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गीता को नहीं मिला परिवार, कुछ महीने परभणी में रखा जाएगा

साल 2015 में पाकिस्तान से भारत लाई गई गीता को अब तक उनका परिवार नहीं मिला है. हालांकि, अब तक लगभग 20 परिवारों ने दावा किया है की गीता उनकी बेटी है. लेकिन अधिकांश परिवारों का डीएनए गीता से मेल नहीं खाता था. अब उन्हें महाराष्ट्र के परभणी जिला लाया गया है. इंदौर की आनंद सेवा सोसायटी के प्रमुख ज्ञानेंद्र पुरोहित का कहना है कि गीता को खाने और अन्य आदतों के आधार पर, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वह महाराष्ट्र के मराठवाड़ा से है.

गीता
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Published : Dec 28, 2020, 9:54 PM IST

मुंबई : साल 2015 में पाकिस्तान से लाई गई मूक बधिर गीता को अब तक अपने परिवार वाले नहीं मिले हैं. गीता को खाने, रहने और अन्य आदतों के आधार पर, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वह महाराष्ट्र के मराठवाड़ा से है. इसलिए गीता को अगले कुछ महीनों के लिए परभणी में रखा जाएगा.

इंदौर की आनंद सेवा सोसायटी के प्रमुख ज्ञानेंद्र पुरोहित के साथ गीता आज परभणी पहुंची. इस दौरान ईटीवी भारत ने ज्ञानेंद्र पुरोहित से बातचीत की.

उन्होंने कहा कि परभणी में बधिरों के लिए काम करने वाले 'पहल फाउंडेशन' के माध्यम से गीता के परिवार को खोजने के लिए अभियान चलाया जाएगा. गीता को अगले कुछ महीनों के लिए परभणी में ही रखा जाएगा.

कुछ महीनों तक परभणी में रहेगी गीता

उन्होंने कहा कि उसकी बचपन की यादों के अनुसार, उसके घर के पास एक रेलवे स्टेशन है और क्षेत्र से होकर एक नदी बहती है. वह यह भी कहती है कि उसके घर के पास मूंगफली, गन्ना और चावल की खेती की जाती है. यह दृश्य परभणी जिले के पूर्णा और गंगाखेड में है. इसलिए उसके परिवार को पूर्णा और गंगाखेड क्षेत्रों में खोजा जाएगा.

सांकेतिक भाषा के जरिए गीता ने बताया कि वो जिस परिवार में रहती थी वहां माता-पिता के साथ पांच भाई-बहन भी रहते थे, गीता का परिवार पिछले पांच वर्षों से खोजा जा रहा है. लगभग 20 परिवारों ने दावा किया है की गीता उनकी बेटी है.

यह भी पढ़ें- पाक से लौटी गीता से मिला तेलंगाना का परिवार, नहीं हो सकी पहचान, तलाश जारी

हालांकि, अधिकांश परिवारों का डीएनए गीत से मेल नहीं हुआ. गीता दो हफ्ते पहले ही तेलंगाना गई थी. फिलहाल, एक बार फिर गीता के परिजनों को ढूंढने के लेकर पुलिस और सामाजिक संगठन तेजी से जुटे हुए हैं और इस बार माना जा रहा है गीता के घर-परिवार की तलाश पूरी हो सकती है.

गीता को खोजने के लिए क्या किया?

  • 22 अक्टूबर, 2012 को अंसार बर्नी के भारत आने पर हमने ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. उसी दिन गीता का मामला पहली बार उठा था. इस दौरान पंजाब के सोशल एक्टिविस्ट एचएस पवार भी मौजूद थे.
  • मोमिन मलिक ने एलान किया था कि जो आदमी भी गीता के बारे में बताएगा उसे एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा. इसके बाद मोमिन मलिक ने पाकिस्तान हाईकमीशन को गीता को लेकर लेटर भेजा था.

कौन है गीता ?

