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लद्दाख में तापमान बढ़ने, सर्दी के समय कम बारिश से सिकुड़ रहा ग्लेशियर - जलवायु परिवर्तन

लद्दाख के जांस्कर हिमालयी क्षेत्र में वाडिया भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन से ग्लेशियर क्षेत्र में तेजी से आ रहे बदलाव के साक्ष्य एकत्र किए हैं. वैज्ञानिको की मानें तो यहां पेन्सिलुंग्पा ग्लेशियर हर साल साढ़े पांच मीटर तक सिकुड़ रहा है.

Himalaya, Glacier
ग्लेशियर
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Published : Aug 7, 2021, 1:38 AM IST

नई दिल्ली: लद्दाख की जंस्कार घाटी में स्थित पेनसिलुंगपा ग्लेशियर तापमान में बढ़ोतरी (Climate Change) और सर्दी के मौसम में कम बारिश होने के कारण आकार में घटता जा रहा है. देहरादून स्थित स्वायत्तशासी संस्था वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (डब्ल्यूआईएचजी) 2015 से ही ग्लेशियोलॉजी-ग्लेशियर की स्थिति की निगरानी शुरू कर दिया था. तब से लेकर अब तक द्रव्यमान संतुलन, जलवायु स्थितियां, भविष्य के जलवायु परिवर्तन पर पूर्वानुमान और क्षेत्र में ग्लेशियर पर इसके प्रभाव आदि विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहा है. संस्थान के वैज्ञानिकों की एक टीम ने लद्दाख में हिमालय के कम अन्वेषित क्षेत्र जंस्कार का दौरा किया.

पढ़ें: तिब्बत के ग्लेशियर में मिले 15,000 साल पुराने वायरस

अध्ययन में कहा गया कि 2016 से 2019 तक स्टेक नेटवर्किंग (द्रव्यमान संतुलन मापने के लिए ग्लेशियर की सतह पर लगाया जाने वाला बांस का सामान) के माध्यम से जुटाए गए द्रव्यमान संतुलन से लद्दाख के जंस्कार हिमालय के पेनसिलुंगपा ग्लेशियर पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आकलन किया गया.

इसमें बताया गया कि पिछले चार वर्षों की क्षेत्र निगरानी (2015- 2019) से पता चलता है कि ग्लेशियर 6.7 प्लस/ मानइस 3 मीटर ए-1 (मीटर प्रति वर्ष) की दर से घट रहा है. यह अध्ययन पत्रिका 'रिजन एनवायरमेंटल चेंज' में छपा है और टीम ने इसका कारण पेनसिलुंगपा ग्लेशियर में तापमान में बढ़ोतरी और सर्दियों के दौरान बारिश कम होना बताया है.

नई दिल्ली: लद्दाख की जंस्कार घाटी में स्थित पेनसिलुंगपा ग्लेशियर तापमान में बढ़ोतरी (Climate Change) और सर्दी के मौसम में कम बारिश होने के कारण आकार में घटता जा रहा है. देहरादून स्थित स्वायत्तशासी संस्था वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (डब्ल्यूआईएचजी) 2015 से ही ग्लेशियोलॉजी-ग्लेशियर की स्थिति की निगरानी शुरू कर दिया था. तब से लेकर अब तक द्रव्यमान संतुलन, जलवायु स्थितियां, भविष्य के जलवायु परिवर्तन पर पूर्वानुमान और क्षेत्र में ग्लेशियर पर इसके प्रभाव आदि विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहा है. संस्थान के वैज्ञानिकों की एक टीम ने लद्दाख में हिमालय के कम अन्वेषित क्षेत्र जंस्कार का दौरा किया.

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अध्ययन में कहा गया कि 2016 से 2019 तक स्टेक नेटवर्किंग (द्रव्यमान संतुलन मापने के लिए ग्लेशियर की सतह पर लगाया जाने वाला बांस का सामान) के माध्यम से जुटाए गए द्रव्यमान संतुलन से लद्दाख के जंस्कार हिमालय के पेनसिलुंगपा ग्लेशियर पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आकलन किया गया.

इसमें बताया गया कि पिछले चार वर्षों की क्षेत्र निगरानी (2015- 2019) से पता चलता है कि ग्लेशियर 6.7 प्लस/ मानइस 3 मीटर ए-1 (मीटर प्रति वर्ष) की दर से घट रहा है. यह अध्ययन पत्रिका 'रिजन एनवायरमेंटल चेंज' में छपा है और टीम ने इसका कारण पेनसिलुंगपा ग्लेशियर में तापमान में बढ़ोतरी और सर्दियों के दौरान बारिश कम होना बताया है.

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