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हिमाचल में 1% से भी कम वोट से बदली सरकार, 38000 वोट कम पाकर 15 सीटों से पिछड़ी भाजपा - Congress government in Himachal

हिमाचल प्रदेश में एक फीसदी से भी कम वोटों के अंतर से पिछड़ी भाजपा सत्ता से हाथ धो बैठी. विधानसभा चुनाव में इस बार BJP को 43% और कांग्रेस को 43.90% वोट मिले हैं. संख्या का लिहाज से यह अंतर 38 हजार से भी कम है. लेकिन इतने से ही भाजपा को 15 सीटों का नुकसान हो गया. हिमाचल प्रदेश की सभी 68 सीटों में कांग्रेस को 40 सीटें मिली हैं, जबकि बीजेपी को 25 और निर्दलीय प्रत्याशियों को 3 सीटें मिली हैं. (Himachal Pradesh elections result 2022) (Congress government in Himachal)

Vote percentage in Himachal
हिमाचल में 1% से भी कम वोट से बदली सरकार,
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Published : Dec 9, 2022, 3:56 PM IST

शिमला: हिमाचल में अबकी बार हुए चुनाव में महज एक फीसदी से भी कम वोटों से सत्ता बदल गई. भाजपा को इन चुनाव में मात्र 0.9 फीसदी वोट मिले और इतने से ही अंतर में कांग्रेस को 15 सीटें अधिक मिल गईं. आम तौर पर हिमाचल में ढाई लाख से अधिक वोट किसी भी पार्टी को सत्ता में आने के लिए जरूरी होते थे, मगर इस बार तो केवल करीब 38 हजार अधिक वोट से ही कांग्रेस सत्ता में काबिज हो गई. (Vote percentage in Himachal)

हिमाचल में इस विधानसभा चुनाव में एक फीसदी से कम वोटों ने सत्ता परिवर्तन करवा दिया. एक फीसदी वोटों के अंतर में 15 सीटों का अंतर दो बड़ी पार्टियों कांग्रेस और भाजपा में आ गया. अबकी बार के विधानसभा चुनाव में दो बड़ी राजनीतिक पर्टियों के वोट शेयर को दखें तो भाजपा को इस चुनाव में 43 फीसदी वोट मिले हैं. कुल मतों में से भाजपा के मतों की संख्या 1814530 है. वहीं अबकी बार कांग्रेस को 43.9 फीसदी वोट पड़े और इसकी मतों की संख्या 1852504 है. वोट प्रतिशतता के हिसाब से देखे तो सत्तासीन भाजपा से महज 0.9 फीसदी मत ही कांग्रेस को अधिक मिले हैं. लेकिन सीटों के हिसाब से देखे तो यह अंतर बहुत ज्यादा हो गया. कांग्रेस के मतों की संख्या का तुलनात्मक अध्ययन करें तो साफ है कि कांग्रेस को भाजपा से 37974 वोट ज्यादा इस बार मिले और इसी अंतर ने 15 सीटें कांग्रेस को ज्यादा दिला दीं. (Congress government to be formed in Himachal)

Vote percentage in Himachal
हिमाचल में पार्टीवाइज मतदान प्रतिशत. (सौ.- निर्वाचन आयोग)

15 सीटों पर जीत का अंतर रहा 2000 वोट से कम: विधानसभा चुनाव में इस साल 15 सीटों पर जीत का अंतर 2000 से भी कम वोट का रहा है. इनमें से 8 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है, जबकि 7 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है. इनमें से भोरंज, रामपुर, श्री रेणुका जी, भटियात, नाहन, सुजानपुर, शिलाई और लाहौल स्पीति विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है. वहीं, बिलासपुर, बल्ह, द्रंग,जसवां परागपुर, सरकाघाट, श्री नैना देवी जी और ऊना विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी ने जीत हासिल की है.

2017 में भाजपा को मिले थे 6 फीसदी से अधिक मत: पिछले चुनाव से अबकी बार की तुलना करें तो जीत का मार्जिन काफी अधिक रहा है. पिछले चुनाव में भाजपा को 1846432 मत मिले थे जो कि कुल मतों का 48.79 फीसदी थी, जबकि काग्रेस को 1577450 मत मिले थे जो कि कुल मतों का करीब 41.68 फीसदी अधिक रहा. इस तरह भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले इस चुनाव में 268982 वोट अधिक मिले जो कि 6.11 फीसदी अधिक था. हालाकि इस चुनाव में भाजपा को 44 सीटें और काग्रेस 21 सीटें मिली थीं. दोनों पार्टियों के कुल मतों के अंतर को देखें तो भाजपा को कांग्रेस से 268982 मत अधिक मिले थे, जबकि 23 सीटें भाजपा को ज्यादा मिलीं, लेकिन अबकी बार कांग्रेस को 37974 मत भाजपा से अधिक मिले और इतने से मतों में ही 15 सीटें कांग्रेस को ज्यादा मिल गई. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 1846432 वोट मिले थे, वहीं इस बार 1814530 मिले हैं. (Government changed in Himachal)