  • गीता 14 साल तक पाकिस्तान में रही. गलती से सीमा पार करने के बाद उसे पाकिस्तान के पंजाब में रेंजर्स ने देखा था.
  • रेंजर्स पहले उसे लाहौर के ईदी फाउंडेशन में ले गए थे.
  • बाद में कराची में इसी संगठन के एक शेल्टर होम में उसे भेज दिया गया.
  • कराची में ‘मदर ऑफ पाकिस्तान' के नाम से मशहूर बिलकिस ईदी ने इस लड़की का नाम गीता रखा.

मुंबई : साल 2015 में पाकिस्तान से लाई गई मूक बधिर गीता को अब तक अपने परिवार वाले नहीं मिले हैं. गीता को खाने, रहने और अन्य आदतों के आधार पर, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वह महाराष्ट्र के मराठवाड़ा से है. इसलिए गीता को अगले कुछ महीनों के लिए परभणी में रखा जाएगा.

इंदौर की आनंद सेवा सोसायटी के प्रमुख ज्ञानेंद्र पुरोहित के साथ गीता आज परभणी पहुंची. इस दौरान ईटीवी भारत ने ज्ञानेंद्र पुरोहित से बातचीत की.

उन्होंने कहा कि परभणी में बधिरों के लिए काम करने वाले 'पहल फाउंडेशन' के माध्यम से गीता के परिवार को खोजने के लिए अभियान चलाया जाएगा. गीता को अगले कुछ महीनों के लिए परभणी में ही रखा जाएगा.

कुछ महीनों तक परभणी में रहेगी गीता

उन्होंने कहा कि उसकी बचपन की यादों के अनुसार, उसके घर के पास एक रेलवे स्टेशन है और क्षेत्र से होकर एक नदी बहती है. वह यह भी कहती है कि उसके घर के पास मूंगफली, गन्ना और चावल की खेती की जाती है. यह दृश्य परभणी जिले के पूर्णा और गंगाखेड में है. इसलिए उसके परिवार को पूर्णा और गंगाखेड क्षेत्रों में खोजा जाएगा.

सांकेतिक भाषा के जरिए गीता ने बताया कि वो जिस परिवार में रहती थी वहां माता-पिता के साथ पांच भाई-बहन भी रहते थे, गीता का परिवार पिछले पांच वर्षों से खोजा जा रहा है. लगभग 20 परिवारों ने दावा किया है की गीता उनकी बेटी है.

यह भी पढ़ें- पाक से लौटी गीता से मिला तेलंगाना का परिवार, नहीं हो सकी पहचान, तलाश जारी

हालांकि, अधिकांश परिवारों का डीएनए गीत से मेल नहीं हुआ. गीता दो हफ्ते पहले ही तेलंगाना गई थी. फिलहाल, एक बार फिर गीता के परिजनों को ढूंढने के लेकर पुलिस और सामाजिक संगठन तेजी से जुटे हुए हैं और इस बार माना जा रहा है गीता के घर-परिवार की तलाश पूरी हो सकती है.

गीता को खोजने के लिए क्या किया?

  • 22 अक्टूबर, 2012 को अंसार बर्नी के भारत आने पर हमने ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. उसी दिन गीता का मामला पहली बार उठा था. इस दौरान पंजाब के सोशल एक्टिविस्ट एचएस पवार भी मौजूद थे.
  • मोमिन मलिक ने एलान किया था कि जो आदमी भी गीता के बारे में बताएगा उसे एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा. इसके बाद मोमिन मलिक ने पाकिस्तान हाईकमीशन को गीता को लेकर लेटर भेजा था.

कौन है गीता ?

  • गीता 14 साल तक पाकिस्तान में रही. गलती से सीमा पार करने के बाद उसे पाकिस्तान के पंजाब में रेंजर्स ने देखा था.
  • रेंजर्स पहले उसे लाहौर के ईदी फाउंडेशन में ले गए थे.
  • बाद में कराची में इसी संगठन के एक शेल्टर होम में उसे भेज दिया गया.
  • कराची में ‘मदर ऑफ पाकिस्तान' के नाम से मशहूर बिलकिस ईदी ने इस लड़की का नाम गीता रखा.
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