गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले के मरवाही वन मंडल के खोडरी वन परिक्षेत्र में बुधवार को तेंदुए के शावक का शव मिला है. मंगलवार को ये शावक अपनी मां से बिछड़ कर ग्रामीण को जीवित अवस्था में जंगल के पास के गांव में मिला था. ग्रामीण ने शावक को खोडरी वन परिक्षेत्र के अधिकारियों को सौंप दिया था. बुधवार को शावक की मौत हो गई. मामले में वन विभाग कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं.
वन विभाग पर उठे सवाल: तेंदुए के इस शावक को वन विभाग को नियमानुसार वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर भेजना था. रेस्क्यू सेंटर में तेंदुए के शावक का ठीक से रखरखाव हो सकता था. हालांकि वन विभाग की लापरवाही के कारण वन अधिकारियों ने इसे अपने पास ही रखा. बुधवार सुबह शावक की मौत हो गई. जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया.
कुपोषण का शिकार था शावक: वन विभाग की मानें तो शावक पहले से ही कमजोर था. तीन माह का शावक कुपोषित था, जिसके कारण उसकी मौत हो गई. वहीं, विभग ने पोस्टमार्टम की फुल रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारण का पता लगने की बात कह रही है. इधर, पोस्टमार्टम करने वाली पशु चिकित्सक का मानना है कि तेंदुए के शावक के पेट में फटा हुआ दूध मिला है. हो सकता है दूध पिलाने के तरीके और दूध की गुणवत्ता के कारण भी शावक की मौत हुई हो.
शावक पहले से ही कमजोर था. फिलहाल कुछ भी कहा नहीं जा सकता. शव का पोस्टमार्टम करने के बाद अंतिम संस्कार के लिए भेज दिया गया. मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ भी पता चल पाएगा. -शशि कुमार, वनमंडलाधिकारी, मरवाही वन मंडल
वाइल्डलाइफ संस्था से जुड़े जानकार का क्या है कहना : वहीं वाइल्डलाइफ एनटीसीए के सदस्य मंसूर खान ने बताया कि "मुझे इस घटना की जानकारी बुधवार सुबह को मिली. तेंदुए के शावक की मौत मामले में जो शुरुआती पीएम रिपोर्ट है. उससे यह पता चला है कि शावक की मौत निमोनिया से हुई है. तेंदुए के जीवन प्रणाली को समझे तो कमजोर शावक को मादा तेंदुआ छोड़ देती है. हो सकता है कि इस शावक के साथ भी ऐसा ही हुआ है."
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत के कारण का होगा खुलासा: फिलहाल वन विभाग के अधिकारी इस मामले में खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा. इधर, पोस्टमार्टम के बादखोडरी वन परिक्षेत्र क्षेत्र के प्रांगण में वन अधिकारियों की मौजूदगी में शावक का अंतिम संस्कार किया गया.