पहले चार फीसदी से अधिक वोट से बदलती थी सत्ता: पहले माना जाता था कि हिमाचल में सरकार बदलने के लिए चार से फीसदी से अधिक वोट की जरूरत है, लेकिन अबकी बार महज 1 फीसदी से कम वोटों ने सत्ता बदल दी. हिमाचल में वोटों के विभाजन के विभाजन को देखें तो यह विभाजन 1998 में देखा गया था, जब पं. सुखराम ने हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी बनाई. हालांकि तब के चुनाव में कांग्रेस को भाजपा से 1.14 लाख वोट ज्यादा मिले, लेकिन दोनों दलों की सीटें 31-31 ही आई. इस चुनाव में हिविंका ने करीब ढाई लाख वोट लेकर 5 सीटें जीतीं और हिमाचल में प्रेम कुमार धूमल की अगुवाई में भाजपा की पहली सरकार बनी जो कि पूरे पांच साल चली. (Congress Government in Himachal)

इसके बाद 2003 के चुनाव में 1.71 लाख ज्यादा वोटों से कांग्रेस सत्ता में वापस आई. इसके बाद 2007 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस के वोट का अंतर महज 1.60 लाख ही था, लेकिन भाजपा की सीटें कांग्रेस से दोगुनी रही. 2012 के विधानसभा चुनाव में भी यह अंतर और कम हुआ. तब करीब 4 लाख वोट निर्दलीय ले गए और पाच निर्दली भी चुनाव जीतने में कामयाब हुए. इस चुनाव में कांग्रेस को भाजपा से 146563 वोट ज्यादा मिले, जबकि 10 सीटें ज्यादा आ गई. 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने कांग्रेस से 268982 वोट ज्यादा लिए और सीटें कांग्रेस की 21 सीटों से दोगुनी से ज्यादा यानी 44 सीटें आईं. मगर अबकी बार करीब 38 हजार वोटों ने ही कांग्रेस को 15 सीटें अधिक दिला दी और हिमाचल में सत्ता में बदलाव भी हो गया.

निर्दलीयों को मिला 10 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर: हिमाचल में निर्दलीयों को भी 10 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर मिला है, इनमें भी ज्यादातर हिस्सा बागी होकर चुनाव लड़े निर्दलीयों का ही है. इनको पूरे प्रदेश में 436413 वोट पड़े हैं. हिमाचल के चुनाव में आम आदमी पार्टी को करीब 1.10 फीसदी वोट पर ही सिमट के रह गई. इसको कुल 46,270 मत ही इन चुनाव में मिले हैं. इस चुनाव माकपा को एक फीसदी से भी कम वोट मिला और नोटा भी आधा फीसदी तक ही पहुंच पाया.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कांग्रेस को 40, बीजेपी को 25 और निर्दलीय को 3 सीटें मिलीं, देखिए लिस्ट

शिमला: हिमाचल में अबकी बार हुए चुनाव में महज एक फीसदी से भी कम वोटों से सत्ता बदल गई. भाजपा को इन चुनाव में मात्र 0.9 फीसदी वोट मिले और इतने से ही अंतर में कांग्रेस को 15 सीटें अधिक मिल गईं. आम तौर पर हिमाचल में ढाई लाख से अधिक वोट किसी भी पार्टी को सत्ता में आने के लिए जरूरी होते थे, मगर इस बार तो केवल करीब 38 हजार अधिक वोट से ही कांग्रेस सत्ता में काबिज हो गई. (Vote percentage in Himachal)

हिमाचल में इस विधानसभा चुनाव में एक फीसदी से कम वोटों ने सत्ता परिवर्तन करवा दिया. एक फीसदी वोटों के अंतर में 15 सीटों का अंतर दो बड़ी पार्टियों कांग्रेस और भाजपा में आ गया. अबकी बार के विधानसभा चुनाव में दो बड़ी राजनीतिक पर्टियों के वोट शेयर को दखें तो भाजपा को इस चुनाव में 43 फीसदी वोट मिले हैं. कुल मतों में से भाजपा के मतों की संख्या 1814530 है. वहीं अबकी बार कांग्रेस को 43.9 फीसदी वोट पड़े और इसकी मतों की संख्या 1852504 है. वोट प्रतिशतता के हिसाब से देखे तो सत्तासीन भाजपा से महज 0.9 फीसदी मत ही कांग्रेस को अधिक मिले हैं. लेकिन सीटों के हिसाब से देखे तो यह अंतर बहुत ज्यादा हो गया. कांग्रेस के मतों की संख्या का तुलनात्मक अध्ययन करें तो साफ है कि कांग्रेस को भाजपा से 37974 वोट ज्यादा इस बार मिले और इसी अंतर ने 15 सीटें कांग्रेस को ज्यादा दिला दीं. (Congress government to be formed in Himachal)

