तिरुवनंतपुरम : केरल के कथित सोना तस्करी मामले में आरोपी स्वप्ना सुरेश (accused Swapna Suresh) के सनसनीखेज दावे से केरल में सियासी विवाद छिड़ गया है. विपक्षी दलों ने शनिवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय को राजनयिक चैनल के माध्यम से सोने की कथित तस्करी के बारे में पता था और 'राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों' के लिए महत्वपूर्ण खुफिया सूचनाओं का दुरुपयोग किया गया. स्वप्ना सुरेश ने ईटीवी भारत से बातचीत में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और सीएम के पूर्व प्रमुख सचिव एम. शिवशंकर से अपने संबंधों का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि एम. शिवशंकर ने वीआरएस (Voluntary Retirement Scheme) लेने और दुबई में बसने का वादा किया था.
स्वप्ना का कहना है कि अगर कोई तैयार है तो वह शिवशंकर के साथ संबंधों के बारे में एक किताब लिखने को तैयार हैं. उनकी यह प्रतिक्रिया शिवशंकर की आत्मकथा 'Aswathamavu: Verum Oru Aana' में एक संदर्भ के मद्देनजर आई कि स्वप्ना ने उन्हें (शिवशंकर) रिश्वत के रूप में प्राप्त एक आईफोन उपहार में देकर धोखा दिया. उन्होंने कहा, 'शिवशंकर मेरे दुश्मन नहीं हैं. मैं उन्हें अपने दुश्मन के रूप में नहीं देख सकती. लेकिन अगर उनकी किताब में मेरे बारे में गलत संदर्भ हैं तो मैं और प्रतिक्रिया दूंगी.'
अप्रत्यक्ष रूप से, स्वप्ना कहती हैं कि अगर शिवशंकर ने उन्हें गलत तरह से चित्रित किया, तो वह शिवशंकर के बारे में अधिक जानकारी का खुलासा करेंगी. उन्होंने कहा कि हमने अपनी पारिवारिक समस्याओं को एक-दूसरे से साझा किया, जिससे हम और करीब आ गए. शिवशंकर ने मुझे बताया था कि वह सालों से अपनी पत्नी के साथ रिलेशनशिप में नहीं थे. मैंने नहीं सोचा था कि वह मेरे बारे में इस तरह लिखेंगे.
उन्होंने कहा कि जांच अधिकारियों पर ऐसा बयान देने के लिए दबाव नहीं डाला गया, जिससे मुख्यमंत्री पर संदेह हो. मैंने वह बातें कह दी हैं जो मुझे पता हैं. स्वप्ना ने बताया कि उनकी सीएम पी विजयन के साथ केवल आधिकारिक बातचीत हुई थी.
सुरेश ने शिवशंकर के इस दावे पर भी सवाल उठाया कि उन्होंने उन्हें स्पेस पार्क में नौकरी के लिए अनुशंसित नहीं किया, यह कहते हुए कि शीर्ष नौकरशाह ने उनकी सिफारिश की और उनकी क्षमता, मिडिल ईस्ट कनेक्शन, कार्य क्षमता और दक्षता को देखकर नौकरी के लिए सिफारिश की.
इससे पहले मीडिया से बात करते हुए स्वप्ना सुरेश ने कहा था कि एक महिला के रूप में, मेरे साथ छेड़छाड़ की गई और मेरा शोषण किया गया. इसमें शिवशंकर की प्रमुख भूमिका है. मैं पहले से ही पीड़ित हूं. उन्होंने कहा, 'शिवशंकर तीन साल तक मेरे परिवार के अहम सदस्य रहे. हम, हमारा परिवार, उसके लिए बहुत खुले थे. वह यूएई के लिए संपर्क बिंदु (पीओसी) थे. तो हम उन्हें गलत क्यों समझें. मुझे उन्हें आईफोन देकर धोखा नहीं देना है. मैंने किताब नहीं पढ़ी है इसलिए मुझे विवरण नहीं पता.'
इसके अलावा स्वप्ना सुरेश ने राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन (Opposition in the state Assembly V D Satheesan) ने मुख्यमंत्री पी विजयन (Chief Minister Pinarayi Vijayan) के कार्यालय पर अवैध सामान को छुड़ाने के लिए हस्तक्षेप करने और राज्य छोड़कर भागने में आरोपियों की मदद करने का आरोप लगाया. सुरेश ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के पूर्व प्रमुख सचिव और मामले में आरोपी एम शिवशंकर घटना के पीछे थे.
कोच्चि में संवाददाताओं से बातचीत में सतीशन ने कहा, 'अब यह स्पष्ट हो चुका है कि सुरेश के नाम से प्रसारित ऑडियो क्लिप, जिसमें मामले में मुख्यमंत्री की कोई भूमिका न होने का दावा किया गया था, पूर्व-लिखित थी. यह राज्य में आला अधिकारियों की जानकारी में पुलिस बल का दुरुपयोग करके बनाई गई थी.'
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने मांग की कि घटना के पीछे की साजिश की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिन अपराधियों ने वास्तव में इसकी योजना बनाई और इसे अंजाम दिया, उन्हें बेनकाब किया जाना चाहिए. सतीशन ने आरोप लगाया कि विजयन के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में भी मुख्ययमंत्री कार्यालय ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और भ्रष्टाचार के लिए खुफिया रिपोर्टों का दुरुपयोग किया था. उन्होंने कहा कि आरोपियों द्वारा छिपाए गए सभी तथ्य अब एक-एक करके सामने आ रहे हैं.
इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन (BJP state chief K Surendran) ने कहा कि सुरेश के खुलासे से यह स्पष्ट हो गया है कि तस्करी मामले में उनकी पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप सही हैं. उन्होंने अपने आरोप को दोहराया कि शिवशंकर ने अवैध सामान की निकासी के लिए एक शीर्ष सीमा शुल्क अधिकारी को बुलाया था.
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भाजपा नेता ने कहा, 'शिवशंकर ने सीमा शुल्क अधिकारी से सामान जारी करने के लिए कहा, क्योंकि यह मुख्यमंत्री के हित का मामला था. हमने तब यह भी कहा था कि वो शिवशंकर ही थे, जिन्होंने सुरेश की बेंगलुरु भागने में मदद की थी और सरकार को सही ठहराने वाली सुरेश की कथित ऑडियो क्लिप सच्ची नहीं थी. अब आरोपी ने टीवी चैनलों के सामने खुद सारी बातों का खुलासा कर दिया.'
सोने की तस्करी का यह मामला पांच जुलाई 2020 को कोच्चि स्थित सीमा शुल्क (निवारक) आयुक्तालय द्वारा त्रिवेंद्रम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के एयर कार्गो में एक राजनयिक सामान से 30 किलोग्राम सोना जब्त किए जाने से संबंधित है. खेप को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से कथित तौर पर राजनयिक सामान में छिपाकर लाया गया था, जिसे विएना संधि के अनुसार जांच से छूट हासिल है.