया है. उन्होंने भविष्य की महामारियों से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए मानव, पशुओं और वन्यजीवों के स्वास्थ्य को समझने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया.

स्वरूप ने कहा कि वन हेल्थ कंसोर्टियम में हैदराबाद में स्थित डीबीटी-राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के नेतृत्व में 27 संगठन शामिल हैं. यह कोविड-19 के बाद के समय में सरकार द्वारा शुरू किए गए सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है.

पढ़ें - गोवा सरकार की CZMP के लिए और छह माह की मांग वाली याचिका खारिज

कंसोर्टियम में एम्स-दिल्ली, एम्स-जोधपुर, आईवीआरआई-बरेली, जीएडीवीएएसयू-लुधियाना, टीएएनयूवीएएस-चेन्नई, एमएएफसयू-नागपुर, असम कृषि एवं पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, आईसीएआर, आईसीएमआर केंद्र तथा कई वन्यजीव एजेंसियां शामिल हैं.

(पीटीआई-भाषा )

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.