हैदराबाद : आमतौर पर डॉक्टर किसी भी छोटी सर्जरी को करने से पहले मरीजों को हिम्मत देते हैं कि डरने की कोई जरूरत नहीं है. संभवत: डॉक्टरों ने शब्दों के साथ समझाना कठिन समझा होगा और इसीलिए गुंटूर के डॉक्टरों ने सिनेमा दिखाते हुए मरीज की सर्जरी की थी. 2017 में हुई इस सर्जरी के विवरण को वैज्ञानिक अनुसंधान पत्रिका के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने ताजा संस्करण में प्रकाशित किया गया था. यह स्वाभाविक है कि सर्जरी के बारे में सुनकर कोई भी डर जाएगा. ऐसी स्थिति में मरीज डॉक्टर के साहस और रवैये के आधार पर सर्जरी के लिए तैयार होता है. ठीक ऐसी ही स्थिति में गुंटूर सरकारी अस्पताल (जीजीएच) के सर्जन हनुमा श्रीनिवास रेड्डी ने एक दुर्लभ सर्जरी की थी.
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प्रकाशम के मरकापुरम में सरकारी अस्पताल की एक स्टाफ नर्स को सिर में ट्यूमर था. समस्या पता चलने पर जीजीएच के डॉक्टरों ने तुरंत ऑपरेशन करके उसकी जान बचाने के लिए ट्यूमर को हटाने का फैसला किया था. जब मरीज को इंटर ऑपरेटिव न्यूरो नेविगेशन प्रक्रिया के माध्यम से सक्रिय किया गया था, तो उन्हें ऑपरेशन करना पड़ा. ऑपरेशन की आशंका होने पर डॉक्टर को एक अभिनव विचार मिला. बाहुबली-2 फिल्म देखने के लिए स्टाफ नर्स की रुचि का पता चलने पर डॉक्टर ने लैपटॉप में सिनेमा दिखाया और ऑपरेशन थियेटर में सफलतापूर्वक सर्जरी की.
बाद में डॉक्टरों ने इस विधि को नॉवेल सिनेमा थेरेपी कहा. हनुमा श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि उन्होंने केवल डेढ़ घंटे में मरीज को बिना किसी समस्या के सफलतापूर्वक सर्जरी की. जब उन्होंने 2017 में किए गए सर्जरी के विवरण को भेजा, तो वैज्ञानिक अनुसंधान पत्रिका के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने ताजा संस्करण में इसे प्रकाशित किया. डॉक्टरों ने कहा कि उन्होंने 12 अंतर ऑपरेटिव न्यूरो नेविगेशन सर्जरी सफलतापूर्वक की है.