Vote percentage in Himachal
हिमाचल में पार्टीवाइज मतदान प्रतिशत. (सौ.- निर्वाचन आयोग)

15 सीटों पर जीत का अंतर रहा 2000 वोट से कम: विधानसभा चुनाव में इस साल 15 सीटों पर जीत का अंतर 2000 से भी कम वोट का रहा है. इनमें से 8 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है, जबकि 7 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है. इनमें से भोरंज, रामपुर, श्री रेणुका जी, भटियात, नाहन, सुजानपुर, शिलाई और लाहौल स्पीति विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है. वहीं, बिलासपुर, बल्ह, द्रंग,जसवां परागपुर, सरकाघाट, श्री नैना देवी जी और ऊना विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी ने जीत हासिल की है.

2017 में भाजपा को मिले थे 6 फीसदी से अधिक मत: पिछले चुनाव से अबकी बार की तुलना करें तो जीत का मार्जिन काफी अधिक रहा है. पिछले चुनाव में भाजपा को 1846432 मत मिले थे जो कि कुल मतों का 48.79 फीसदी थी, जबकि काग्रेस को 1577450 मत मिले थे जो कि कुल मतों का करीब 41.68 फीसदी अधिक रहा. इस तरह भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले इस चुनाव में 268982 वोट अधिक मिले जो कि 6.11 फीसदी अधिक था. हालाकि इस चुनाव में भाजपा को 44 सीटें और काग्रेस 21 सीटें मिली थीं. दोनों पार्टियों के कुल मतों के अंतर को देखें तो भाजपा को कांग्रेस से 268982 मत अधिक मिले थे, जबकि 23 सीटें भाजपा को ज्यादा मिलीं, लेकिन अबकी बार कांग्रेस को 37974 मत भाजपा से अधिक मिले और इतने से मतों में ही 15 सीटें कांग्रेस को ज्यादा मिल गई. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 1846432 वोट मिले थे, वहीं इस बार 1814530 मिले हैं. (Government changed in Himachal)

पहले चार फीसदी से अधिक वोट से बदलती थी सत्ता: पहले माना जाता था कि हिमाचल में सरकार बदलने के लिए चार से फीसदी से अधिक वोट की जरूरत है, लेकिन अबकी बार महज 1 फीसदी से कम वोटों ने सत्ता बदल दी. हिमाचल में वोटों के विभाजन के विभाजन को देखें तो यह विभाजन 1998 में देखा गया था, जब पं. सुखराम ने हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी बनाई. हालांकि तब के चुनाव में कांग्रेस को भाजपा से 1.14 लाख वोट ज्यादा मिले, लेकिन दोनों दलों की सीटें 31-31 ही आई. इस चुनाव में हिविंका ने करीब ढाई लाख वोट लेकर 5 सीटें जीतीं और हिमाचल में प्रेम कुमार धूमल की अगुवाई में भाजपा की पहली सरकार बनी जो कि पूरे पांच साल चली. (Congress Government in Himachal)

इसके बाद 2003 के चुनाव में 1.71 लाख ज्यादा वोटों से कांग्रेस सत्ता में वापस आई. इसके बाद 2007 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस के वोट का अंतर महज 1.60 लाख ही था, लेकिन भाजपा की सीटें कांग्रेस से दोगुनी रही. 2012 के विधानसभा चुनाव में भी यह अंतर और कम हुआ. तब करीब 4 लाख वोट निर्दलीय ले गए और पाच निर्दली भी चुनाव जीतने में कामयाब हुए. इस चुनाव में कांग्रेस को भाजपा से 146563 वोट ज्यादा मिले, जबकि 10 सीटें ज्यादा आ गई. 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने कांग्रेस से 268982 वोट ज्यादा लिए और सीटें कांग्रेस की 21 सीटों से दोगुनी से ज्यादा यानी 44 सीटें आईं. मगर अबकी बार करीब 38 हजार वोटों ने ही कांग्रेस को 15 सीटें अधिक दिला दी और हिमाचल में सत्ता में बदलाव भी हो गया.

निर्दलीयों को मिला 10 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर: हिमाचल में निर्दलीयों को भी 10 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर मिला है, इनमें भी ज्यादातर हिस्सा बागी होकर चुनाव लड़े निर्दलीयों का ही है. इनको पूरे प्रदेश में 436413 वोट पड़े हैं. हिमाचल के चुनाव में आम आदमी पार्टी को करीब 1.10 फीसदी वोट पर ही सिमट के रह गई. इसको कुल 46,270 मत ही इन चुनाव में मिले हैं. इस चुनाव माकपा को एक फीसदी से भी कम वोट मिला और नोटा भी आधा फीसदी तक ही पहुंच पाया.

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