नई दिल्ली : 'किसान नरसंहार' से संबंधित सामग्री/खातों को हटाने के अपने आदेश का पालन करने के लिए सरकार ने ट्विटर को नोटिस जारी किया है. जानकारी के अनुसार ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के साथ भ्रामक और गलत सूचनाएं पोस्ट की गई थीं.
ट्विटर ने कई लोगों के ट्विटर अकाउंट पर कार्रवाई करते हुए उन्हें कुछ समय के लिए सस्पेंड कर दिया था, जिसके बाद सरकार ने ऐसे पोस्ट करने वालों के खातों/ट्वीट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया था, बावजूद इसके ट्विटर ने ऐसे खाते अनब्लॉक किए.
जानकारी के अनुसार ट्विटर एक मध्यस्थ है और वे सरकार के अदेश को मानने के लिए बाध्य हैं. ऐसा करने से इनकार करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
सरकारी सूत्रों ने कहा कि ट्विटर ने कुछ खातों को ब्लॉक करने के आदेश के बावजूद अपनी तरफ से उन खातों के इस्तेमाल पर लगी रोक हटा दी. उन्होंने कहा कि सरकारी आदेशों का अनुपालन न करने पर ट्विटर को दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
सरकार के नोटिस में उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ समेत उसके करीब आधा दर्जन आदेशों को उद्धृत किया गया है कि लोक व्यवस्था क्या है और अधिकारियों के अधिकार क्या हैं.
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सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि ट्विटर अदालत की भूमिका धारण नहीं कर सकता और आदेश का अनुपालन नहीं करने को उचित नहीं ठहरा सकता.
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हाल में ट्विटर को निर्देश दिया था कि वह ऐसे 250 ट्वीट/खातों को बंद करे जो 30 जनवरी को ऐसे गलत, धमकाने वाले और भड़काने वाले ट्वीट्स साझा कर रहे थे जिनमें हैशटैग के साथ कहा गया था कि मोदी सरकार किसानों के जनसंहार की साजिश रच रही है.