नई दिल्ली/गाजियाबाद: बुजुर्ग के साथ मारपीट का वीडियो वायरल का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी को कानूनी नोटिस भेजा है. पुलिस जानना चाहती है कि वक्त पर सूचना देने के बावजूद वीडियो को वायरल होने से माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने रोका क्यों नहीं. नोटिस में ट्विटर के मैनेजिंग डायरेक्टर को जवाब दाखिल करने के लिए 7 दिन का वक्त दिया गया है.
15 जून को हुआ था मुकदमा दर्ज
बीती 15 जून को लोनी बॉर्डर थाने में पुलिस ने एक मुकदमा दर्ज किया था. मामले में टि्वटर इंडिया और 7 अन्य पर यह मुकदमा दर्ज किया गया था. दर्ज FIR में साफ तौर पर इस बात का जिक्र है कि जब वीडियो गलत तरह से वायरल हो रहा था, उस समय ट्विटर ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे माहौल तनावपूर्ण होता चला गया. इस कारण से हालात बिगड़ने के कगार पर पहुंच गए थे. आमतौर पर ऐसे न्यूज़ को ट्विटर मैनिपुलेटेड का टैग देता है, लेकिन उक्त मामले में इसके लिए उसका इस्तेमाल भी नहीं किया गया.
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नोटिस का जवाब देने के लिए ट्विटर के पास पूरे 1 हफ्ते का वक्त है. नोटिस सीधे टि्वटर कम्युनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड मुंबई के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी के नाम भेजा गया है.
नोटिस में क्या कहा गया-
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गाजियाबाद के एसपी इराज रजा ने कहा हमने ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी को तलब किया है और उनसे एक सप्ताह के भीतर मेल के माध्यम से कुछ विवरण भी मांगा है. मुझे उम्मीद है कि वह जांच में सहयोग करेंगे.
डीआईजी अमित पाठक का कहना है कि घटना के बाद शुरू में पुलिस को पूरी बात नहीं बताई गई थी. ये बात पुलिस से छुपाई गयी थी कि मारपीट किसके द्वारा की गई है. वहीं पुलिस का ये कहना है कि जिस मोबाइल से वीडियो शूट किया गया है, उसकी तलाश तेजी से की जा रही है. मोबाइल मिलने के बाद उसकी फॉरेंसिक जांच भी करवाई जाएगी. पुलिस का यह भी कहना है कि अब तक जितने भी डिजिटल एविडेंस पुलिस को मिले हैं उन सबको फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा चुका है. पुलिस को शक है कि मोबाइल में कुछ अन्य राज भी दफन हो सकते हैं.
क्या है मामला ?
यूपी के लोनी बॉर्डर के पास एक बुजुर्ग की पिटाई की गई थी साथ ही उसकी दाढ़ी काटी गई थी. पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आया कि पीड़ित व्यक्ति अब्दुल समद बीते बुलंदशहर के रहने वाले हैं. बीते 5 जून को वे लोनी बॉर्डर के बेहटा पहुंचे थे. अब्दुल समद वहां से एक अन्य व्यक्ति के साथ आरोपी प्रवेश गुज्जर के घर बंथला गए थे. पुलिस का कहना है कि पीड़ित अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करते हैं, उनके द्वारा बनाए गए ताबीज का उल्टा असर होने पर आरोपी व उसके सहयोगियों ने यह कृत्य किया. इसके पीछे किसी तरह का सांप्रदायिक कारण नहीं है. पुलिस ने वीडियो वायरल होने से रोकने के कोई उपाय न करने पर ट्विटर व वीडियो वायरल करने के आरोप में कुल सात लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली है.
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वहीं मामले में वीडियो बनाने में इस्तेमाल किए गए मोबाइल को अभी तक पुलिस नहीं तलाश पाई है. इस मामले में लगातार नई-नई बातें निकल कर सामने आ रही है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पीड़ित बुजुर्ग और उनके परिवार की तरफ से बयान बार-बार बदला गया है.