जयपुर. राजस्थान में आर्थिक अपराध पर नकेल कसने के लिए अशोक गहलोत सरकार ने बड़ा निर्णय किया है. सीएम गहलोत ने राजस्व आसूचना और आर्थिक अपराध निदेशालय के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके बाद अब राजस्थान में आर्थिक अपराधों की रोकथाम और राजस्व के स्त्रोतों पर बेहतर रूप से निगरानी रखी जा सकेगी. सीएम ने प्रशासनिक विभाग को नोडल निदेशालय बनाया है.
इसके तहत निदेशालय की तरफ से आर्थिक अपराधों के नियंत्रण, जांच और अभियोजन के कार्य किए जाएंगे. इसमें भूमि पर अवैध कब्जा करने, रियल एस्टेट में धोखाधड़ी, अनियमितता करने, बैंक, बीमा या जमापूंजी संबंधी कार्य में धोखाधड़ी या अनियमितता करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. इसी प्रकार झूठा दिवालियापन घोषित करने, फर्जी कम्पनियों का गठन करने, सरकारी साख समितियों के कार्य में धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
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इसके साथ ही राज्य में राजस्व रिसाव की विभिन्न स्त्रोतों से सूचना प्राप्त कर उनका विश्लेषण तथा जांच की जाएगी. बता दें कि राजस्थान में राज्य राजस्व आसूचना निदेशालय पहले से संचालित है. सीएम गहलोत ने बजट 2022-23 में आर्थिक अपराध निदेशालय की घोषणा की थी. दोनों का सम्मिलन करने से मानव संसाधन और अपराधों की जांच में भी विश्लेषणात्मक क्षमता का समुचित उपयोग होगा.
निदेशालय के लिए इतने पद सृजितः निदेशालय के लिए महानिदेशक/आयुक्त का एक पद, अतिरिक्त निदेशक के 4 पद, संयुक्त निदेशक के 10 पद और उप निदेशक के 20 पद सृजित होंगे. ये पद प्रतिनियुक्ति के जरिए भरे जाएंगे. इसके साथ ही अतिरिक्त कार्य निष्पादन के लिए मुख्य लेखाधिकारी, उपविधि परामर्शी, कनिष्ठ लेखाकार, एनालिस्ट-कम-प्रोग्रामर, प्रोग्रामर का एक-एक पद सृजित होगा. वहीं, विधि सहायक, सहायक प्रोग्रामर के दो-दो पद, सूचना सहायक के 5, वरिष्ठ लिपिक, सहायक कर्मचारी के 12-12, कनिष्ठ लिपिक के 24 तथा वाहन चालक के 10 पद सृजित होंगे.