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Geeta Gyan : फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने... - geeta gyan

फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है. तेरा-मेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो. प्रबुद्ध व्यक्ति सिवाय ईश्वर के किसी और पर निर्भर नहीं रहता. अपने अनिवार्य काम करो क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है. Geeta Saar . motivational quotes . Geeta Gyan .

Geeta Gyan
गीता सार
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Published : Jan 14, 2023, 7:32 AM IST

तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया जो आज तुम्हारा है, वह कल किसी और का होगा क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है. तुमने जो लिया यहीं से लिया , जो दिया यहीं पर दिया जो आज तुम्हारा है, वह कल किसी और का होगा क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है. अपने अनिवार्य काम करो क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है. Geeta Saar . motivational quotes . Geeta Gyan .

जानने की शक्ति, सच को झूठ से पृथक करने वाली जो विवेक-बुद्धि है, उसी का नाम ज्ञान है. फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है. जब व्यक्ति अपने कार्य में आनंद खोज लेता है, तब वह पूर्णता को प्राप्त करता है. फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है. तेरा-मेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो. प्रबुद्ध व्यक्ति सिवाय ईश्वर के किसी और पर निर्भर नहीं रहता.

क्रोध से मति मारी जाती है और मनुष्य की बुद्धि नष्ट हो जाती है, बुद्धि का नाश होने पर मनुष्य स्वयं का ही नाश कर बैठता है. जानने की शक्ति, सच को झूठ से पृथक करने वाली जो विवेक बुद्धि है, उसी का नाम ज्ञान है. स्वयं अपना उद्धार करें, अपना पतन नहीं क्योंकि तुम ही अपने मित्र और तुम ही अपने शत्रु हो. कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है. मानव कल्याण ही भगवत गीता का प्रमुख उद्देश्य है, इसलिए मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करते समय मानव कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिए.

जब मनुष्य अपने काम में आनंद खोज लेता है तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं. जिस प्रकार अग्नि स्वर्ण को परखती है, उसी प्रकार संकट वीर पुरुषों को. तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया, जो आज तुम्हारा है कल किसी और का होगा क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है.तेरा-मेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया, मन से मिटा दो फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो.

तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया जो आज तुम्हारा है, वह कल किसी और का होगा क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है. तुमने जो लिया यहीं से लिया , जो दिया यहीं पर दिया जो आज तुम्हारा है, वह कल किसी और का होगा क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है. अपने अनिवार्य काम करो क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है. Geeta Saar . motivational quotes . Geeta Gyan .

जानने की शक्ति, सच को झूठ से पृथक करने वाली जो विवेक-बुद्धि है, उसी का नाम ज्ञान है. फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है. जब व्यक्ति अपने कार्य में आनंद खोज लेता है, तब वह पूर्णता को प्राप्त करता है. फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है. तेरा-मेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो. प्रबुद्ध व्यक्ति सिवाय ईश्वर के किसी और पर निर्भर नहीं रहता.

क्रोध से मति मारी जाती है और मनुष्य की बुद्धि नष्ट हो जाती है, बुद्धि का नाश होने पर मनुष्य स्वयं का ही नाश कर बैठता है. जानने की शक्ति, सच को झूठ से पृथक करने वाली जो विवेक बुद्धि है, उसी का नाम ज्ञान है. स्वयं अपना उद्धार करें, अपना पतन नहीं क्योंकि तुम ही अपने मित्र और तुम ही अपने शत्रु हो. कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है. मानव कल्याण ही भगवत गीता का प्रमुख उद्देश्य है, इसलिए मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करते समय मानव कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिए.

जब मनुष्य अपने काम में आनंद खोज लेता है तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं. जिस प्रकार अग्नि स्वर्ण को परखती है, उसी प्रकार संकट वीर पुरुषों को. तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया, जो आज तुम्हारा है कल किसी और का होगा क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है.तेरा-मेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया, मन से मिटा दो फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो.

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