तेहरान : इन दिनों ईरान से ऐसी खबरें आ रही हैं, जिसके बारे में जानकर हर कोई हैरान है. लड़कियां स्कूल न जाए, इसके लिए माता-पिता अपनी बच्चियों को जहर दे रहे हैं. जी हां, यह सच है. ईरान के कुछ इलाकों में ऐसी घटनाएं हुई हैं. ईरान की राजधानी तेहरान के दक्षिण में क्योम सिटी है. यह एक धार्मिक जगह है. कुछ दिनों पहले यहां पर कई बच्चियों ने एक जैसी शिकायतें कीं.
उनके अनुसार सभी ने बुखार, सिरदर्द, चक्कर और उलटी की शिकायतें कीं. क्योम की बगल वाली सिटी से भी ऐसी ही खबरें आईं. बाद में ईरान के स्वास्थ्य मंत्री ने खुद कहा कि इन सभी लड़कियों को एक खास प्रकार का 'केमिकल कंपाउंड' दिया गया था, जो एक प्रकार का जहर जैसा था. जिन-जिन लड़कियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, उनमें से अधिकांश का इलाज अब भी चल रहा है. हालांकि, वे खतरे से बाहर हैं.
ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार ऐसा करने के पीछे एक खास मकसद था. उनके अनुसार इन लड़कियों के माता-पिता चाहते थे, कि उन्हें उनके बच्चियों को स्कूल भेजना न पड़े. आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में महसा अमिनी नाम की एक युवती की पुलिस की पिटाई से मौत हो गई थी. क्योंकि उसने सही तरीके से हिजाब नहीं पहन रखा था, इसलिए पुलिस ने उसकी पिटाई कर दी. उसी पिटाई के बाद उसकी मौत हो गई. महसा अमिनी हिजाब के खिलाफ लगातार विरोध कर रही थी. इस घटना के बाद से धार्मिक कट्टरवादियों ने लड़कियों को स्कूल नहीं भेजने का फैसला किया. उसका असर कुछ जगहों पर दिखाई दे रहा है. लड़कियों को जहर दिए जाने की घटना उसी का परिणाम है.
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For about three months, schoolgirls in different cities of Iran, especially in the city of Qom, have been facing symptoms of poisoning after inhaling a smell similar to the smell of fruit. Many of them were taken to the hospital.
However, the authorities of… https://t.co/0VBbQ64FL7 pic.twitter.com/yJvCLvws8d
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For about three months, schoolgirls in different cities of Iran, especially in the city of Qom, have been facing symptoms of poisoning after inhaling a smell similar to the smell of fruit. Many of them were taken to the hospital.
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— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) February 24, 2023
For about three months, schoolgirls in different cities of Iran, especially in the city of Qom, have been facing symptoms of poisoning after inhaling a smell similar to the smell of fruit. Many of them were taken to the hospital.
However, the authorities of… https://t.co/0VBbQ64FL7 pic.twitter.com/yJvCLvws8d
पिछले साल नवंबर महीने में ही क्योम शहर से ऐसी खबरें आई थीं, जब एक साथ 14 स्कूलों को टारगेट किया गया था. इनमें तेहरान के भी स्कूल शामिल थे. 22 फरवरी को क्योम से फिर ऐसी खबरें आई हैं. उन्हें जहर दे दिया गया. स्कूल जाने वाली 15 लड़कियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सभी की स्थिति खतरे से बाहर है, हालांकि, उनका इलाज अभी भी चल रहा है. लोरेस्टन के उप गवर्नर माजिद मोनेमी के अनुसार बॉर्युजर्ड में 50 लड़कियों को जहर दे दिया गया था. बॉर्युजर्ड पश्चिमी ईरान में है.
वैसे, क्योम से ही इस तरह की घटनाओं के सामने आने की क्या वजह है. इस पर भी मीडिया रिपोर्ट सामने आई है. इसके अनुसार ईरान का क्योम शहर कंजरवेटिव टाउन है. यहां पर अधिकांश आबादी धार्मिक शिक्षकों की है. ईरान के अधिकांश धार्मिक गुरुओं ने यहीं से पढ़ाई की है.
ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री युनूस पनाही की स्वीकारोक्ति के बाद यह घटना सुर्खियों में आ गई. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इन घटनाओं की चर्चा हुई. सबने ईरान की निंदा की. मंत्री के अनुसार इन इलाकों में कई लोगों ने लड़कियों के स्कूलों को बंद करने की अपील तक की है.
ईरान के चीफ प्रोसेक्यूटर जवाद मुंतजेरी ने इसे जानबूझकर अंजाम देने वाली घटना बताया है. अल जाहरा यूनिवर्सिटी के रिसर्चर नाफीशेह मोरादी का एक बयान मीडिया में आया है. उन्होंने कहा है कि इन घटनाओं का मुख्य उद्देश्य लड़कियों को टारगेट करना था, न कि लड़कों को. दिसंबर से लेकर अब तक जितनी भी घटनाएं सामने आई हैं, उनमें से लड़कों के खिलाफ सिर्फ एक घटना की शिकायत की गई है.
इन घटनाओं के बाद से लड़कियों के स्कूल जाने की संख्या में कमी आ गई है. कुछ जगहों पर स्कूल भी बंद हो चुके हैं. कुछ लोगों ने ऑनलाइन स्कूल चलाए जाने की मांग की है. मेडिकल एक्सपर्ट ने कहा कि प्रभावित बच्चियों के ब्लड सैंपल में कोई वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन नहीं हुआ है. यानी वे सभी किसी न किसी जहर की वजह से बीमार हुईं हैं. बहुत संभव है कि उन्हें कोई गैस दी गई हो.
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खुमैनी ने कड़ी कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक घटना है. खुमैनी ने कहा कि अगर इन घटनाओं में सच्चाई है, तो जो भी जिम्मेदार हैं, वे मौत की सजा के हकदार हैं. खुमैनी ईरान के सर्वोच्च नेता हैं. किसी भी मामले में उनका ही बयान अंतिम माना जाता है.
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