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बाल विवाह के बाद दिया बच्चे को जन्म, पति पर लगा पॉक्सो एक्ट - बाल विवाह के बाद लड़कियों ने दिया बच्चों को जन्म

कर्नाटक के बेलगाम में बाल विवाह के बाद दो लड़कियों ने बच्चों को जन्म दिया है. इस मामले में उनके पति पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है.

पति गिरफ्तार
पति गिरफ्तार
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Published : Feb 24, 2021, 6:47 PM IST

Updated : Feb 24, 2021, 7:41 PM IST

बेलगाम : कर्नाटक में दो नाबालिग लड़कियों को शादी के लिए मजबूर किया गया. दोनों मां भी बन गईं. बाल विवाह के इस मामले में उनके पतियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है.

कानून के तहत शादी के लिए पुरुषों की आयु 21 साल और लड़कियों की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए. बेलगाम के दो लोगों ने कानून का उल्लंघन किया और नाबालिग लड़कियों से शादी की. लड़कियां गर्भवती हुईं और प्रसव के लिए उन्हें अस्पताल लाया गया तो ये मामला सामने आया.

अस्पताल में आधार कार्ड जरूरी है. जिसके मुताबिक दोनों लड़कियां नाबालिग थीं. अस्पताल के कर्मचारियों ने इसकी सूचना जिला बाल संरक्षण अधिकारी को दी.

जिला बाल संरक्षण अधिकारी रवि रत्नाकर के नेतृत्व में टीम ने अस्पताल जाकर लड़कियों से पूछताछ की, जिसके बाद उनके पतियों पर कार्रवाई की तैयारी है.

पढ़ें- बाल विवाह निषेध कानून बने 100 साल होने को आए, जमीनी स्तर पर हालात बदतर

बेलगाम जिला बाल संरक्षण अधिकारी रवि रत्नाकर ने बताया कि हमने अब तक 100 से अधिक बाल विवाह रोके हैं. हाल ही में दो मामलों में बाल विवाह के लिए मजबूर दो लड़कियों ने बच्चों को जन्म दिया. हमने उनके पति के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.

108 बाल विवाह रोके गए

बेलगाम कर्नाटक का सबसे अधिक बाल विवाह वाला जिला है. बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी आगे आए हैं.

पढ़ें- यहां आधार कार्ड नहीं तो शादी नहीं, जानिए प्रशासन ने क्यों लिया ऐसा फैसला

पिछले साल अप्रैल से दिसंबर तक बाल विवाह की 115 शिकायतें आई थीं जिनमें अधिकारियों ने 108 बाल विवाह रोके.

बेलगाम : कर्नाटक में दो नाबालिग लड़कियों को शादी के लिए मजबूर किया गया. दोनों मां भी बन गईं. बाल विवाह के इस मामले में उनके पतियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है.

कानून के तहत शादी के लिए पुरुषों की आयु 21 साल और लड़कियों की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए. बेलगाम के दो लोगों ने कानून का उल्लंघन किया और नाबालिग लड़कियों से शादी की. लड़कियां गर्भवती हुईं और प्रसव के लिए उन्हें अस्पताल लाया गया तो ये मामला सामने आया.

अस्पताल में आधार कार्ड जरूरी है. जिसके मुताबिक दोनों लड़कियां नाबालिग थीं. अस्पताल के कर्मचारियों ने इसकी सूचना जिला बाल संरक्षण अधिकारी को दी.

जिला बाल संरक्षण अधिकारी रवि रत्नाकर के नेतृत्व में टीम ने अस्पताल जाकर लड़कियों से पूछताछ की, जिसके बाद उनके पतियों पर कार्रवाई की तैयारी है.

पढ़ें- बाल विवाह निषेध कानून बने 100 साल होने को आए, जमीनी स्तर पर हालात बदतर

बेलगाम जिला बाल संरक्षण अधिकारी रवि रत्नाकर ने बताया कि हमने अब तक 100 से अधिक बाल विवाह रोके हैं. हाल ही में दो मामलों में बाल विवाह के लिए मजबूर दो लड़कियों ने बच्चों को जन्म दिया. हमने उनके पति के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.

108 बाल विवाह रोके गए

बेलगाम कर्नाटक का सबसे अधिक बाल विवाह वाला जिला है. बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी आगे आए हैं.

पढ़ें- यहां आधार कार्ड नहीं तो शादी नहीं, जानिए प्रशासन ने क्यों लिया ऐसा फैसला

पिछले साल अप्रैल से दिसंबर तक बाल विवाह की 115 शिकायतें आई थीं जिनमें अधिकारियों ने 108 बाल विवाह रोके.

Last Updated : Feb 24, 2021, 7:41 PM IST
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