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कोविड-19 से प्रभावित बच्चों के लिए सरकार ने जारी किेए दिशा-निर्देश - सरकार ने जारी किेए दिशा निर्देश

सरकार ने कोविड-19 से प्रभावित बच्चों की देखभाल और संरक्षण के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इस लिहाज से राज्यों, जिलाधिकारियों, पुलिस, पंचायती राज संस्थाओं तथा स्थानीय निकायों की जिम्मेदारियां तय की गई हैं.

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Published : Jun 3, 2021, 4:42 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है. महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव राम मोहन मिश्रा ने बुधवार को कहा कि जो कदम उठाये जा रहे हैं, उन्हें मुख्यधारा में लाने और सुगम बनाने के लिहाज से प्राथमिक कर्तव्य वाले लोगों की प्रमुख जिम्मेदारियां निर्धारित की गई हैं. ताकि महामारी के दौरान बच्चों का सर्वश्रेष्ठ हित सुनिश्चित किया जा सके.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामे में कहा कि राज्यों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देश में 9,346 बच्चे ऐसे हैं जो घातक संक्रमण की वजह से अपने माता-पिता में से कम से कम एक को खो चुके हैं और इनमें 1,700 से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता, दोनों की ही कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु हो गई.

मिश्रा ने राज्यों, जिलाधिकारियों, पुलिस, पंचायती राज संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों की भूमिकाएं निर्धारित करते हुए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं. राज्यों को सर्वेक्षण और संपर्क के माध्यम से संकटग्रस्त बच्चों का पता लगाना होगा और हर बच्चे के प्रोफाइल के साथ डाटाबेस तैयार करना होगा. उन्हें बच्चों की विशेष जरूरतों का विवरण भी लिखना होगा और इसे 'ट्रैक चाइल्ड पोर्टल' पर अपलोड करना होगा.

मिश्रा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) को अस्थायी रूप से ऐसे बच्चों को रखने की जिम्मेदारी दी जाए जिनके माता-पिता कोविड-19 के कारण अस्वस्थ हैं और उनके परिवार में अन्य कोई संबंधी नहीं है. ऐसे बच्चों को जरूरी मदद दी जाए.

यह भी पढ़ें-सुप्रीम कोर्ट ने CBSE, ICSE बोर्ड से पूछा, कैसे हो रहा 12वीं के छात्रों का मूल्यांकन

केंद्रीय अधिकारी ने राज्यों से एक स्थानीय हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने को कहा जिस पर विशेषज्ञ परेशानी से जूझ रहे बच्चों को मनोवैज्ञानिक सहयोग दे सकें. उन्होंने कहा कि कोविड से बुरी तरह प्रभावित बच्चों के संरक्षक की भूमिका जिलाधिकारी (डीएम) निभाएंगे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है. महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव राम मोहन मिश्रा ने बुधवार को कहा कि जो कदम उठाये जा रहे हैं, उन्हें मुख्यधारा में लाने और सुगम बनाने के लिहाज से प्राथमिक कर्तव्य वाले लोगों की प्रमुख जिम्मेदारियां निर्धारित की गई हैं. ताकि महामारी के दौरान बच्चों का सर्वश्रेष्ठ हित सुनिश्चित किया जा सके.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामे में कहा कि राज्यों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देश में 9,346 बच्चे ऐसे हैं जो घातक संक्रमण की वजह से अपने माता-पिता में से कम से कम एक को खो चुके हैं और इनमें 1,700 से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता, दोनों की ही कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु हो गई.

मिश्रा ने राज्यों, जिलाधिकारियों, पुलिस, पंचायती राज संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों की भूमिकाएं निर्धारित करते हुए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं. राज्यों को सर्वेक्षण और संपर्क के माध्यम से संकटग्रस्त बच्चों का पता लगाना होगा और हर बच्चे के प्रोफाइल के साथ डाटाबेस तैयार करना होगा. उन्हें बच्चों की विशेष जरूरतों का विवरण भी लिखना होगा और इसे 'ट्रैक चाइल्ड पोर्टल' पर अपलोड करना होगा.

मिश्रा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) को अस्थायी रूप से ऐसे बच्चों को रखने की जिम्मेदारी दी जाए जिनके माता-पिता कोविड-19 के कारण अस्वस्थ हैं और उनके परिवार में अन्य कोई संबंधी नहीं है. ऐसे बच्चों को जरूरी मदद दी जाए.

यह भी पढ़ें-सुप्रीम कोर्ट ने CBSE, ICSE बोर्ड से पूछा, कैसे हो रहा 12वीं के छात्रों का मूल्यांकन

केंद्रीय अधिकारी ने राज्यों से एक स्थानीय हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने को कहा जिस पर विशेषज्ञ परेशानी से जूझ रहे बच्चों को मनोवैज्ञानिक सहयोग दे सकें. उन्होंने कहा कि कोविड से बुरी तरह प्रभावित बच्चों के संरक्षक की भूमिका जिलाधिकारी (डीएम) निभाएंगे.

(पीटीआई-भाषा)

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