ETV Bharat / bharat

नए IT अधिनियम के अंतर्गत आता है गूगल : साइबर विशेषज्ञ - अमेरिकी कंपनी गूगल एलएलसी

साइबर एक्सपर्ट प्रशांत माली (Prashant Mali) का कहना है कि अगर गूगल कंटेंट नहीं भी बनाता है, तो उसका इस्तेमाल कंटेंट को शेयर करने के लिए किया जाता है . इसलिए इसे आईटी अधिनियम 2021 के तहत माना जा सकता है.

RAW
RAW
author img

By

Published : Jun 3, 2021, 7:52 PM IST

मुंबई : गूगल ने दावा किया था कि नया आईटी अधिनियम उस पर लागू नहीं होता है, क्योंकि वे सामग्री नहीं बनाते हैं, लेकिन साइबर एक्सपर्ट (cyber expert) प्रशांत माली के मुताबिक यह दावा गलत है.

प्रशांत माली (Prashant Mali) का कहना है कि अगर गूगल कंटेंट नहीं भी बनाता है, तो उसका इस्तेमाल कंटेंट को शेयर करने के लिए किया जाता है . इसलिए इसे आईटी अधिनियम 2021 के तहत माना जा सकता है.

बता दें कि अमेरिकी कंपनी गूगल एलएलसी (google LLC) ने दावा किया कि डिजिटल मीडिया के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के नियम उसके सर्ज इंजन (search engine) पर लागू नहीं होते और उसने दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) से बुधवार को अनुरोध किया कि वह एकल न्यायाधीश के उस आदेश को दरकिनार करे, जिसके तहत इंटरनेट से आपत्तिजनक सामग्री हटाने संबंधी मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी पर भी इन नियमों को लागू किया गया था.

एकल न्यायाधीश की पीठ ने उस मामले की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया था, जिसमें एक महिला की तस्वीरें कुछ बदमाशों ने अश्लील (पॉर्नग्रैफिक) सामग्री दिखाने वाली एक वेबसाइट पर अपलोड कर दी थीं और उन्हें अदालत के आदेशों के बावजूद वर्ल्ड वाइड वेब (world wide web) से पूरी तरह हटाया नहीं जा सका था एवं इन तस्वीरों को अन्य साइट पर फिर से पोस्ट किया गया था.

पढ़ें - गूगल का दावा : आईटी नियम उसके सर्च इंजन पर लागू नहीं होते

प्रधान न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, फेसबुक, अश्लील सामग्री दिखाने वाली (पॉर्नग्रैफिक) साइट और उस महिला को नोटिस जारी किए, जिसकी याचिका पर एकल न्यायाधीश ने आदेश जारी किया था. पीठ ने उनसे 25 जुलाई तक गूगल की याचिका पर जवाब देने के निर्देश दिए थे.

मुंबई : गूगल ने दावा किया था कि नया आईटी अधिनियम उस पर लागू नहीं होता है, क्योंकि वे सामग्री नहीं बनाते हैं, लेकिन साइबर एक्सपर्ट (cyber expert) प्रशांत माली के मुताबिक यह दावा गलत है.

प्रशांत माली (Prashant Mali) का कहना है कि अगर गूगल कंटेंट नहीं भी बनाता है, तो उसका इस्तेमाल कंटेंट को शेयर करने के लिए किया जाता है . इसलिए इसे आईटी अधिनियम 2021 के तहत माना जा सकता है.

बता दें कि अमेरिकी कंपनी गूगल एलएलसी (google LLC) ने दावा किया कि डिजिटल मीडिया के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के नियम उसके सर्ज इंजन (search engine) पर लागू नहीं होते और उसने दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) से बुधवार को अनुरोध किया कि वह एकल न्यायाधीश के उस आदेश को दरकिनार करे, जिसके तहत इंटरनेट से आपत्तिजनक सामग्री हटाने संबंधी मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी पर भी इन नियमों को लागू किया गया था.

एकल न्यायाधीश की पीठ ने उस मामले की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया था, जिसमें एक महिला की तस्वीरें कुछ बदमाशों ने अश्लील (पॉर्नग्रैफिक) सामग्री दिखाने वाली एक वेबसाइट पर अपलोड कर दी थीं और उन्हें अदालत के आदेशों के बावजूद वर्ल्ड वाइड वेब (world wide web) से पूरी तरह हटाया नहीं जा सका था एवं इन तस्वीरों को अन्य साइट पर फिर से पोस्ट किया गया था.

पढ़ें - गूगल का दावा : आईटी नियम उसके सर्च इंजन पर लागू नहीं होते

प्रधान न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, फेसबुक, अश्लील सामग्री दिखाने वाली (पॉर्नग्रैफिक) साइट और उस महिला को नोटिस जारी किए, जिसकी याचिका पर एकल न्यायाधीश ने आदेश जारी किया था. पीठ ने उनसे 25 जुलाई तक गूगल की याचिका पर जवाब देने के निर्देश दिए थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.