जम्मू : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि मेरा मानना है कि महात्मा गांधी सबसे बड़े हिंदू और धर्मनिरपेक्ष (mahatma gandhi was secular) व्यक्ति थे. जम्मू-कश्मीर में जो हुआ उसके लिए पाकिस्तान और आतंकवाद जिम्मेदार है. इसने सभी हिंदुओं, कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandit Exodus ), कश्मीरी मुसलमानों, डोगराओं को प्रभावित किया है. पद्म भूषण पुरस्कार प्राप्त करने के लिए आजाद के सम्मान में जम्मू सिविल सोसायटी द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि धर्म, जाति और अन्य चीजों के आधार पर राजनीतिक विभाजन पैदा करती हैं. मैं किसी को माफ नहीं कर रहा हूं अपनी पार्टी को भी नहीं. नागरिक समाज को साथ रहना चाहिए. वोट जिसे देना हो दें. मैं किसी को पार्टी को वोट देने नहीं कह रहा हूं. लेकिन समाज के तौर पर एक साथ रहिए. शादी और शोक में एक-दूसरे की मदद करें, चाहे वोट किसी को भी दें. जाति, धर्म के बावजूद सभी को न्याय मिले हमें इसका ध्यान रखना है.
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#WATCH ...Political parties may create a divide 24x7 on basis of religion, caste & other things; I'm not forgiving any party incl mine...Civil society should stay together. Justice must be given to everyone irrespective of caste, religion: Ghulam N Azad, Cong at an event in Jammu pic.twitter.com/2OCo76ny4x
— ANI (@ANI) March 20, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) March 20, 2022#WATCH ...Political parties may create a divide 24x7 on basis of religion, caste & other things; I'm not forgiving any party incl mine...Civil society should stay together. Justice must be given to everyone irrespective of caste, religion: Ghulam N Azad, Cong at an event in Jammu pic.twitter.com/2OCo76ny4x
— ANI (@ANI) March 20, 2022
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आजाद ने जम्मू में कहा, 'सिविल सोसायटी का काम है दिशा देना. लेकिन हम प्यार से रहकर भी तो वही कर सकते हैं... आचार्य कृपलानी और मिसेज कृपलानी दिन में अलग पार्टीज के खिलाफ काम करते थे मगर रात को खाना देता तो मिसेज कृपलानी का ही काम था. क्या हम ये आज नहीं कर सकते कि विचार हम अपनी-अपनी पार्टी को दे दें मगर शादी-ब्याह, मरने-जीने में हम इकट्ठे हों? एक-दूसरे के घर आएं-जाएं?'