श्रीनगर : पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर घाटी में आम नागरिकों की हत्याओं पर चिंता जाहिर की है. जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले पहुंचे आजाद ने कहा कि ऐसे मामलों की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए, ताकि किसी निर्दोष व्यक्ति के साथ दोबारा ऐसी घटना न हो.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने डोडा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह कश्मीर घाटी में आम नागरिकों की हत्याओं से दुखी हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हुई हैं और उस वक्त भी राजनीतिक नेताओं को कार ब्लास्ट या अन्य तरीकों से निशाना बनाया जाता था. लेकिन सरकार ने इसका हल ढूंढ निकाला और काफी हद तक इस पर काबू पा लिया था.
उन्होंने कहा कि सरकार को इन मामलों की तह तक जाना चाहिए और जांच करनी चाहिए कि कैसे आतंकवादी आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं और अब तक किसी की गिरफ्तार नहीं हुई है. आजाद ने कहा कि इससे पहले जब भी इस तरह की घटना होती थी तो दो-तीन दिन के अंदर ही आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया जाता था.
जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक नेताओं के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पहले सभी राजनीतिक दलों को आजादी थी. विपक्ष में रहते हुए भी वह लोगों की आवाज उठाते थे, लेकिन आज माहौल बदल गया है. सत्ता में आने के बाद से भाजपा ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की आवाज को दबाने की कोशिश की है.
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उन्होंने कहा कि आज सिर्फ भाजपा से जुड़े लोगों को ही सरकारी टेंडर मिल रहे हैं. अन्य लोगों के टेंडर पास नहीं हो रहे हैं. जबकि कांग्रेस के शासनकाल में सभी धर्मों के लोगों को एक साथ लेकर उनकी समस्याओं का हल किया जाता था, यही लोकतंत्र की खूबसूरती है. लेकिन पिछले कुछ सालों से लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश हो रही है.