नई दिल्ली : सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के तहत करीब 400 उपचारों की दरें संशोधित की हैं तथा उसमें ब्लैक फंगस से संबंधित नया मेडिकल पैकेज भी शामिल किया है जो ' पैनल में शामिल अस्पतालों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सशक्त करेगा. '
संशोधित स्वास्थ्य लाभ पैकेज (एचबीपी 2.2) के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने इन पैकेज की दरें 20 से 400 फीसद तक बढ़ा दी है. प्राधिकरण के कंधों पर ही एबी पीएम-जेएवाई को लागू करने की जिम्मेदारी है.
उसने कहा कि मेडिकल प्रबंधन प्रक्रियाओं के तहत वेंटीलेटर सुविधा से लैस आईसीयू की दर में शत प्रतिशत, बिना वेंटीलेटर सुविधा वाले आईसीयू की दर में 136 फीसद, उच्च निर्भरता इकाई (एचडीयू) की दर में 22 फीसद और नियमित वार्ड के दाम में 17 फीसद की वृद्धि की गयी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ' पीएमजेएवाई के तहत स्वास्थ्य लाभ पैकेज (एचबीपी 2.2) के संशोधित संस्करण मे कुछ स्वास्थ्य पैकेज की दरें 20 से 400 फीसद तक वृद्धि की गयी है . करीब 400 प्रक्रियाओं की दरें संशोधित की गयी हैं और ब्लैक फंगस से जुड़ा एक अतिरिक्त मेडिकल प्रबंधन भी जोड़ा गया है. '
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, ' मुझे खुशी है कि स्वास्थ्य लाभ पैकेज (एचबीपी 2.2) के संशोधित संस्करण से पैनल में शामिल अस्पतालों को आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के तहत लाभार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में मजबूती मिलेगी. '
उन्होंने कहा, ' कैंसर विज्ञान पर संशोधित पैकेज से देश में लाभार्थियों के लिए कैंसर देखभाल बढ़ेगी. ब्लैक फंगस से संबंध नये पैकेज के जुड़ने से लाभार्थियों को बहुत राहत मिलेगी. मुझे यकीन है कि तर्कसंगत किये गये एचबीपी से निजी अस्पतालों में योजना अपनाने में सुधार आएगा और लाभार्थियों की जेब पर कम असर पड़ेगा. '
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राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आर एस शर्मा ने बताया कि एनएचए स्वास्थ्य लाभ पैकेज को तर्कसंगत बनाने के लिए पक्षकारों से मिलने वाले फीडबैक पर लगातार काम करता है.
फिलहाल आयुष्मान भारत पीएम जेएवाई में 1,669 उपचार प्रक्रियाएं हैं जिनमें 1080 सर्जिकल , 588 मेडिकल एवं एक अज्ञात पैकेज हैं.
आयुष्मान भारत पीएम जेएवाई का लक्ष्य सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवेरज का लक्ष्य हासिल करना एवं दूर दराज क्षेत्रों में नागरिकों को मुफ्त एवं सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. इसका लक्ष्य 10.74 करोड़ गरीबों एवं जोखिम संभावित परिवारों को प्रति वर्ष प्रति परिवार पांच लाख रूपये तक की मुफ्त एवं बेनकदी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना है.
(भाषा)