मुंबई : मुंबई में गणेश उत्सव के दसवें दिन रविवार को शहर में अलग-अलग जगहों पर गणपति और गौरी की 466 से ज्यादा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया. स्थानीय निकाय के अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 (covid-19) के कारण इस बार लगातार दूसरे साल बेहद कड़ी पाबंदियों के साथ गणपति स्थापना और उत्सव मनाया गया. उन्होंने बताया कि विसर्जन के दौरान अभी तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
सामान्य वर्षों में गणेश उत्सव के दौरान मुंबई में गणपति पंडालों में भारी भीड़, दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें नजर आती थीं, लेकिन पिछले दो वर्षों से उत्सव कुछ फीका सा है. इस साल गणेश उत्सव 10 सितंबर से शुरू हुआ था.
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (Brihanmumbai Municipal Corporation- BMC) के एक अधिकारी ने बताया कि नगर निकाय ने गणपति विसर्जन (Ganapati immersion) के लिए शहर में 173 जगहों पर कृत्रिम झील बनाए हैं, इसके अलावा प्रतिमाएं एकत्र करने के लिए केन्द्र, सचल विसर्जन स्थल भी बनाए गए हैं. ये सारी व्यवस्था कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए की गई है. उन्होंने बताया कि बीएमसी के अधिकार क्षेत्र में 73 प्राकृतिक जल स्रोतों में गणपति विसर्जन की पूरी व्यवस्था की गई है.
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रविवार दोपहर 12 बजे तक 17 सार्वजनिक मंडलों की प्रतिमाओं, 444 निजी रूप से स्थापित प्रतिमाओं और देवी गौरी की पांच प्रतिमाओं का विभिन्न स्थानों पर विसर्जन किया गया. उन्होंने बताया कि इन प्रतिमाओं में से नौ सार्वजनिक पंडालों, 162 निजी रूप से स्थापित प्रतिमाओं और देवी गौरी की तीन प्रतिमाओं का विसर्जन कृत्रिम झीलों में किया गया.
उन्होंने बताया कि बीएमसी ने विसर्जन को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक जल स्रोत वाले विसर्जन स्थलों पर 715 लाइफ गार्ड तैनात किए थे. स्थानीय निकाय ने 338 निर्मल कलश (जिनमें फूल आदि अन्य पूजन सामग्री एकत्र की जाती है), 182 निर्मल वाहन, 185 नियंत्रण कक्ष, 144 प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों और 39 एम्बुलेंस की व्यवस्था की थी.
(पीटीआई-भाषा)